‘मैं अपना आत्मा तुममें प्रतिष्ठित करूंगा, और तुम जीवित हो जाओगे! मैं तुम्हें तुम्हारे अपने देश में पुन: बसाऊंगा। तब तुम्हें अनुभव होगा कि मैंने, तुम्हारे प्रभु ने ही यह कहा था; और मैंने अपने वचन के अनुसार उसको पूरा भी किया है।’ प्रभु की यह वाणी है।
‘ओ मानव, तू लकड़ी की एक पट्टी ले, और उस पर यह लिख : “यह पट्टी यहूदा की और उसके साथी इस्राएल की सन्तान की है।” इसके बाद तू दूसरी पट्टी लेना, और उस पर यह लिखना : “यह पट्टी यूसुफ की अर्थात् एफ्रइम की तथा उसके साथी समस्त इस्राएल वंशियों की है।”