मीकायाह ने आगे कहा, ‘अब प्रभु का वचन सुनिए। मैंने प्रभु को सिंहासन पर विराजमान देखा। उसके समीप स्वर्ग की समस्त सेना उसकी दाहिनी और बाईं ओर खड़ी थी।
यहेजकेल 1:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जीवधारियों के सिर के ऊपर आकाश-मण्डल था। उस आकाशमण्डल के ऊपर सिंहासन के समान कुछ था। यह सिंहासन मानो नीलम का बना था। सिंहासन के समान इस आसन पर कोई बैठा था, जिसकी आकृति मनुष्य के समान थी। पवित्र बाइबल उस कटोरे के ऊपर वहाँ कुछ था जो एक सिंहासन की तरह दिखता था। यह नीलमणि की तरह नीला था। वहाँ कोई था जो उस सिंहासन पर बैठा एक मनुष्य की तरह दिख रहा था! Hindi Holy Bible और जो आकाशमण्डल उनके सिरों के ऊपर था, उसके ऊपर मानो कुछ नीलम का बना हुआ सिंहासन था; इस सिंहासन के ऊपर मनुष्य के समान कोई दिखाई देता था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो आकाशमण्डल उनके सिरों के ऊपर था, उसके ऊपर मानो कुछ नीलम का बना हुआ सिंहासन था; इस सिंहासन के ऊपर मनुष्य के समान कोई दिखाई देता था। सरल हिन्दी बाइबल उनके सिर के ऊपर स्थित गुम्बज के ऊपर कुछ ऐसा था जो नीलमणि के सिंहासन जैसे दिखता था, और इस ऊंचे सिंहासन के ऊपर मनुष्य के जैसा कोई दिख रहा था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो आकाशमण्डल उनके सिरों के ऊपर था, उसके ऊपर मानो कुछ नीलम का बना हुआ सिंहासन था; इस सिंहासन के ऊपर मनुष्य के समान कोई दिखाई देता था। (प्रका. 1:13) |
मीकायाह ने आगे कहा, ‘अब प्रभु का वचन सुनिए। मैंने प्रभु को सिंहासन पर विराजमान देखा। उसके समीप स्वर्ग की समस्त सेना उसकी दाहिनी और बाईं ओर खड़ी थी।
आपका सिंहासन युग-युगांत स्थिर है, जो परमेश्वर ने आप को दिया है। आपका राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है।
उन्होंने इस्राएल के परमेश्वर को देखा। उसके चरणों के नीचे नीलमणि का चबूतरा-जैसा कुछ था, जो आकाश के सदृश स्वच्छ था।
‘ओ दुखियारी, तूफान की झकझोरी, तुझको शान्ति नहीं मिली। ओ यरूशलेम नगरी! अब मैं तेरे पत्थरों की पच्चीकारी करूंगा, और उन्हें अच्छे ढंग से लगाऊंगा; मैं तेरी नींव में नीलमणि डालूंगा।
जिस वर्ष राजा उज्जियाह की मृत्यु हुई, मैंने यह दर्शन देखा : एक बहुत ऊंचे सिंहासन पर स्वामी बैठा है। उसकी राजसी पोशाक के छोर से मन्दिर भर गया है।
उन जीवधारियों के सिर के ऊपर आकाश-मण्डल के समान कुछ था, जो भय उत्पन्न करनेवाला स्फटिक के समान चमक रहा था। वह उनके सिर पर फैला हुआ था।
तब आग में से चार आकृतियाँ निकलीं, जो जीवधारी प्राणियों के समान दिखाई दे रही थीं। उनका रूप मनुष्यों के समान था,
मैंने आंखें ऊपर कीं और यह देखा: करूबों के सिर के ऊपर आकाशमण्डल है, और इस आकाशमण्डल में सिंहासन-सा कुछ है, जो नीलमणि के समान चमक रहा है।
जिस समय वह पुरुष मेरे पास खड़ा था, उसी समय मैंने मन्दिर में से किसी को मुझ से बातें करते हुए सुना।
उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, यह मेरे सिंहासन का स्थान है। यही मेरे चरणों की चौकी है। इसी स्थान में मैं युग-युगांत इस्राएली लोगों के मध्य निवास करूंगा। अब इस्राएल के वंशज मेरे पवित्र नाम को अपवित्र नहीं करेंगे: न वे और न उनके राजा दूसरे देवताओं का अनुसरण कर मेरे प्रति विश्वासघात करेंगे, और न अपने मृत राजाओं की समाधि बना कर मेरे पवित्र नाम को अपवित्र करेंगे।
और मैंने यह दर्शन देखा: मुझे मनुष्य की आकृति-सा कुछ दिखाई दिया। आकृति का जो भाग कमर के सदृश था, उसके नीचे अग्नि थी, और कमर के ऊपर का भाग चमक रहा था मानो पीतल को चमकाया गया हो।
तब प्राचीन युग-पुरुष ने उसको शासन का अधिकार, महिमा और राज्य प्रदान किया ताकि पृथ्वी की समस्त कौमें, राष्ट्र और भिन्न-भिन्न भाषाएं बोलने वाले लोग उसकी सेवा करें। उसका शासन शाश्वत शासन है; जो कभी समाप्त न होगा; उसका राज्य युगानुयुग अटल है, जिसका कभी नाश न होगा।
केवल वही मुझ-प्रभु के मन्दिर का निर्माण करेगा और वही राजसी गौरव को प्राप्त करेगा। वह सिंहासन पर बैठेगा और शासन करेगा। उसके सिंहासन की दाहिनी ओर पुरोहित बैठेगा और उन दोनों के मध्य विचारों में तालमेल होगा।” ’
किन्तु पुत्र के विषय में, “हे परमेश्वर! तेरा सिंहासन युग-युगों तक बना रहता है और तेरा राजदण्ड न्याय का अधिकारदण्ड है।
हम अपने विश्वास के प्रवर्तक एवं सिद्धिकर्ता येशु पर दृष्टि रखे रहें, जिन्होंने कलंक की कोई परवाह नहीं की और भविष्य में आनन्द की प्राप्ति के लिए क्रूस का कष्ट सहन किया तथा परमेश्वर के सिंहासन की दाहिनी ओर विराजमान हुए।
इन बातों का सारांश यह है: हमारे एक ऐसे महापुरोहित हैं, जो स्वर्ग में महामहिम परमेश्वर के सिंहासन की दाहिनी ओर विराजमान हो कर
यहोशुअ यरीहो नगर के निकट था। उसने आँखें ऊपर उठाईं तो अचानक उसे हाथ में नंगी तलवार लिए हुए एक व्यक्ति दिखाई दिया। वह उसके सम्मुख खड़ा था। यहोशुअ उसके पास गया। यहोशुअ ने उससे पूछा, ‘तुम किस पक्ष के हो? हमारे पक्ष के अथवा शत्रु-पक्ष के?’
मसीह ने दूतों, अधिकारियों और शक्तियों को अपने अधीन कर स्वर्ग में प्रवेश किया और अब वह परमेश्वर की दाहिनी ओर विराजमान हैं।
और उनके बीच में मानव पुत्र-जैसे एक व्यक्ति को। वह पैरों तक लम्बा वस्त्र पहने था और उसके वक्षस्थल पर स्वर्ण मेखला बाँधी हुई थी।
मैंने देखा कि एक उजला बादल दिखाई पड़ रहा है। उस पर मानव पुत्र-जैसा कोई बैठा हुआ है। उसके सिर पर सोने का मुकुट है और हाथ में एक पैना हँसिया।
इसके बाद मैंने एक विशाल श्वेत सिंहासन और उस पर विराजमान व्यक्ति को देखा। पृथ्वी और आकाश उसके सामने लुप्त हो गये और उनका कहीं भी पता नहीं चला।
“जो विजय प्राप्त करता है, उसको मैं उसी तरह अपने साथ अपने सिंहासन पर विराजमान होने का अधिकार दूँगा, जिस तरह मैं विजय प्राप्त कर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर विराजमन हूँ।
तब मैंने समस्त सृष्टि को-आकाश में और पृथ्वी पर और पृथ्वी कि नीचे और समुद्र के अन्दर के प्रत्येक जीव को-यह कहते सुना : “सिंहासन पर विराजमान को तथा मेमने को युगानुयुग स्तुति, सम्मान, महिमा तथा सामर्थ्य!”