जब तू मोखा वृक्षों के शिखरों पर पग-ध्वनि सुनेगा, तब तू अविलम्ब आगे बढ़ना; क्योंकि उस समय प्रभु पलिश्ती सैन्य-दल का संहार करने के लिए तेरे आगे-आगे जाएगा।’
यहेजकेल 3:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह जीवधारियों के पंखों और उनके पहियों की आवाज थी, जो ऐसी सुनाई दे रही थी मानो भूकम्प की बड़ी घड़घड़ाहट हो। जीवधारियों के पंख परस्पर टकरा रहे थे, और उनकी बाजू में पहिए थे, जो चलते समय घड़घड़ाहट की आवाज कर रहे थे। पवित्र बाइबल तब प्राणियों के पंख हिलने आरम्भ हुए। पंखों ने, जब एक दूसरे को छुआ, तो उन्होंने बड़ी तेज आवाज की और उनके सामने के चक्र बिजली की कड़क की तरह प्रचण्ड घोष करने लगे! Hindi Holy Bible और उसके साथ ही उन जीवधारियों के पंखों का शब्द, जो एक दूसरे से लगते थे, और उनके संग के पहियों का शब्द और एक बड़ी ही घड़घड़ाहट सुन पड़ी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और उसके साथ ही उन जीवधारियों के पंखों का शब्द, जो एक दूसरे से लगते थे, और उनके संग के पहियों का शब्द और एक बड़ी ही घड़घड़ाहट सुनाई पड़ी। सरल हिन्दी बाइबल यह उन जीवित प्राणियों के पंखों की आवाज थी, जो एक दूसरे से रगड़ खा रहे थे और उन पहियों की आवाज थी, जो उनके बाजू में थे; यह एक तेज गड़गड़ाहट की आवाज थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसके साथ ही उन जीवधारियों के पंखों का शब्द, जो एक दूसरे से लगते थे, और उनके संग के पहियों का शब्द और एक बड़ी ही घड़घड़ाहट सुन पड़ी। |
जब तू मोखा वृक्षों के शिखरों पर पग-ध्वनि सुनेगा, तब तू अविलम्ब आगे बढ़ना; क्योंकि उस समय प्रभु पलिश्ती सैन्य-दल का संहार करने के लिए तेरे आगे-आगे जाएगा।’
प्रत्येक ठेले में कांस्य धातु के चार पहिए थे। उनमें कांस्य की धुरियां थीं। कंडाल रखने के लिए चार आधार और ठीहे थे जो धातु ढालकर बनाए गए थे। इनके कोनों पर चक्राकार झालरें बनी हुई थीं।
जब मैं जीवधारियों को देख रहा था तब मुझे एक पहिया दिखाई दिया, जो भूमि पर था। वस्तुत: चारों जीवधारियों की बाजू में एक-एक पहिया था, जो भूमि को स्पर्श कर रहा था।
जब वे चलते थे तब उनके पंखों की आवाज ऐसी सुनाई पड़ती थी मानो सागर का गर्जन हो, अथवा सर्वशक्तिमान परमेश्वर का स्वर हो या सेना का कोलाहल हो। जब जीवधारी रुककर खड़े होते थे तब वे अपने पंख नीचे कर लेते थे।
बाहरी आंगन तक करूबों के पंखों की फड़फड़ाहट सुनाई देने लगी। जैसी आवाज सर्वशक्तिमान परमेश्वर के बोलने पर होती है, वैसी ही करूबों के पंखों की फड़ाफड़ाहट थी।