उसका नाम सदा बना रहे; जबतक सूर्य है, तब तक उसका वंश राज्य करे। लोग उसके कारण स्वयं को धन्य मानें, समस्त राष्ट्र उसको धन्य कहें।
यहेजकेल 34:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं अपने निज लोगों के लिए उपजाऊ खेतों और उद्यानों की व्यवस्था करूंगा। तब वे अपने देश में भूख से नहीं मरेंगे, और न ही उनके पड़ोसी राष्ट्र उन का मजाक उड़ाएंगे। पवित्र बाइबल मैं उन्हें कुछ ऐसी भूमि दूँगा जो एक अच्छा उद्यान बनेगी। तब वे उस देश में भूख से पीड़ित नहीं होंगे। वे भविष्य में राष्ट्रों से अपमानित होने का कष्ट न पाएंगे। Hindi Holy Bible और मैं उनके लिये महान बारियें उपजाऊंगा, और वे देश में फिर भूखों न मरेंगे, और न जाति-जाति के लोग फिर उनकी निन्दा करेंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं उनके लिये उपजाऊ बारी उपजाऊँगा, और वे देश में फिर भूखों न मरेंगे, और न जाति–जाति के लोग फिर उनकी निन्दा करेंगे। सरल हिन्दी बाइबल मैं उन्हें एक ऐसा देश दूंगा, जो अपने फसल के लिये जाना जाता है, और वे देश में फिर अकाल से पीड़ित न होंगे या जाति-जाति के लोग उन्हें अपमानित नहीं करेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं उनके लिये उपजाऊ बारी उपजाऊँगा, और वे देश में फिर भूखे न मरेंगे, और न जाति-जाति के लोग फिर उनकी निन्दा करेंगे। (यहे. 36:29) |
उसका नाम सदा बना रहे; जबतक सूर्य है, तब तक उसका वंश राज्य करे। लोग उसके कारण स्वयं को धन्य मानें, समस्त राष्ट्र उसको धन्य कहें।
उस दिन प्रभु का अंकुर, जिसको उसने रोपा था, सुन्दर और भव्य होगा, शेष बचे हुए इस्राएलियों के लिए भूमि की उपज गौरव और गर्व की बात होगी।
प्रभु का सेवक एक नन्हा पौधा-जैसा उसके सम्मुख उगा; वह जड़ के सदृश शुष्क भूमि से फूटा। उसमें न रूप था, और न आकर्षण कि हम उसे देखते; उसमें सुन्दरता भी न थी, कि हम उसकी कामना करते।
तेरे सब निवासी धार्मिक होंगे; वे सदा के लिए देश पर अधिकार करेंगे, जिससे मेरी महिमा हो। ये लोग मेरे पौधे की शाखाएँ हैं; इन्हें मैंने अपने हाथ से रचा है।
प्रभु ने मुझे इसलिए भेजा है कि मैं सियोन में शोक करनेवालों को राख नहीं, वरन् विजय-माला पहनाऊं; विलाप नहीं, बल्कि उनके मुख पर आनन्द का तेल मलूं, उन्हें निराशा की आत्मा नहीं, वरन् स्तुति की चादर ओढ़ाऊं, ताकि वे धार्मिकता के बांज वृक्ष कहलाएँ; वे प्रभु के पौधे कहलाएँ और उनसे प्रभु की महिमा हो।
देखो, हमारे लिए एक बालक का जन्म हुआ है; हमें एक पुत्र दिया गया है। राज-सत्ता उसके कंधों पर है। उसका यह नाम रखा जाएगा : ‘अद्भुत् परामर्शदाता’, ‘शक्तिमान ईश्वर’, ‘शाश्वत पिता’, ‘शान्ति का शासक’।
प्रभु कहता है, ‘देखो, समय आ रहा है, जब मैं दाऊद के वंश-वृक्ष में एक शाखा निकालूंगा, और वह धार्मिक पुरुष होगा। वह राजा के रूप में राज्य करेगा। वह बुद्धि से शासन करेगा, और अपने देश में न्याय और धर्म से राज्य करेगा।
मैं उन दिनों में, उस समय दाऊद के वंश-वृक्ष में एक शाखा निकालूंगा, और वह धार्मिक पुरुष होगा। वह अपने देश में न्याय और धर्म से राज्य करेगा।
‘मैं फिर कभी राष्ट्रों में तेरी निन्दा नहीं होने दूंगा, उनके निन्दापूर्ण वचन तेरे कानों में नहीं पड़ेंगे। जातियां तेरा अपमान नहीं करेंगी, और तू उनके अपमान का बोझ नहीं सहेगी। तू पुन: अपने राष्ट्र का पतन नहीं होने देगी।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।’
मैं तुम्हारी सब अशुद्धताओं से तुम्हें मुक्त करूंगा। मैं प्रचुर मात्रा में अनाज उपजाऊंगा और तुम्हारे देश में अकाल नहीं पड़ने दूंगा।
प्रभु ने उनकी प्रार्थना का उत्तर दिया। उसने कहा, ‘देखो, मैं अन्न, अंगूर-रस और जैतून का तेल तुम्हें भेज रहा हूं। तुम उन्हें खा-पीकर तृप्त होंगे। मैं तुम्हें अन्य राष्ट्रों में और अधिक बदनाम न होने दूंगा।
महापुरोहित यहोशुअ, सुन! तेरे साथ तेरे पुरोहित मित्र भी सुनें, जो तेरे सम्मुख बैठे हैं, क्योंकि ये शुभ शकुन हैं। मैं अपने सेवक को, राजवंश की एक “शाखा” को लाऊंगा।
और उससे यह कह : “स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु कहता है, उस पुरुष को देख जिसका नाम ‘शाखा’ है। जिस स्थान पर वह है, वहां से वह उगेगा और प्रभु के मन्दिर का निर्माण करेगा।
इन्हें फिर कभी न तो भूख लगेगी और न प्यास, इन्हें न तो धूप से कष्ट होगा और न किसी प्रकार के ताप से;