मैं तुझसे एक बड़ा राष्ट्र उत्पन्न करूँगा। मैं तुझे आशिष दूँगा, और तेरे नाम को महान बनाऊंगा कि तू मानव-जाति के लिए आशिष का माध्यम बने।
यहेजकेल 34:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं उनको और अपनी पहाड़ी के आसपास के स्थानों को आशिष का कारण बनाऊंगा। मैं वर्षा के मौसम पर वर्षा करूंगा, और यह वर्षा आशिष की वर्षा होगी। पवित्र बाइबल मैं भेड़ों को और अपनी पहाड़ी (यरूशलेम) के चारों ओर के स्थानों को आशीर्वाद दूँगा। मैं ठीक समय पर वर्षा करूँगा। वे आशीर्वाद सहित वर्षा करेंगे। Hindi Holy Bible और मैं उन्हें और अपनी पहाड़ी के आस पास के स्थानों को आशीष का कारण बना दूंगा; और मेंह को मैं ठीक समय में बरसाया करूंगा; और वे आशीषों की वर्षा होंगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं उन्हें और अपनी पहाड़ी के आस पास के स्थानों को आशीष का कारण बना दूँगा; और मेंह को मैं ठीक समय में बरसाया करूँगा; और वे आशीषों की वर्षा होंगी। सरल हिन्दी बाइबल मैं उन्हें तथा मेरी पहाड़ी के आस-पास के जगहों को आशीष का कारण बनाऊंगा. मैं समय पर बारिश भेजूंगा; वहां आशीष की बारिश होगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं उन्हें और अपनी पहाड़ी के आस-पास के स्थानों को आशीष का कारण बना दूँगा; और मेंह को मैं ठीक समय में बरसाया करूँगा; और वे आशीषों की वर्षा होंगी। |
मैं तुझसे एक बड़ा राष्ट्र उत्पन्न करूँगा। मैं तुझे आशिष दूँगा, और तेरे नाम को महान बनाऊंगा कि तू मानव-जाति के लिए आशिष का माध्यम बने।
जब बादलों में धनुष दिखाई देगा तब उसे देखकर मैं उस शाश्वत विधान को स्मरण करूंगा, जो मुझ-परमेश्वर और पृथ्वी के समस्त जीवित प्राणियों के मध्य स्थापित किया गया है।’
यह हेर्मोन पर्वत की ओस के समान है, जो सियोन की पहाड़ियों पर गिरती है! वहां प्रभु अपनी आशिष को, शाश्वत जीवन को प्रेषित करता है।
ओ शिखरोंवाले पर्वत, ईष्र्या से उस पर्वत को क्यों देखते हो, जिस पर बसने की परमेश्वर ने इच्छा की है? निस्सन्देह प्रभु वहां युग-युगान्त निवास करेगा।
परमेश्वर, तूने मूसलाधार वर्षा की थी। जब तेरी मीरास निराश हुई थी, तब तूने ही उसे विश्वास में स्थिर किया था।
उस दिन इस्राएली राष्ट्र मिस्र देश और असीरिया देश के बराबर होगा और वह पृथ्वी के सब देशों के लिए प्रभु की आशिष का माध्यम बनेगा;
जब ऊपर से हम पर आत्मा उंडेला जाएगा तब यह निर्जन प्रदेश उपजाऊ भूमि में बदल जाएगा, और उपजाऊ भूमि ही वन मानी जाएगी।
जलाशयों के तट पर खेती करनेवालो! तुम सुखी होगे; तुम बैल और गधे को स्वतन्त्रता से इधर-उधर विचरने दोगे।
मैं प्यासी भूमि को पानी दूंगा, सूखी भूमि पर नदियाँ बहाऊंगा। मैं तेरे वंशजों पर अपना आत्मा उण्डेलूंगा, तेरी सन्तान पर अपनी आशिष की वर्षा करूंगा।’
उनको मैं अपने पवित्र पर्वत पर लाऊंगा; अपने प्रार्थनाघर में उन्हें आनन्द प्रदान करूंगा। जब वे वेदी पर अपनी अग्निबलि तथा अन्न-बलि चढ़ाएंगे तब मैं उनकी बलि स्वीकार करूंगा; क्योंकि मेरा घर सब जातियों के लिए प्रार्थना का घर कहलागा।’
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : इस्राएल के सब वंशज अपने देश में, इस्राएल देश के उच्च पहाड़ी शिखर पर, मेरे पवित्र पर्वत पर मेरी आराधना करेंगे। वहां मैं उनकी सेवा-आराधना को स्वीकार करूंगा। वहीं मैं तुम्हारी सब प्रकार की बलि, सर्वोत्तम वस्तुएं, उपहार, तुम्हारी पवित्र भेंट लूंगा।
मैं उनको हरे-भरे चरागाह में चराऊंगा। इस्राएल देश के ऊंचे पठारों पर उनके चरागाह होंगे। वहां वे हरे-भरे घास के मैदान में आराम करेंगी। उन्हें इस्राएल के पहाड़ों के उत्तम चरागाह में पेटभर आहार प्राप्त होगा।
मैं अपने निज लोगों के लिए उपजाऊ खेतों और उद्यानों की व्यवस्था करूंगा। तब वे अपने देश में भूख से नहीं मरेंगे, और न ही उनके पड़ोसी राष्ट्र उन का मजाक उड़ाएंगे।
‘किन्तु, तुम ओ इस्राएल देश के पहाड़ो, तुममें से नई-नई शाखाएं फूटेंगी, और मेरे निज लोग इस्राएलियों के लिए तुम फलवंत होगे; क्योंकि देखो, वे शीघ्र स्वदेश लौटेंगे।
‘ओ सियोन के निवासियो, प्रसन्न हो; अपने प्रभु परमेश्वर में आनन्द मनाओ। मैंने धार्मिकता के लिए तुम्हें एक गुरु प्रदान किया है। फिर, मैंने तुम्हारे लिए अपार वर्षा की है। पहले के समान मैंने शरदकालीन और वसंतकालीन वर्षा की है।
तो मैं छठे वर्ष तुम पर अपनी आशिष प्रेषित करूंगा जिससे भूमि की उपज तीन वर्ष के लिए पर्याप्त होगी।
तो मैं तुम्हारे लिए समय पर वर्षा प्रदान करूंगा, जिससे भूमि अपनी उपज उपजाएगी और मैदान के वृक्ष फल देंगे।
वसंतकालीन वर्षा के समय, प्रभु से वर्षा मांगो, क्योंकि प्रभु ही वर्षा के बादल बनाता है, वही लोगों को वर्षा की बौछार देता है, वही खेतों में सबके लिए वनस्पति उपजाता है।
वे पूर्ण निश्चिन्तता के साथ खेती-किसानी करेंगे, और समृद्ध होंगे। अंगूर-उद्यानों में फल लगेंगे। भूमि पर प्रचुरता से फसल होगी और आकाश से ओस की वर्षा होगी। मैं इस्राएल के शेष वंशजों को ये वस्तुएं प्रदान करूंगा और वे इन्हें प्राप्त करेंगे।
ओ यहूदा के वंशजो, ओ इस्राएल के वंशजो! तुम्हारे नाम से राष्ट्र श्राप देते थे, पर अब मैं तुम्हे बचाऊंगा और तुम आशिष का माध्यम बनोगे। मत डरो, पर अपने हाथों को मजबूत बनाओ।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : उन दिनों में पृथ्वी की भिन्न-भिन्न भाषा बोलनेवाली सब कौमों में से दस-दस व्यक्ति एक यहूदी व्यक्ति के वस्त्र का छोर पकड़कर यह कहेंगे, “हम भी आपके साथ चलेंगे, क्योंकि हमने सुना है कि परमेश्वर आपके साथ है।” ’
‘मेरे भण्डार-गृह में पूर्ण दशमांश लाओ, जिससे मेरे भवन में भोजन-वस्तु रहे। तब मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे खोलकर तुम्हारे लिए वर्षा करता हूँ कि नहीं, मैं तुम पर आशिष की वर्षा करता हूँ कि नहीं।’
फिर भी वह अपने भले कार्यों द्वारा अपने विषय में साक्षी देता रहा: वह आपके लिए आकाश से पानी बरसाता और नियत मौसम में फसलें उगाता है; वह अन्न प्रदान कर आपका हृदय आनन्द से भरता है।”
समय पर तेरे खेतों पर वर्षा करने के लिए, तेरे सब काम-धन्धों पर आशिष देने के लिए प्रभु आकाश के अपने उत्तम भण्डार-गृहों को खोल देगा। तब तू अनेक राष्ट्रों को ऋण देगा, पर तू स्वयं ऋण नहीं लेगा।