अब, ओ यरूशलेम नगर के नागरिको, ओ यहूदा प्रदेश के निवासियो, तुमसे मेरा यह निवेदन है : अब तुम्हीं मेरे और मेरे अंगूर-उद्यान के मध्य न्याय करो।
यहेजकेल 20:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ मानव-सन्तान, तू ही उनका न्याय कर। तू स्वयं न्याय-निर्णय कर कि कौन दोषी है। उनके पूर्वजों ने जो घृणित कार्य किए हैं, वे उनको बता, पवित्र बाइबल क्या तुम्हें उनका निर्णय करना चाहिए मनुष्य के पुत्र क्या तुम उनका निर्णय करोगे तुम्हें उन्हें उन भयंकर पापों के बारे में बताना चाहिए जो उनके पूर्वजों ने किये थे। Hindi Holy Bible हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू उनका न्याय न करेगा? क्या तू उनका न्याय न करेगा? उनके पुरखाओं के घिनौने काम उन्हें जता दे, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू उनका न्याय न करेगा? क्या तू उनका न्याय न करेगा? उनके पुरखाओं के घिनौने काम उन्हें जता दे, सरल हिन्दी बाइबल “क्या तुम उनका न्याय करोगे? हे मनुष्य के पुत्र, क्या तुम उनका न्याय करोगे? तब उनके पूर्वजों के द्वारा किए घृणित कार्य उन्हें बताओ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू उनका न्याय न करेगा? क्या तू उनका न्याय न करेगा? उनके पुरखाओं के घिनौने काम उन्हें जता दे, |
अब, ओ यरूशलेम नगर के नागरिको, ओ यहूदा प्रदेश के निवासियो, तुमसे मेरा यह निवेदन है : अब तुम्हीं मेरे और मेरे अंगूर-उद्यान के मध्य न्याय करो।
‘इसलिए, यिर्मयाह, तू इन लोगों के लिए प्रार्थना मत कर। इन की ओर से न विनती कर, और न गिड़गिड़ा कर प्रार्थना कर; क्योंकि जब वे अपने संकट-काल में मेरे नाम की दुहाई देंगे, तब भी मैं उसको नहीं सुनूंगा।
तब प्रभु ने मुझ से कहा, ‘यदि मूसा और शमूएल भी मेरे सम्मुख खड़े हों, और यहूदा प्रदेश के लोगों के लिए दया की भीख मांगें, तो भी मेरा हृदय उनके प्रति नहीं पिघलेगा। उनको मेरी नजर से दूर करो, मेरी उपस्थिति से निकाल दो।
‘और तू, यिर्मयाह, इन लोगों के लिए प्रार्थना मत कर। तू इनके लिए क्षमा की प्रार्थना मत कर; मेरी दुहाई मत दे, और न इनके लिए मुझसे निवेदन कर; क्योंकि मैं इनके सम्बन्ध में तेरी प्रार्थना नहीं सुनूंगा।
यदि ऐसे अधर्मी देश में नूह, दानिएल और अय्यूब जैसे धार्मिक व्यक्ति होते हैं, तो वे अपने धर्म के कारण अपने ही प्राण बचाते हैं, दूसरों के नहीं।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
और वहां नूह, दानिएल और अय्यूब हों तो मेरे जीवन की सौगन्ध! वे अपने धार्मिक आचरण के कारण अपने पुत्र या पुत्री के प्राण नहीं, केवल अपने ही प्राण बचा पाएंगे।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
‘ओ मानव, तू ही न्याय कर। हत्यारे यरूशलेम नगर के अपराधों का तू ही न्याय कर। उसने जो घृणित कार्य किए हैं, उन सब को उसे बता।
प्रभु ने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, तू ओहोला और ओहोलीबा का न्याय कर, और उसके पश्चात् उनके घृणित कर्म उन्हें बता।
अत: धार्मिक मनुष्य ओहोला और ओहोलीबा का न्याय-निर्णय करेंगे, और जो दण्ड व्यभिचारिणी स्त्रियों और हत्या करने वाली स्त्रियों को दिया जाता है, वही दण्ड उनको भी मिलेगा। निस्सन्देह ओहोला और ओहोलीबा व्यभिचारिणी हैं। उनके हाथों में खून लगा है।’
क्या आप नहीं जानते कि सन्त संसार का न्याय करेंगे? यदि आप को संसार का न्याय करना है, तो क्या आप छोटे-से मामलों का फ़ैसला करने योग्य नहीं हैं?