‘हे मेरे परमेश्वर, मैं तेरी ओर अपनी आंखें नहीं उठा सकता, मैं लज्जित हूं; हमारे अपराधों का ढेर लग गया है, हमारे दुष्कर्म आकाश को छूने लगे हैं।
यहेजकेल 16:63 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं तेरे सब कुकर्मों को क्षमा कर दूंगा ताकि तू अपने कुकर्मों को स्मरण करे, और उनके लिए लज्जित हो। तब तू अपनी इस लज्जा के कारण अपना मुंह फिर खोलने का साहस नहीं करेगी।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है। पवित्र बाइबल मैं तुम्हारे प्रति अच्छा रहूँगा जिससे तुम मुझे याद करोगी और उन पापों के लिये लज्जित होगी जो तुमने किये। मैं तुम्हें शुद्ध करुँगा और तुम्हें फिर कभी लज्जित नहीं होना पड़ेगा।” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं। Hindi Holy Bible जिस से तू स्मरण कर के लज्जित हो, और लज्जा के मारे फिर कभी मुंह न खोले। यह उस समय होगा, जब मैं तेरे सब कामों को ढांपूंगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जिससे तू स्मरण करके लज्जित हो, और लज्जा के मारे फिर कभी मुँह न खोले। यह उस समय होगा, जब मैं तेरे सब कामों को ढाँपूँगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।” सरल हिन्दी बाइबल तब, जब मैं तुम्हारे किए गये सब गलत कार्यों को क्षमा करूंगा, तब तुम याद करोगी और लज्जित होंगी और अपमानित होने के कारण फिर कभी अपना मुंह नहीं खोलोगी, यह परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’ ” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जिससे तू स्मरण करके लज्जित हो, और लज्जा के मारे फिर कभी मुँह न खोले। यह उस समय होगा, जब मैं तेरे सब कामों को ढाँपूँगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।” (भज. 78:38) |
‘हे मेरे परमेश्वर, मैं तेरी ओर अपनी आंखें नहीं उठा सकता, मैं लज्जित हूं; हमारे अपराधों का ढेर लग गया है, हमारे दुष्कर्म आकाश को छूने लगे हैं।
परन्तु परमेश्वर दयालु है, वह विनाश नहीं करता, वरन् वह अधर्म को ढांपता है। उसने बार-बार अपने क्रोध को लौटा लिया, और अपने रोष को पुन: भड़कने नहीं दिया।
हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, अपने नाम की महिमा के लिए हमारी सहायता कर; अपने नाम के निमित्त हमें मुक्त कर, और हमारे पापों को ढांप दे।
तब कोई भी निवासी यह न कह सकेगा, “मैं बीमार हूं,” क्योंकि वहां रहनेवाले लोगों के अधर्म क्षमा कर दिए जाएंगे।
मैंने बादलों की तरह तेरे अपराध लोप कर दिए; कुहरे के समान तेरे पाप उड़ा दिए। मेरे पास लौट आ, मैंने तुझे छुड़ा लिया है।
तब जीवित मनुष्य प्रभु के न्याय की शिकायत क्यों करे; मनुष्य अपने पाप के दण्ड के लिए क्यों कुड़कुड़ाए?
तब तुझे अपने बीते हुए दिनों के आचरण का स्मरण होगा, और जब तू अपनी बड़ी और छोटी बहिनों को स्वीकार करेगी तब तू लज्जित होगी। क्योंकि मैं उनको तेरी पुत्रियों के रूप में तुझे सौपूंगा; किन्तु यह कार्य तेरे बचपन के विधान के कारण नहीं, वरन् शाश्वत विधान के कारण करूंगा।
वहां तुम्हें स्मरण होगा कि तुमने अपने आचरण और कार्यों से स्वयं को भ्रष्ट किया था। तब तुम अपने आप से घृणा करोगे कि तुमने ऐसे बुरे काम किए थे।
जब वे अपने देश में पुन: निश्चिन्त निवास करने लगेंगे और उनको किसी भी शत्रु के आक्रमण का डर न होगा, तब वे अपने अपमानपूर्ण अतीत को भूल जाएंगे। वे भूल जाएंगे कि उन्होंने मेरे प्रति विश्वासघात किया था।
‘और तू, ओ मानव, इस्राएल के वंशजों को मेरे गृह का नमूना, उसकी बनावट बता, जिससे वे अपने अधर्म के लिए लज्जित हों।
वे पुरोहित के रूप में मेरी सेवा करने के लिए मेरे समीप नहीं आएंगे। वे मेरी पवित्र तथा परम पवित्र वस्तु को स्पर्श भी नहीं करेंगे। उन्होंने अन्य देवी-देवताओं की पूजा कर घृणित कार्य किया है। वे अपने इस घृणित कार्य की लज्जा का भार उठाएँ!
इसलिए, हे दूसरों पर दोष लगाने वाले! तुम चाहे जो भी हो, अक्षम्य हो। तुम दूसरों पर दोष लगाने के कारण अपने को दोषी ठहराते हो; क्योंकि तुम, जो दूसरों पर दोष लगाते हो, ये ही कुकर्म स्वयं करते हो।
हम जानते हैं कि व्यवस्था जो कुछ कहती है, वह उन लोगों से कहती है, जो व्यवस्था के अधीन हैं, जिससे प्रत्येक व्यक्ति का मुँह बन्द हो जाए और परमेश्वर के सामने समस्त संसार दण्ड के योग्य माना जाए।
इसलिए किसी को अपने पर गर्व करने का अधिकार नहीं रहा। किस विधान के कारण यह अधिकार जाता रहा? यह कर्मकाण्ड के विधान के कारण नहीं, बल्कि विश्वास के विधान के कारण हुआ;
उस समय आप को उन कर्मों से क्या लाभ हुआ? अब उनके कारण आप को लज्जा होती है; क्योंकि उनका परिणाम मृत्यु है।
कौन है वह, जो तुम को दूसरों की अपेक्षा अधिक महत्व देता है? तुम्हारे पास क्या है, जो तुम्हें न दिया गया हो? और यदि तुम को सब कुछ दान में मिला है, तो इस पर क्यों गर्व करते हो, मानो यह तुम्हें न दिया गया हो?
‘ओ राष्ट्रों, प्रभु के निज लोगों के साथ जय- जयकार करो! प्रभु अपने सेवकों के रक्त का प्रतिशोध लेता है; वह अपने बैरियों से बदला लेता है। वह अपने निज लोगों की भूमि को उसकी अशुद्धता से शुद्ध करता है।’