इसलिए ओ मानव, तू निष्कासन का सामान तैयार कर, और दिन के समय उनकी आंखों के सामने नगर से निष्कासित हो। तू निष्कासित व्यक्ति के समान उनकी आंखों के सामने अपने निवास-स्थान से दूसरे स्थान को चले जाना। यद्यपि इस्राएली लोग विद्रोही हैं, परन्तु हो सकता है, वे तुझ पर ध्यान दें।
तब तू उन से यह कहना, स्वामी-प्रभु यों कहता है : सुनो, मैं यूसुफ की पट्टी को (जो एफ्रइम के हाथ में है) तथा उसके संगी-साथी इस्राएल के कुलों को लेनेवाला हूं। उसके पश्चात् मैं उसको यहूदा की पट्टी से जोड़ दूंगा, मैं उन्हें एक ही पट्टी बनाऊंगा, और वे दोनों मेरे हाथ में एक हो जाएंगे।
इसके पश्चात् तू उनसे यह कहना, स्वामी-प्रभु यों कहता है : देखो, इस्राएल-वंशी जिन-जिन देशों में चले गए हैं, मैं उनको वहां से, चारों ओर के देशों से एकत्र करूंगा, और उनको उनकी अपनी भूमि पर लाऊंगा।