तू गाव-तकिए के सहारे लेट गई। तेरे सामने एक मेज थी, जिस पर तूने मेरा सुगन्धित धूप-द्रव्य और पवित्र तेल रखा था।
यहेजकेल 44:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे मेरे पवित्र स्थान में प्रवेश करेंगे। वे मेरी सेवा के लिए मेरी मेज के समीप आएंगे। वे ही मेरी सेवा का दायित्व संभालेंगे। पवित्र बाइबल “वे मेरे पवित्र स्थान में प्रवेश करेंगे। वे मेरी मेज के पास मेरी सेवा करने आएंगे। वे उन चीजों की देखमाल करेंगे जिन्हें मैंने उन्हें दीं। Hindi Holy Bible वे मेरे पवित्र स्थान में आया करें, और मेरी मेज़ के पास मेरी सेवा टहल करने को आएं और मेरी वस्तुओं की रक्षा करें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे मेरे पवित्रस्थान में आया करें, और मेरी मेज के पास मेरी सेवा टहल करने को आएँ और मेरी वस्तुओं की रक्षा करें। सरल हिन्दी बाइबल सिर्फ वे ही मेरे पवित्र स्थान में प्रवेश करें; सिर्फ वे ही मेरे सामने सेवा करने के लिये मेरी मेज़ के पास आएं और पहरेदार के रूप में मेरी सेवा करें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे मेरे पवित्रस्थान में आया करें, और मेरी मेज के पास मेरी सेवा टहल करने को आएँ और मेरी वस्तुओं की रक्षा करें। |
तू गाव-तकिए के सहारे लेट गई। तेरे सामने एक मेज थी, जिस पर तूने मेरा सुगन्धित धूप-द्रव्य और पवित्र तेल रखा था।
वह लकड़ी की वेदी के समान था। वह डेढ़ मीटर ऊंचा, एक मीटर लम्बा और एक मीटर चौड़ा था। उसके कोने, उसका आधार और उसके अलंग लकड़ी के थे। उसने मुझसे कहा, ‘यह प्रभु के सम्मुख की मेज है।’
परन्तु तुम अपने इस विचार से कि प्रभु की मेज पवित्र नहीं है, उसे अपवित्र कर देते हो। अत: जो भोजन स्वयं तुम्हारी दृष्टि में तुच्छ है, वह तुम मेरी मेज पर चढ़ाते हो।’
तुम मेरी वेदी पर दूषित भोजन चढ़ाकर मेरा अपमान करते हो, और फिर मुझसे कहते हो, “हमने कैसे उसे दूषित किया?” तुमने अपने हृदय में यह सोचा कि प्रभु की मेज का कोई महत्व नहीं है।
क्या यह छोटी बात है कि इस्राएल के परमेश्वर ने इस्राएली मंडली से तुम्हें चुन कर अलग किया कि तुम उसके समीप आकर उसके निवास-स्थान में सेवा-कार्य करो, मंडली के सम्मुख खड़े होकर उसका उत्तरदायित्व संभालो?
किन्तु तुम लोग पवित्र-स्थान तथा वेदी के समस्त सेवा-कार्य का दायित्व संभालोगे जिससे इस्राएली समाज पर मेरा क्रोध पुन: न भड़के।
और अपने पिता परमेश्वर के लिए हमें पुरोहितों का राजवंश बनाया। उनकी महिमा और उनका सामर्थ्य युग-युगों तक बना रहे! आमेन!
मैं अपने लिए एक विश्वसनीय पुरोहित नियुक्त करूँगा, जो मेरे हृदय और प्राण की इच्छा के अनुसार कार्य करेगा। मैं उसके लिए सुदृढ़ घर का निर्माण करूँगा। वह मेरे अभिषिक्त के सम्मुख सदा रहकर उसकी सेवा करेगा, और उसका कृपा-पात्र बनेगा।