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यहेजकेल 10:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

उनके मुखों की आकृति वैसी ही थी, जो मैंने कबार नदी के तट पर देखी थी। उनके मुख ही नहीं, वरन् देह भी वैसी ही थी। वे सीधे सामने की ओर चलते थे।

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पवित्र बाइबल

करुब (स्वर्गदूतों) के वही चार मुख थे जो कबार नदी के दर्शन के प्राणियों के थे और वे सीधे आगे उस दिशा में देखते थे, जिधर वे जा रहे थे।

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Hindi Holy Bible

और उनके मुखों का रूप वही है जो मैं ने कबार नदी के तीर पर देखा था। और उनके मुख ही क्या वरन उनकी सारी देह भी वैसी ही थी। वे सीधे अपने अपने साम्हने ही चलते थे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

उनके मुखों का रूप वही है जो मैं ने कबार नदी के तट पर देखा था। उनके मुख ही क्या वरन् उनकी सारी देह भी वैसी ही थी। वे सीधे अपने अपने सामने ही चलते थे।

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सरल हिन्दी बाइबल

उनके मुखों का रूप वैसा ही था, जैसा मैंने खेबर नदी के पास देखा था. हर एक आगे सीधा ही चलता था.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

उनके मुखों का रूप वही है जो मैंने कबार नदी के तट पर देखा था। और उनके मुख ही क्या वरन् उनकी सारी देह भी वैसी ही थी। वे सीधे अपने-अपने सामने ही चलते थे।

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यहेजकेल 10:22
9 क्रॉस रेफरेंस  

तीसवें वर्ष के चौथे महीने की पांचवीं तारीख को यह घटना घटी। उस समय कबार नदी के तट पर यहूदा प्रदेश से निष्‍कासित बन्‍दियों का शिविर था। मैं भी इन्‍हीं बन्‍दियों में था। तब स्‍वर्ग खुल गया, और मैंने परमेश्‍वर के दर्शन देखे।


चारों के चेहरे का रूप इस प्रकार था : प्रत्‍येक प्राणी का चेहरा सामने की ओर मनुष्‍य के समान था, दाहिनी ओर सिंह का था, और बायीं ओर बैल का तथा पीछे की ओर गरुड़ का।


वे सीधे, अपने सामने की ओर चल रहे थे, और चलते समय न दाएँ और न बाएँ मुड़ रहे थे। जहाँ आत्‍मा जाना चाहती थी, वहाँ वे जा रहे थे।


उनके पंख परस्‍पर जुड़े हुए थे। वे चलते समय अपनी आंखों की सीध में सीधे चलते थे, और मुड़ते नहीं थे।


जब वे चलते थे तब चारों दिशाओं में वे बिना मुड़े ही चल सकते थे। किन्‍तु सामने का पहिया जिस दिशा में चलता था, शेष पहिए उसके पीछे-पीछे जाते थे, और चलते समय वे मुड़ते नहीं थे।


हर एक प्राणी के चार मुंह और चार पंख थे। उनके पंखों के नीचे मनुष्‍यों के से हाथ थे।


आत्‍मा ने मुझे उठाया, और वह मुझे प्रभु के भवन के पूर्वी फाटक पर ले गया, जिसका मुंह पूर्व दिशा में है। वहां मैंने देखा कि फाटक के प्रवेश-द्वार पर पच्‍चीस पुरुष खड़े हैं, और उनमें याजन्‍याह बेन-अज्‍जूर और पलत्‍याह बेन-बनायाह भी हैं, जो लोगों के उच्‍चाधिकारी हैं।


अब मैंने एक दर्शन देखा। यह उसी दर्शन के समान था जो मैंने उस समय देखा था जब परमेश्‍वर का तेज नगर का विनाश करने आया था। यह दर्शन कबार नदी के तट पर देखे गए दर्शन के समान था। यह दर्शन देख कर मैं श्रद्धा और भक्‍ति से मुंह के बल भूमि पर गिर पड़ा।


जो मनुष्‍य बुद्धिमान है, वह इन बातों को समझे। जो व्यक्‍ति समझदार है, वह इन बातों को जाने : कि प्रभु का मार्ग सीधा है, और धार्मिक जन उस पर चलते हैं। पर अपराधी लड़खड़ाकर गिरते हैं।