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यहेजकेल 41:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

कमरे ऊपर की मंजिलों की ओर क्रमश: चौड़े होते गए थे, क्‍योंकि मन्‍दिर की दीवारों के मोड़ भी ऊपर की मन्‍जिल की ओर क्रमश: चौड़े होते गए थे। मोड़ों की चौड़ाई और कमरों की चौड़ाई समान अनुपात में थी। मन्‍दिर के एक ओर जीना था, जो ऊपर की ओर गया था। उसी से होकर कोई भी व्यक्‍ति नीचे की मंजिल से दूसरी, तीसरी मंजिल पर जा सकता था।

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पवित्र बाइबल

मन्दिर के चारों ओर बगल के कमरों की मंजिल नीचे की मंजिल से अधिक चौड़ी थी। मन्दिर के चारों ओर ऊँचा चबूतरा हर मंजिल पर मन्दिर की हर एक ओर फैला हुआ था। इसलिए सबसे ऊपर के मंजिल पर कमरे अधिक चौड़े थे। दूसरी मंजिल से होकर एक सीढ़ी सबसे नीचे के मंजिल से सबसे उँचे मंजिल तक गई थी।

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Hindi Holy Bible

और भवन के आस पास जो कोठरियां बाहर थीं, उन में से जो ऊपर थीं, वे अधिक चौड़ी थीं; अर्थात भवन के आस पास जो कुछ बना था, वह जैसे जैसे ऊपर की ओर चढ़ता गया, वैसे वैसे चौड़ा होता गया; इस रीति, इस घर की चौड़ाई ऊपर की ओर बढ़ी हुई थी, और लोग नीचले महल के बीच से उपरले महल को चढ़ सकते थे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

भवन के आसपास जो कोठरियाँ बाहर थीं, उनमें से जो ऊपर थीं, वे अधिक चौड़ी थीं; अर्थात् भवन के आसपास जो कुछ बना था, वह जैसे जैसे ऊपर की ओर चढ़ता गया, वैसे वैसे चौड़ा होता गया; इस रीति, इस घर की चौड़ाई ऊपर की ओर बढ़ गई थी, और लोग निचली मंजिल के बीच से ऊपरी मंजिल को चढ़ सकते थे।

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सरल हिन्दी बाइबल

मंदिर के चारों ओर बाजू के कमरे हर मंजिल पर चौड़े होते गये थे. मंदिर के चारों ओर की संरचना हर मंजिल बड़ी होती गई थी. जिसके कारण ऊपर जाने पर कमरे चौड़े होते गये थे. निचली मंजिल से एक सीढ़ी बीच की मंजिल से होते हुए ऊपर की मंजिल तक गई थी.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

भवन के आस-पास जो कोठरियाँ बाहर थीं, उनमें से जो ऊपर थीं, वे अधिक चौड़ी थीं; अर्थात् भवन के आस-पास जो कुछ बना था, वह जैसे-जैसे ऊपर की ओर चढ़ता गया, वैसे-वैसे चौड़ा होता गया; इस रीति, इस घर की चौड़ाई ऊपर की ओर बढ़ी हुई थी, और लोग निचली मंजिल के बीच से ऊपरी मंजिल को चढ़ सकते थे।

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यहेजकेल 41:7
4 क्रॉस रेफरेंस  

उसने मध्‍यभाग और पवित्र अन्‍तर्गृह के चारों ओर, भवन की दीवार पर छत बनाई। उसने चारों ओर तोरण-पथ बनाए।


निचले तोरण-पथ का प्रवेश-द्वार भवन की दाहिनी ओर के कोने में था। इस प्रवेश-द्वार पर एक जीना था, जो मध्‍यवर्ती तोरण-पथ को तथा मध्‍यवर्ती तोरण-पथ से उपरले तोरण-पथ को जाता था।


राई का बीज तो सब बीजों से छोटा होता है, परन्‍तु बढ़कर सब पौधों से बड़ा हो जाता है और ऐसा पेड़ बनता है कि आकाश के पक्षी आ कर उसकी डालियों में बसेरा करते हैं।”


इसलिए हम मसीह-सम्‍बन्‍धी प्रारम्‍भिक शिक्षा से आगे बढ़कर सिद्धता की ओर प्रगति करें। अब हम मृत्‍यु की ओर ले जाने वाले कर्मों से हृदय-परिवर्तन, परमेश्‍वर में विश्‍वास,