हम सबको एक न एक दिन मरना ही है। हम भूमि पर उण्डेले गए जल के समान हैं जिसको फिर एकत्र नहीं किया जा सकता है; और न परमेश्वर शव को खड़ा करता है। अब महाराज ऐसी योजना बनाएँ कि निर्वासित व्यक्ति उनसे दूर न रहे, वह देश-निकाला हुआ न रहे।
यहेजकेल 33:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ मानव, तू उनसे यह कह : “मैं स्वयं स्वामी-प्रभु बोल रहा हूँ : मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है! मैं किसी भी दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न नहीं होता हूँ। किन्तु मुझे तब प्रसन्नता होती है, जब दुर्जन अपना बुरा आचरण छोड़ देता है और मरने से बच जाता है। इसी प्रकार ओ इस्राएल के वंशजो, अपने बुरे आचरण को छोड़ दो, अपने बुरे मार्ग से पीठ फेर लो। तुम क्यों मरना चाहते हो?” पवित्र बाइबल “तुम्हें उनसे कहना चाहिए, ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता है: मैं अपनी जीवन की शपथ खाकर विश्वास दिलाता हूँ कि मैं लोगों को मरता देख कर आनन्दित नहीं होता, पापी व्यक्तियों को भी नहीं। मैं नहीं चाहता कि वे मरें। मैं उन पापी व्यक्तियों को अपने पास लौटाना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि वे अपने जीवन को बदलें जिससे वे जीवित रह सकें। अत: मेरे पास लौटो! बुरे काम करना छोड़ो! इस्राएल के परिवार, तुम्हें मरना ही क्यों चाहिए?’ Hindi Holy Bible सो तू ने उन से यह कह, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, मैं दुष्ट के मरने से कुछ भी प्रसन्न नहीं होता, परन्तु इस से कि दुष्ट अपने मार्ग से फिर कर जीवित रहे; हे इस्राएल के घराने, तुम अपने अपने बुरे मार्ग से फिर जाओ; तुम क्यों मरो? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये तू उनसे यह कह, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है : मेरे जीवन की सौगन्ध, मैं दुष्ट के मरने से कुछ भी प्रसन्न नहीं होता, परन्तु इससे कि दुष्ट अपने मार्ग से फिरकर जीवित रहे; हे इस्राएल के घराने, तुम अपने अपने बुरे मार्ग से फिर जाओ; तुम क्यों मरो? सरल हिन्दी बाइबल उनसे कहो, ‘मेरे जीवन की शपथ, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मैं दुष्ट की मृत्यु से खुश नहीं होता हूं, पर अच्छा यह होगा कि वह अपना जीवन बदले और जीवित रहे. छोड़ो! अपने दुष्ट जीवनशैली को छोड़ो! हे इस्राएल के लोगों, तुम क्यों मरोगे?’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए तू उनसे यह कह, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है: मेरे जीवन की सौगन्ध, मैं दुष्ट के मरने से कुछ भी प्रसन्न नहीं होता, परन्तु इससे कि दुष्ट अपने मार्ग से फिरकर जीवित रहे; हे इस्राएल के घराने, तुम अपने-अपने बुरे मार्ग से फिर जाओ; तुम क्यों मरो? |
हम सबको एक न एक दिन मरना ही है। हम भूमि पर उण्डेले गए जल के समान हैं जिसको फिर एकत्र नहीं किया जा सकता है; और न परमेश्वर शव को खड़ा करता है। अब महाराज ऐसी योजना बनाएँ कि निर्वासित व्यक्ति उनसे दूर न रहे, वह देश-निकाला हुआ न रहे।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर को कौन पा सकता है? वह अत्यन्त सामर्थी और न्यायप्रिय है। वह पूर्ण धार्मिक है, वह अत्याचार नहीं कर सकता।
मेरी चेतावनियों पर ध्यान दो; देखो, मैं अपनी आत्मा तुम पर उण्डेल रही हूं। मैं तुम पर अपनी बातें प्रकट करूंगी।
पर जो मुझे चूक जाता है, वह अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारता है; जो मुझसे घृणा करता है वह मृत्यु को प्यार करता है।
रखवाला कहता है : “सबेरा हो रहा है, पर रात फिर आएगी। यदि पूछना चाहते हो, तो पूछो। लौटकर फिर आओ।”
अपनी आंखें चारों ओर उठा, और देख; तेरे पुत्र और पुत्रियां एकत्र हो गए, वे तेरे पास आ रहे हैं। मैं-प्रभु स्वयं अपनी शपथ लेता हूं : तू उन सब को आभूषण की तरह पहिन लेगी। जैसे दुल्हन गहना धारण करती है, वैसे तू उन्हें धारण करेगी!
प्रभु कहता है : ‘मुझे अपनी सौगन्ध है। चाहे यहोयाकीम का पुत्र, यहूदा प्रदेश का राजा कोन्याह, मेरे दाहिने हाथ में मुद्रा की अंगूठी होता, तो भी मैं उसको उतार कर फेंक देता।
जा, तू उत्तर दिशा में मेरे ये वचन सुना: प्रभु यह कहता है: ओ विश्वासघातिनी इस्राएली जनता, ‘मेरी ओर लौट। मैं करुणा-सागर हूं; मैं तुझ पर क्रोध नहीं करूँगा। मुझ-प्रभु का यह वचन है। मैं युगांत तक तुझसे नाराज नहीं रहूंगा।
प्रभु ने उनसे कहा था, ‘ओ विश्वासघाती सन्तान, लौट आ! मैं तेरे विश्वासघात के घाव को भर दूंगा।’ वे बोले, ‘देख, हम तेरे पास लौट आए हैं; क्योंकि तू ही हमारा प्रभु परमेश्वर है
‘मैं, इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु परमेश्वर यों कहता हूं: यह दुष्कर्म करके तुम अपने पैरों पर क्यों कुल्हाड़ी मारते हो? तुम यहूदा के स्त्री-पुरुष और बच्चों को क्यों नष्ट करना चाह रहे हो? यों तुम्हारी जाति समूल नष्ट हो जाएगी, और एक भी यहूदी नहीं बचेगा।
तुम ऐसे काम क्यों करते हो जिससे मेरा क्रोध भड़क उठे? जिस मिस्र देश में तुम रहने आए थे, वहां के अन्य देवताओं को तुम धूप जलाने लगे। सुनो, अपने इस दुष्कर्म के कारण तुम नष्ट हो जाओगे, और संसार के सब देशों में तुम शापित, कलंकित कौम कहलाओगे।
राजाधिराज, जिसका नाम स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु है, यह कहता है : ‘मेरे जीवन की सौगन्ध! जैसे पर्वतों में ताबोर पर्वत है, जैसे समुद्र-तट पर कर्मेल पर्वत है वैसे ही आने वाला शत्रु सब शत्रुओं में महाशत्रु है।
‘इसलिए, तू इस्राएली कुल से यह बोल : स्वामी-प्रभु यों कहता है, ओ इस्राएली कुल! पश्चात्ताप करो। अपनी घृणित मूर्तियों से मुंह मोड़ो और अपने घृणित कार्यों को छोड़ो। ओ इस्राएल के वंशजो, मेरी ओर लौटो।
ओ यरूशलेम, मैं स्वामी-प्रभु अपने जीवन की सौगन्ध खाकर सच कहता हूं : सोदोम और उसकी पुत्रियों ने उतने कुकर्म नहीं किये, जितने तूने और तेरी पुत्रियों ने किए।
‘सुनो, मैं स्वामी-प्रभु यह कहता हूँ: क्या मैं दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न होता हूं? नहीं, जब कोई दुर्जन अपने दुराचरण को छोड़ देता और जीवित रहता है, तब मुझे प्रसन्नता होती है।
‘मैं, स्वामी-प्रभु अपनी सौगन्ध खाकर कहता हूँ: तूने मेरे पवित्र स्थान को अपनी घृणित मूर्तियों और घिनौने कामों से अपवित्र कर दिया है, इसलिए मैं तेरी बोटी-बोटी कर दूंगा। मैं तुझ पर दया-दृष्टि नहीं करूंगा, और न मेरी आंखों से बचकर कोई भाग सकेगा।
मूसा की व्यवस्था में लिखित समस्त विपत्तियाँ हम पर पड़ीं, तो भी हमने अपने प्रभु परमेश्वर की कृपा-दृष्टि प्राप्त करने का प्रयत्न नहीं किया और न हम अपने अधर्ममय आचरण को छोड़कर तेरे सत्य वचन सुनने को तत्पर हुए।
ओ एफ्रइम, मैं तुझे कैसे त्याग दूं? ओ इस्राएल, मैं तुझे कैसे शत्रु के हाथ में सौंप दूं? मैं तुझे कैसे अदमा नगर के सदृश राख बना दूं? मैं तुझे कैसे सबोईम नगर के समान नष्ट कर दूं? मेरा हृदय बदल गया है! मेरी दया प्रज्वलित हो उठी है।
प्रभु का यह सन्देश है : ‘अब भी तुम पूर्ण हृदय से उपवास करते, शोक मनाते और रोते हुए मेरे पास लौटो। पश्चात्ताप करने के लिए
अत: इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु कहता है, ‘मेरे जीवन की सौगन्ध! मोआब का विनाश सदोम की तरह, अम्मोन का संहार गमोरा के समान होगा। इन देशों की भूमि पर बिच्छू पौधे उगेंगे। उनकी भूमि नोनी बन जाएगी और सदा के लिए उजड़ जाएगी। मेरी निज प्रजा के बचे हुए लोग उनको लूटेंगे, मेरे राष्ट्र के अवशिष्ट लोग उनपर अधिकार करेंगे।’
उनसे यह कहना : “प्रभु कहता है : मेरे जीवन की सौगन्ध! जो बात तुमने मुझे सुनाकर कही है, वही मैं तुम्हारे साथ करूँगा।
मैंने पहले दमिश्क तथा यरूशलेम के लोगों में, और उसके बाद समस्त यहूदा प्रदेश तथा ग़ैर-यहूदियों में भी यह प्रचार किया कि वे पश्चात्ताप करें, परमेश्वर की ओर अभिमुख हो जायें और पश्चात्ताप के अनुरूप आचरण करें।
क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है— “प्रभु यह कहता है : मैं स्वयं अपने जीवन की शपथ लेता हूँ; हर एक मनुष्य मेरे सम्मुख घुटना टेकेगा। प्रत्येक जीभ मुझ-परमेश्वर की स्तुति करेगी।”
प्रभु अपनी प्रतिज्ञाएँ पूरी करने में विलम्ब नहीं करता, जैसा कि कुछ लोग समझते हैं; किन्तु वह आप लोगों के प्रति सहनशील है और यह चाहता है कि किसी का सर्वनाश नहीं हो, बल्कि सबको पश्चात्ताप करने का अवसर मिले।