और उस से कह : ओ सोर, तू समुद्र के प्रवेश-द्वार पर स्थित है। समुद्रतटीय देशों से तेरा व्यापारिक सम्बन्ध है। स्वामी-प्रभु तुझसे यों कहता है : ‘ओ सोर, तूने यह कहा है, कि तू सर्वांग सुन्दर है।
यहेजकेल 27:33 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) समुद्र के जलमार्ग से देश-विदेश की सामग्री तेरे पास आती थी, तू अनेक जातियों-राष्ट्रों को तृप्त करता था। तेरे प्रचुर माल और धन से पृथ्वी के अनेक राजा अत्यन्त समृद्ध हो गए थे। पवित्र बाइबल तुम्हारे व्यापारी समुद्रों के पार गए। तुमने अनेक लोगों को, अपनी विशाल सम्पत्ति और विक्रय वस्तुओं से सन्तुष्ट किया। तुमने भूमि के राजाओं को सम्पन्न बनाया! Hindi Holy Bible जब तेरा माल समुद्र पर से निकलता था, तब बहुत सी जातियों के लोग तृप्त होते थे; तेरे धन और व्यापार के माल की बहुतायत से पृथ्वी के राजा धनी होते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब तेरा माल समुद्र पर से निकलता था, तब बहुत सी जातियों के लोग तृप्त होते थे; तेरे धन और व्यापार के माल की बहुतायत से पृथ्वी के राजा धनी होते थे। सरल हिन्दी बाइबल जब तुम्हारे व्यापार का माल समुद्र में होकर जाता था, तो उससे तुम बहुत सी जाति के लोगों को संतुष्ट करते थे; अपनी अपार संपत्ति और व्यापारिक माल से तुमने पृथ्वी के राजाओं को समृद्ध कर दिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब तेरा माल समुद्र पर से निकलता था, तब बहुत सी जातियों के लोग तृप्त होते थे; तेरे धन और व्यापार के माल की बहुतायत से पृथ्वी के राजा धनी होते थे। (प्रका. 18:9, प्रका. 18:15, प्रका. 18:19) |
और उस से कह : ओ सोर, तू समुद्र के प्रवेश-द्वार पर स्थित है। समुद्रतटीय देशों से तेरा व्यापारिक सम्बन्ध है। स्वामी-प्रभु तुझसे यों कहता है : ‘ओ सोर, तूने यह कहा है, कि तू सर्वांग सुन्दर है।
जब तेरा व्यापार बढ़ा, तब तुझ में हिंसावृत्ति भर गई, और तू पाप करने लगा। मैंने तुझको अपवित्र प्राणी के सदृश परमेश्वर के पर्वत से हटा दिया। तेरे अंगरक्षक करूब ने भी अग्नि सदृश चमकनेवाली मणियों के मध्य से तुझ को निकाल दिया।
सोर ने अपने लिए एक गढ़ बनाया है, उसने धूल-कणों के सदृश चांदी का ढेर लगाया है। उसने कच्ची सड़क के कीचड़ के सदृश सोना एकत्र किया है।
वे अपने सिर पर धूल डाल कर, रोते और विलाप करते हुए ऊंचे स्वर से कहते थे, “शोक! शोक इस महा नगरी पर! इस के वैभव से जहाज के सब मालिक धनी बन गये। यह घड़ी-भर में ही उजाड़ हो गयी।”
क्योंकि सभी राष्ट्रों ने उसके व्यभिचार की तीखी मदिरा पी ली है, पृथ्वी के राजाओं ने उसके साथ व्यभिचार किया है और पृथ्वी के व्यापारी उसके अपार वैभव से धनी हो गये हैं।”