‘मेरे सेवक मूसा की व्यवस्था, संविधियों और न्याय-सिद्धान्तों को स्मरण रखो। यह मैंने उसे होरेब पर्वत पर समस्त इस्राएली लोगों के लिए दिए थे।
यहूदा 1:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रिय भाइयों एवं बहिनो! आप लोग हमारे प्रभु येशु मसीह के प्रेरितों की भविष्यवाणियाँ याद रखें। पवित्र बाइबल किन्तु प्यारे मित्रो, उन शब्दों को याद रखो जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरितों द्वारा पहले ही कहे जा चुके हैं। Hindi Holy Bible पर हे प्रियों, तुम उन बातों को स्मरण रखो; जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरित पहिले कह चुके हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर हे प्रियो, तुम उन बातों को स्मरण रखो जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरित पहले ही कह चुके हैं। नवीन हिंदी बाइबल परंतु हे प्रियो, तुम उन बातों को स्मरण रखो जिन्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरित पहले ही से कह चुके हैं। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये प्रियो, यह आवश्यक है कि तुम हमारे प्रभु येशु मसीह के प्रेरितों की पहले से की गई घोषणाओं को याद रखो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर हे प्रियों, तुम उन बातों को स्मरण रखो; जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरित पहले कह चुके हैं। |
‘मेरे सेवक मूसा की व्यवस्था, संविधियों और न्याय-सिद्धान्तों को स्मरण रखो। यह मैंने उसे होरेब पर्वत पर समस्त इस्राएली लोगों के लिए दिए थे।
मैंने सदा आपके सम्मुख उदाहरण रखा कि हमें किस प्रकार परिश्रम करते हुए निर्बलों की सहायता करनी चाहिए और प्रभु येशु के शब्द स्मरण रखना चाहिए, जो उन्होंने स्वयं कहे थे : ‘लेने की अपेक्षा देना धन्य है’।”
आप लोगों का निर्माण उस भवन के रूप में हुआ है, जो प्रेरितों तथा नबियों की नींव पर खड़ा है और जिसका कोने का पत्थर स्वयं येशु मसीह हैं।
उन्होंने कुछ लोगों को प्रेरित, कुछ को नबी, कुछ को शुभ समाचार-प्रचारक और कुछ को धर्मपाल तथा शिक्षक होने का वरदान दिया।
तो हम कैसे बच सकेंगे, यदि हम उस महान् मुक्ति का तिरस्कार करेंगे, जिसकी घोषणा पहले पहल प्रभु द्वारा हुई थी? जिन लोगों ने प्रभु को सुना, उन्होंने उनके सन्देश को हमारे लिए प्रमाणित किया।
आप लोग पवित्र नबियों की भविष्यवाणियाँ और प्रभु एवं मुक्तिदाता की वह आज्ञा याद रखें, जो आपके प्रेरितों ने सुनाई थी।
किन्तु हम परमेश्वर के हैं और जो परमेश्वर को जानता है, वह हमारी सुनता है। जो परमेश्वर का नहीं है, वह हमारी बात सुनना नहीं चाहता। हम इस प्रकार सत्य की आत्मा और भ्रान्ति की आत्मा को जान सकते हैं।
प्रिय भाइयो एवं बहिनो! हम जिस मुक्ति के सहभागी हैं, मैं उसके विषय में बड़ी उत्सुकता से आप लोगों को लिखना चाहता था, किन्तु अब मुझे आवश्यक प्रतीत हुआ कि इस पत्र द्वारा आप लोगों से यह अनुरोध करूँ कि आप उस विश्वास की रक्षा के लिए संघर्ष करें, जो सदा के लिए सन्तों को सौंपा गया है;