उन्होंने हरएक पहाड़ी शिखर पर और हरे-भरे वृक्ष के नीचे वेदियां, पूजा-स्तम्भ और लकड़ी के खम्भे प्रतिष्ठित किए।
यहेजकेल 20:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब मैं उन्हें उस देश में ले आया जिसको देने की शपथ मैंने खाई थी, तब उन्हें जहां-कहीं भी पहाड़ी शिखर दिखाई दिए और जहां-कहीं उन्होंने हरे वृक्ष देखे, वहां वे बलि चढ़ाने लगे, पूजा करने लगे, और अपनी बलि और पूजा से मुझे चिढ़ाया। वहां वे सुगन्धित धूपद्रव्य जलाते थे, और अपनी पेयबलि उण्डेलते थे। पवित्र बाइबल किन्तु मैं इसके होते हुए भी, उन्हें उस प्रदेश में लाया जिसे देने का वचन मैंने दिया था। उन्होंने उन पहाड़ियों और हरे वृक्षों को देखा अत: वे उन सभी स्थानों पर पूजा करने गये। वे अपनी बलियाँ तथा क्रोध—भेंटें उन सभी स्थानों को ले गए। उन्होंने अपनी वे बलियाँ चढ़ाई जो मधुर गन्ध वाली थी और उन्होंने अपनी पेय—भेंटे उन स्थानों पर चढ़ाई। Hindi Holy Bible क्योंकि जब मैं ने उन को उस देश में पहुंचाया, जिसके उन्हें देने की शपथ मैं ने उन से खाई थी, तब वे हर एक ऊंचे टीले और हर एक घने वृक्ष पर दृष्टि कर के वहीं अपने मेलबलि करने लगे; और वहीं रिस दिलाने वाली अपनी भेंटें चढ़ाने लगे और वहीं अपना सुखदायक सुगन्धद्रव्य जलाने लगे, और वहीं अपने तपावन देने लगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि जब मैं ने उनको उस देश में पहुँचाया, जिसे उन्हें देने की शपथ मैं ने उनसे खाई थी, तब वे हर एक ऊँचे टीले और हर एक घने वृक्ष पर दृष्टि करके वहीं अपने मेलबलि चढ़ाने लगे; और वहीं रिस दिलानेवाली अपनी भेंटें चढ़ाने लगे और वहीं अपना सुखदायक सुगन्धद्रव्य जलाने लगे, और वहीं अपने तपावन देने लगे। सरल हिन्दी बाइबल जब मैं उन्हें उस देश में ले आया, जिसे मैंने उन्हें देने की शपथ खाई थी तो वे किसी ऊंची पहाड़ी या किसी पत्तीवाले पेड़ को देखकर, वहां अपना बलिदान और भेंट चढ़ाने लगे, और अपना सुगंधित धूप जलाकर पेय बलिदान देने लगे, जिससे मेरा क्रोध भड़का. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि जब मैंने उनको उस देश में पहुँचाया, जिसे उन्हें देने की शपथ मैंने उनसे खाई थी, तब वे हर एक ऊँचे टीले और हर एक घने वृक्ष पर दृष्टि करके वहीं अपने मेलबलि करने लगे; और वहीं रिस दिलानेवाली अपनी भेंटें चढ़ाने लगे और वहीं अपना सुखदायक सुगन्ध-द्रव्य जलाने लगे, और वहीं अपने तपावन देने लगे। |
उन्होंने हरएक पहाड़ी शिखर पर और हरे-भरे वृक्ष के नीचे वेदियां, पूजा-स्तम्भ और लकड़ी के खम्भे प्रतिष्ठित किए।
उन्होंने हर एक ऊंची पहाड़ी पर तथा प्रत्येक हरे-भरे वृक्ष के नीचे अपने लिए पूजा-स्तम्भ और अशेराह देवी की मूर्ति प्रतिष्ठित की थी।
प्रभु ने उनको यह आदेश दिया था : ‘तुम मूर्ति की पूजा मत करना।’ परन्तु उन्होंने मूर्ति की पूजा की।
इस्राएल प्रदेश के राजाओं ने तथा प्रजा ने अपने प्रभु परमेश्वर के विरुद्ध चुपचाप ऐसे कार्य किए, जो सर्वथा अनुचित थे। उन्होंने प्रत्येक नगर में, मीनार वाले नगरों से लेकर किला-बन्द नगरों तक, अपने लिए पहाड़ी शिखरों पर वेदियों का निर्माण किया था।
यहूदा प्रदेश के राजाओं के महल, यरूशलेम निवासियों के मकान, जहां आकाश की प्राकृतिक शक्तियों को सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाया गया है, अन्य देवी-देवताओं को पेय-बलि चढ़ायी गयी है, वे सब घर तोपेत पूजा-स्थल के समान अशुद्ध होंगे।” ’
‘ओ इस्राएलियो, मैं तुम्हें हरे-भरे देश में लाया, कि तुम उसके फल-फूल खाओ, उसकी उत्तम उपज से तृप्त हो। किन्तु जब तुम यहाँ आए, तुम ने अपने आचरण से मेरे इस देश को अपवित्र कर दिया, मेरी इस मीरास को घृणित बना दिया।
राजा योशियाह के राज्य-काल में मुझे प्रभु का यह संदेश मिला। उसने मुझसे कहा, ‘विश्वासघातिनी इस्राएल प्रदेश की जनता के कामों को क्या तूने देखा है? वह पहाड़ी-शिखर के प्रत्येक मन्दिर में गई। उसने हरएक हरे वृक्ष के नीचे मूर्ति की पूजा की। यों उसने मेरे प्रति विश्वासघात किया।
‘इस्राएल और यहूदा के वंशजों ने अपने बचपन से मेरी दृष्टि में दुष्कर्म के अतिरिक्त कुछ नहीं किया। मैं-प्रभु कहता हूं: इस्राएली सदा से अपने हाथों से ऐसे काम करते आए हैं, जो मेरी दृष्टि में पाप हैं, और यों उन्होंने मेरे क्रोध को भड़काया है।
ओ व्यभिचारिणी यरूशलेम नगरी! मैंने मैदे की रोटी, तेल और शहद से तेरा भरण-पोषण किया था। जो भोजन मैंने तुझे दिया था, तूने उसको सुगन्ध-बलि के रूप में उन आकृतियों के सम्मुख चढ़ा दिया। मैं, स्वामी-प्रभु यह कहता हूं।
‘तूने अपने अधर्म के बाद क्या किया? अपने लिए पूजा का एक कक्ष बनाया, हर चौराहे पर पूजा के लिए ऊंची वेदी स्थापित की।
इसके अतिरिक्त मैंने निर्जन प्रदेश में उनसे शपथ खाई कि जो देश मैंने उनको दे दिया है, जो विश्व का सर्वश्रेष्ठ देश है, जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, उस देश में मैं उनको नहीं लाऊंगा,
तब मैंने उन से पूछा, ‘जिस पहाड़ी शिखर पर तुम जाते हो, वह क्या है?’ इसलिए आज तक ऐसे स्थान का नाम “पहाड़ी शिखर का पूजास्थल” है।)
उसी दिन मैंने उनसे यह भी शपथ खाई थी: “ओ इस्राएलियो, मैंने तुम्हारे लिए एक देश ढूंढ़ लिया है, जो विश्व के देशों में सर्वश्रेष्ठ है। उसमें दूध और शहद की नदियां बहती हैं। मैं तुम को मिस्र देश की गुलामी से मुक्त कर उस देश में ले जाऊंगा।”
ओ इस्राएलियो, जब तुम पहाड़ियों, पहाड़ों के शिखरों, हरे वृक्ष के नीचे, घने बांज वृक्ष की छाया तले स्थापित वेदियों की मूर्तियों के सम्मुख अपने जाति-बन्धुओं के शव पड़े हुए देखोगे, जहां वे मूर्तियों के सम्मुख धूप-द्रव्य जलाते थे, तब तुम्हें ज्ञात होगा कि मैं प्रभु हूँ।
इसका उद्देश्य यह है कि इस्राएली लोग अपने अपने बलि-पशु जिन्हें वे खुले मैदान में बलि चढ़ाते हैं, प्रभु के पास मिलन-शिविर के द्वार पर पुरोहित के पास लाएं और उनको प्रभु के लिए सहभागिता-बलि के रूप में चढ़ाएं।
‘देखो, अब मैं मृत्यु के उस मार्ग पर हूँ, जिस पर सब को चलना है। तुम सब अपने हृदय से, अपने अन्त:करण से जानते हो कि जिन अच्छे कामों को तुम्हारे लिए करने की प्रतिज्ञा प्रभु परमेश्वर ने की थी, उसने उन सब को पूर्ण किया। एक भी कार्य शेष नहीं रहा।