तुम यह कहते हो, कि परमेश्वर दुर्जनों के अधर्म का बदला उनकी सन्तान से लेता है। अच्छा हो कि परमेश्वर उनके अधर्म का बदला उनसे ही ले, ताकि उनको अनुभव हो!
यहेजकेल 18:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘ओ मानव, तुम लोग अपने देश इस्राएल में यह कहावत क्यों कहते हो कि, “खट्टे अंगूर खाए बाप-दादों ने, लेकिन दांत खट्टे हुए उनके बच्चों के” । पवित्र बाइबल “तुम लोग इस कहावत को दुहराते रहते हो। क्यों तुम कहते हो: ‘पूर्वजों ने खट्टे अंगूर खाये, किन्तु बच्चों को खट्टा स्वाद मिला। तुम सोचते हो कि तुम पाप कर सकते हो और भविष्य में कुछ व्यक्ति इसके लिये दण्डित होंगे।’” Hindi Holy Bible तुम लोग जो इस्राएल के देश के विषय में यह कहावत कहते हो, कि जंगली अंगूर तो पुरखा लोग खाते, परन्तु दांत खट्टे होते हैं लड़के-बालों के। इसका क्या अर्थ है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “तुम लोग जो इस्राएल देश के विषय में यह कहावत कहते हो, ‘खट्टे अंगूर तो खाए पुरखा लोगों ने, परन्तु दाँत खट्टे हुए बच्चों के।’ इसका क्या अर्थ है? सरल हिन्दी बाइबल “इस्राएल देश के बारे में इस कहावत का उल्लेख करने के द्वारा तुम लोग क्या कहना चाहते हो: “ ‘खट्टे अंगूर तो खाए माता-पिताओं ने, किंतु दांत खट्टे हुए बच्चों के’? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “तुम लोग जो इस्राएल के देश के विषय में यह कहावत कहते हो, ‘खट्टे अंगूर खाए तो पिताओं ने, परन्तु दाँत खट्टे हुए बच्चों के।’ इसका क्या अर्थ है? |
तुम यह कहते हो, कि परमेश्वर दुर्जनों के अधर्म का बदला उनकी सन्तान से लेता है। अच्छा हो कि परमेश्वर उनके अधर्म का बदला उनसे ही ले, ताकि उनको अनुभव हो!
तू झुककर उनकी वन्दना न करना और न उनकी सेवा करना; क्योंकि मैं तुम्हारा प्रभु परमेश्वर, ईष्र्यालु ईश्वर हूं। जो मुझसे घृणा करते हैं, उनके अधर्म का दण्ड मैं तीसरी और चौथी पीढ़ी तक उनकी संतान को देता रहता हूं।
तुम किस उद्देश्य से लोगों को रौंदते हो, गरीबों को पीसते हो?’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, स्वामी की यह वाणी है।
यहूदा प्रदेश के राजा मनश्शे बेन-हिजकियाह ने जो घृणित कार्य यरूशलेम नगर में किया था, उसके कारण मैं इन लोगों को ऐसा दण्ड दूंगा कि विश्व के सब राज्य इनको देख कर आतंकित हो जाएंगे।
हमारे पूर्वजों ने पाप किया, और वे नष्ट हो गए; पर हम उनके दुष्कर्मों का भार ढो रहे हैं।
‘ओ मानव, इस कहावत का क्या अर्थ है जो तुम अपने देश के सम्बन्ध में कहते हो : “दिन तो बीतते-बीतते अधिक हो गए, किन्तु प्रभु के दर्शन की बातें सच सिद्ध नहीं हुईं।” ?
‘अब तू विद्रोही इस्राएली कुल से यह कह : क्या तुम अब भी इस पहेली और दृष्टांत का अर्थ नहीं समझे? सुनो, इसका यह अर्थ है : बेबीलोन देश का राजा यरूशलेम में आया। उसने यरूशलेम के राजा, और उसके उच्चाधिकारियों को बन्दी बनाया, और उनको अपने देश में ले गया।
‘किन्तु तुम प्रश्न करते हो, “पुत्र अपने पिता के अधर्म का दण्ड क्यों न भोगे?” सुनो, यदि पुत्र ने न्याय और धर्म के अनुरूप आचरण किया है, और वह मेरी संविधियों का पालन करने के लिए सदा तत्पर था तो वह निस्सन्देह जीवित रहेगा।
मैं, स्वामी-प्रभु यह कहता हूँ : मेरे जीवन की सौगन्ध! अब से इस्राएल देश में तुम यह कहावत नहीं कहोगे।
तू उनसे यह कह, “ओ अम्मोनियो, स्वामी-प्रभु का सन्देश सुनो। जब मेरा पवित्र स्थान अशुद्ध किया गया, जब इस्राएल देश उजाड़ा गया, जब यहूदा के वंशज बन्दी हो कर अपने देश से निष्कासित हुए, तब तुमने प्रसन्न होकर, “अहा! हा!!” कहा था। अत: मैं स्वामी-प्रभु यह कहता हूँ:
तब प्रभु ने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, ये हड्डियां मानो इस्राएल के सब वंशज हैं। देख, वे कहते हैं, “हमारी हड्डियां सूख गईं। हमारी आशा टूट गई। हम पूर्णत: नष्ट हो चुके हैं।”
तब तू उन से यह कहना, स्वामी-प्रभु यों कहता है : सुनो, मैं यूसुफ की पट्टी को (जो एफ्रइम के हाथ में है) तथा उसके संगी-साथी इस्राएल के कुलों को लेनेवाला हूं। उसके पश्चात् मैं उसको यहूदा की पट्टी से जोड़ दूंगा, मैं उन्हें एक ही पट्टी बनाऊंगा, और वे दोनों मेरे हाथ में एक हो जाएंगे।
जो देश मैंने अपने सेवक याकूब को दिया था, वहां वे अपने पूर्वजों के देश में पुन: निवास करेंगे। वे और उनके वंशज, पीढ़ी से पीढ़ी तक वहीं स्थायी रूप से रहेंगे; और मेरे सेवक दाऊद के वंशज युग-युगांतर उनके प्रशासक होंगे।
‘ओ मानव-संतान, सुन। इस्राएल देश के सम्बन्ध में स्वामी-प्रभु यों कहता है: अन्त! हां अन्त! देश के चारों कोनों पर अन्त बढ़ा आ रहा है।
अरे भई! तुम कौन हो, जो परमेश्वर से विवाद करते हो? क्या गढ़ी हुई प्रतिमा अपने गढ़ने वाले से कहती है, “तुमने मुझे ऐसा क्यों बनाया?”