यहेजकेल 33:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)
‘ओ मानव, तू अपने जाति-भाई-बहिनों से बोल : जब कोई धार्मिक मनुष्य अपराध करता है तब उसकी धार्मिकता उसको अपराध के दण्ड से नहीं बचा सकती। यदि दुर्जन अपना बुरा आचरण छोड़ दे तो वह निस्सन्देह पाप के दण्ड से बचेगा। यदि धार्मिक मनुष्य पाप करे तो उसकी धार्मिकता उसको मरने से नहीं बचा सकेगी।
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“मनुष्य के पुत्र, अपने लोगों से कहो: ‘यदि किसी व्यक्ति ने अतीत में पुण्य किया है तो उससे उसका जीवन नहीं बचेगा। यदि वह बच जाये और पाप करना शुरु करे। यदि किसी व्यक्ति ने अतीत में पाप किया, तो वह नष्ट नहीं किया जाएगा, यदि वह पाप से दूर हट जाता है। अत: याद रखो, एक व्यक्ति द्वारा अतीत में किये गए पुण्य कर्म उसकी रक्षा नहीं करेंगे, यदि वह पाप करना आरम्भ करता है।’
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और हे मनुष्य के सन्तान, अपने लोगों से यह कह, जब धमीं जन अपराध करे तब उसका धर्म उसे बचा न सकेगा; और दुष्ट की दुष्टता भी जो हो, जब वह उस से फिर जाए, तो उसके कारण वह न गिरेगा; और धमीं जन जब वह पाप करे, तब अपने धर्म के कारण जीवित न रहेगा।
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हे मनुष्य के सन्तान, अपने लोगों से यह कह, जब धर्मी जन अपराध करे तब उसका धर्म उसे बचा न सकेगा, और दुष्ट की दुष्टता भी जो हो, जब वह उस से फिर जाए, तो उसके कारण वह न गिरेगा; और धर्मी जन, यदि वह पाप करे, तब अपने धर्म के कारण जीवित न रहेगा।
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“इसलिये, हे मनुष्य के पुत्र, अपने लोगों से कहो, ‘यदि कोई धर्मी व्यक्ति आज्ञा नहीं मानता है, तो उसके पहले के धर्मीपन का कोई मतलब नहीं होगा. और यदि कोई दुष्ट व्यक्ति पश्चात्ताप करता है, तो उस व्यक्ति के पहले की दुष्टता के कारण उसे दंड नहीं मिलेगा. जो धर्मी व्यक्ति पाप करता है, वह जीवित नहीं रहेगा, यद्यपि वह पहले धर्मी था.’
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हे मनुष्य के सन्तान, अपने लोगों से यह कह, जब धर्मी जन अपराध करे तब उसकी धार्मिकता उसे बचा न सकेगी; और दुष्ट की दुष्टता भी जो हो, जब वह उससे फिर जाए, तो उसके कारण वह न गिरेगा; और धर्मी जन जब वह पाप करे, तब अपनी धार्मिकता के कारण जीवित न रहेगा।
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