तब वृद्ध नबी ने उससे कहा, ‘जैसे तुम नबी हो, वैसे मैं भी हूं।’ फिर वृद्ध नबी ने उससे यह झूठ कहा, ‘प्रभु के दूत ने प्रभु के वचन के द्वारा मुझ से यह कहा है: “तू उसे अपने साथ अपने घर में लौटा ला जिससे वह रोटी खाए और पानी पीए।” ’
यशायाह 9:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) धर्मवृद्ध और प्रतिष्ठित व्यक्ति समाज का सिर हैं, झूठी शिक्षा देनेवाले नबी पूंछ हैं। पवित्र बाइबल (यहाँ सिर का अर्थ है अग्रज तथा महत्वपूर्ण अगुवा लोग और पूँछ से अभिप्राय है ऐसे नबी जो झूठ बोला करते हैं।) Hindi Holy Bible पुरनिया और प्रतिष्ठित पुरूष तो सिर हैं, और झूठी बातें सिखाने वाला नबी पूंछ है; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पुरनिया और प्रतिष्ठित पुरुष तो सिर हैं, और झूठी बातें सिखानेवाला नबी पूँछ है; सरल हिन्दी बाइबल सिर तो वह प्रतिष्ठित और बुज़ुर्ग व्यक्ति है, और पूंछ वह भविष्यद्वक्ता जो झूठी बात सिखाता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पुरनिया और प्रतिष्ठित पुरुष तो सिर हैं, और झूठी बातें सिखानेवाला नबी पूँछ है; |
तब वृद्ध नबी ने उससे कहा, ‘जैसे तुम नबी हो, वैसे मैं भी हूं।’ फिर वृद्ध नबी ने उससे यह झूठ कहा, ‘प्रभु के दूत ने प्रभु के वचन के द्वारा मुझ से यह कहा है: “तू उसे अपने साथ अपने घर में लौटा ला जिससे वह रोटी खाए और पानी पीए।” ’
तुम शक्तिशाली और प्रतिष्ठित हो। अत: तुमने लाठी के जोर से दूसरों की भूमि पर अधिकार कर लिया और तुम्हारे लोग उस पर बस गए।
अत: मिस्र देश कोई भी कार्य नहीं कर पाएगा; न उसके शासक, और न उसकी प्रजा न उसके अधिकारी, और न उसकी जनता।
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यह योजना बनाई थी, ताकि वह प्रत्येक अहंकारी का अहंकार मिटा दे, पृथ्वी के समस्त प्रतिष्ठित लोगों की प्रतिष्ठा धूल में मिला दे।
तुमने यह कहा है: “हमने मौत से सन्धि की है; अधोलोक से समझौता किया है अत: जब प्रलय का जल-प्रवाह बहेगा तब वह हम तक नहीं पहुंचेगा! असत्य को हमने अपना आश्रय-स्थल माना है,
मैं न्याय को मापदण्ड और धार्मिकता को साहुल बनाऊंगा! ओलों की वर्षा तुम्हारे असत्य के आश्रय-स्थल को बहा ले जाएगी, बाढ़ में तुम्हारा, झूठ का शरण-स्थान, डूब जाएगा।”
यरूशलेम के पुरोहित और नबी भी मदिरा पीकर डगमगाते हैं : वे शराब के कारण लड़खड़ाते हैं। निस्सन्देह पुरोहित और नबी मदिरा पीकर डगमगाते हैं। मदिरा के कारण उनकी मति भ्रष्ट हो गई; वे प्रभु के दर्शन को समझने में भूल करते हैं। वे फैसला सुनाते समय शराब के कारण लड़खड़ाते हैं।
प्रभु ने तुम पर घोर आलस्य की आत्मा प्रेषित की है! उसने नबियों को, जो तुम्हारे नेत्र थे, बन्द कर दिया; तुम्हारे द्रष्टाओं पर, जो तुम्हारे मस्तिष्क थे, परदा डाल दिया!
ओ मेरे निज लोगो, बच्चे तुम पर अत्याचार करते हैं; स्त्रियाँ तुम पर राज्य करती हैं। ओ मेरे निज लोगो, तुम्हारे नेताओं ने तुम्हें पथ-भ्रष्ट किया; तुम्हें तुम्हारे मार्ग से बहका दिया।
लोग एक-दूसरे पर अत्याचार करेंगे, प्रत्येक मनुष्य अपने साथी को, अपने पड़ोसी को लूटेगा, युवाजन अपने से बड़ों के प्रति, और क्षुद्र व्यक्ति आदरणीय लोगों के प्रति धृष्टतापूर्ण व्यवहार करेंगे।
मेरे निज लोग ज्ञान के अभाव के कारण बन्दी होकर अपने देश से निर्वासित हो गये। प्रतिष्ठित लोग भी भूख से मर रहे हैं, और जनता प्यास से।
तुम्हारे हाथ हत्या के खून से, और तुम्हारी अंगुलियाँ दुष्कर्म से अपवित्र हैं। तुम्हारे ओंठ झूठ बोलते हैं, तुम्हारी जीभ दुष्टतापूर्ण बातें निकालती है।
कोई भी व्यक्ति सच्चाई से नालिश नहीं करता, और न कोई ईमानदारी से मुकदमा लड़ता है। वे सब झूठे तर्कों पर भरोसा करते हैं, वे झूठ ही बोलते हैं, उन्हें अनिष्ट का गर्भ रहता है, और वे अधर्म को जन्म देते हैं!
प्रभु की यह वाणी है, ‘देखो, मैं झूठी नबूवत, झूठे दर्शन की बातें करनेवाले नबियों के विरुद्ध हूं। मैंने इन नबियों को नहीं भेजा है, और न ही नबूवत सुनाने का दायित्व सौंपा है। ये अपने झूठ और व्यर्थ बातों से मेरे निज लोगों को पथ-भ्रष्ट करते हैं। इन झूठे नबियों से इस प्रजा को कुछ लाभ नहीं होता है;’ प्रभु की यह वाणी है।
नबियों के विषय में : मेरा हृदय भीतर ही भीतर फटा जा रहा है। मेरी देह की हड्डियाँ हिल उठी हैं। प्रभु के कारण, प्रभु के पवित्र वचनों के कारण मैं शराबी के समान मतवाला हो गया हूं, मुझ पर मानो मदिरा का नशा चढ़ गया है।
नबी झूठी नबूवत करते हैं; पुरोहित उनकी हां में हां मिलाते हैं। मेरे निज लोगों को यह पसन्द भी है। परन्तु जब अन्त आएगा तब तुम क्या करोगे?
जो दर्शन तेरे नबियों ने तेरे लिए देखे थे, वे सफेद झूठ थे। उन्होंने तेरा अधर्म तुझ पर प्रकट नहीं किया, अन्यथा तू बन्दिगी बनकर निर्वासित न होती। तेरे नबियों ने तेरे लिए ऐसी नबुवतें कीं, जो झूठी और भ्रामक थीं।
तुमने मुट्ठी भर जौ और चन्द रोटी के टुकड़ो के लिए मेरे निज लोगों के सम्मुख मुझे अपवित्र किया है। तुम ऐसे लोगों को मार डालती हो, जिन्हें मरना नहीं चाहिए; और ऐसे लोगों को जीवित रखती हो, जिन्हें जीवित नहीं रहना चाहिए। तुम मेरी जनता से झूठ बोलती हो, जो झूठ सुनना पसन्द करती है।
‘मैंने धार्मिक व्यक्ति को निराश नहीं होने दिया, लेकिन तुमने अपनी झूठी भविष्यवाणियों से उसको निराश किया। तुमने दुर्जन को उत्साहित किया कि वह अपने दुराचरण को न छोड़े। यदि दुर्जन अपना दुराचरण छोड़ देता तो वह जीवित रहता।
मेरे परमेश्वर के निज लोगों का, एफ्रइम का प्रहरी है − नबी! पर उसके मार्ग पर बहेलिए का जाल बिछाया गया। उसके परमेश्वर के भवन में घृणा फैलाई गई।
प्रभु यों कहता है: ‘मैं यहूदा प्रदेश के तीन अपराधों, नहीं, उसके चार अपराधों के लिए निस्सन्देह उसको दण्ड दूंगा; मैं उसको नहीं छोड़ूंगा। उसके निवासियों ने प्रभु की व्यवस्था को ठुकरा दिया। उन्होंने प्रभु की संविधियों का पालन नहीं किया। जैसा उनके पुर्वजों ने झूठे देवताओं का अनुसरण किया था, वैसा ही उन्होंने भी किया, और उनके झूठे देवताओं ने उन्हें भटका दिया!
प्रभु ने नबियों के विषय में यह कहा है: ‘इन नबियों ने मेरे लोगों को पथभ्रष्ट किया है: जब इनके पेट भरे रहते हैं तब वे आश्वासन देते हैं, कि युद्ध नहीं होगा! पर जब लोग उन्हें खाने को नहीं देते तब वे उनको युद्ध की धमकी देते हैं।’
अत: मैंने भी सब लोगों के सम्मुख तुम्हें भी निकृष्ट और अधम बनाया; क्योंकि तुमने मेरी व्यवस्था के अनुसार आचरण नहीं किया, तुम मेरी व्यवस्था के प्रति निष्पक्ष नहीं हो।’
क्योंकि झूठे मसीह तथा झूठे नबी प्रकट होंगे और ऐसे महान चिह्न तथा चमत्कार दिखाएँगे कि यदि सम्भव हो, तो वे चुने हुए लोगों को भी बहका दें।
“झूठे नबियों से सावधान रहो। वे भेड़ों के वेश में तुम्हारे पास आते हैं, किन्तु वे भीतर से खूंखार भेड़िये हैं।
प्रियो! प्रत्येक आत्मा पर विश्वास मत करो। आत्माओं की परीक्षा कर देखो कि वे परमेश्वर की ओर से हैं या नहीं; क्योंकि बहुत-से झूठे नबी संसार में आये हैं।
पशु बन्दी बनाया गया और उसके साथ वह झूठा नबी भी, जिसने पशु के निरीक्षण में चमत्कार दिखा कर उन लोगों को बहकाया था, जिन्होंने पशु की छाप ग्रहण की थी और उसकी प्रतिमा की आराधना की थी। वे दोनों जीवित ही धधकते गन्धक के अग्निकुण्ड में डाल दिये गये।
सेवक ने उससे कहा, ‘देखिए, इस नगर में परमेश्वर का एक प्रियजन है। वह आदरणीय पुरुष है। जो बात वह कहता है, वह सच सिद्ध होती है। आइए, हम वहाँ चलें। जिस मार्ग पर हम जा रहे हैं, शायद वह उसके फल के विषय में हमें बता सके।’