प्रभु ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य का दुराचार बढ़ गया है, और उसके मन के सारे विचार निरन्तर बुराई के लिए ही होते हैं।
यशायाह 65:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं विद्रोही कौम की ओर दिन भर हाथ फैलाए रहा, उन्हें बुलाता रहा। यह कौम अपने मन की योजनाओं के अनुसार उस मार्ग पर चलती है, जो भला नहीं है। पवित्र बाइबल “जो लोग मुझसे मुँह मोड़ गये थे, उन लोगों को अपनाने के लिए मैं भी तत्पर रहा। मैं इस बात की प्रतीक्षा करता रहा कि वे लोग मेरे पास लौट आयें। किन्तु वे जीवन की एक ऐसी राह पर चलते रहे जो अच्छी नहीं है। वे अपने मन के अनुसार काम करते रहे। Hindi Holy Bible मैं एक हठीली जाति के लोगों की ओर दिन भर हाथ फैलाए रहा, जो अपनी युक्तियों के अनुसार बुरे मार्गों में चलते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं एक हठीली जाति के लोगों की ओर दिन भर हाथ फैलाए रहा, जो अपनी युक्तियों के अनुसार बुरे मार्गों में चलते हैं। सरल हिन्दी बाइबल एक विद्रोही जाति के लिए मैं सारे दिन अपने हाथ फैलाए रहा, जो अपनी इच्छा से बुरे रास्तों पर चलते हैं, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं एक हठीली जाति के लोगों की ओर दिन भर हाथ फैलाए रहा, जो अपनी युक्तियों के अनुसार बुरे मार्गों में चलते हैं। (रोम. 10:20,21) |
प्रभु ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य का दुराचार बढ़ गया है, और उसके मन के सारे विचार निरन्तर बुराई के लिए ही होते हैं।
वह अपनी शैया पर लेटे-लेटे बुराई की योजनाएं बनाता है; वह अपने को उस मार्ग पर ले जाता है, जो भला नहीं है। वह बुराई को धिक्कारता नहीं।
मैंने तुम्हें पुकारा, पर तुमने मेरी बात सुनने से इन्कार कर दिया; मैंने तुम्हारी ओर अपना हाथ बढ़ाया, किन्तु तुममें से किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।
ओ आकाश, सुन! ओ पृथ्वी, ध्यान दे, क्योंकि प्रभु ने यह कहा है : ‘मैंने बाल-बच्चों का पालन-पोषण किया, उनको बड़ा किया; पर उन्होंने ही मेरे विरुद्ध विद्रोह कर दिया।
तेरे शासक कानून के विरोधी हैं, वे चोरों के साथी हैं। वे-सब रिश्वत के लोभी हैं। वे उपहारों के पीछे दौड़ते हैं। वे अनाथों का न्याय नहीं करते, और न विधवाओं का मुकदमा उन तक पहुंच ही पाता है।
प्रभु कहता है; “ओ विद्रोही पुत्रो, धिक्कार है तुम्हें! तुम योजना तो बनाते हो, परन्तु मेरी सम्मति से नहीं; तुम सन्धि तो करते हो, पर मेरे आत्मा की प्रेरणा से नहीं। यों तुम पाप पर पाप करे रहे हो।
दुर्जन मनुष्य अपने मार्ग को छोड़ दे, और अधार्मिक व्यक्ति अपने बुरे विचारों को। वह प्रभु की ओर लौटे, जिससे प्रभु उस पर दया करे। वह हमारे परमेश्वर के पास आए; क्योंकि प्रभु उसे पूर्णत: क्षमा करेगा।
प्रभु यह कहता है : ‘मेरे विचार तुम्हारे विचारों के समान नहीं हैं, और न तुम्हारे मार्ग मेरे मार्गों के सदृश हैं।
किन्तु उन्होंने प्रभु से विरोध किया, उसके पवित्र आत्मा को दु:ख दिया। अत: वह उनका शत्रु बन गया, और उसने उनके विरुद्ध युद्ध किया।
‘मैं उनके काम और उनके विचार जानता हूं। मैं सब राष्ट्रों और सब भाषाओं की कौमों को एकत्र करने के लिए आ रहा हूं। वे यरूशलेम में आएंगे और मेरे वैभव का दर्शन करेंगे।
‘जो आराधक बलि चढ़ाने के लिए बैल का वध करता है, वह मानो मनुष्य की हत्या करता है; जो आराधक मेमने की बलि करता है वह मानो कुत्ते की गरदन तोड़ता है; जो आराधक अन्न-बलि चढ़ाता है, वह मानो सूअर का रक्त अर्पित करता है; जो आराधक ‘स्मृति-बलि’ में लोबान जलाता है वह मानो मूर्ति की पूजा करता है। ऐसे आराधक आराधना की अपनी ही पद्धति चुनते हैं, उनके प्राण ऐसी ही घृणित आराधना से प्रसन्न होते हैं।
इसलिए मैं भी उनके लिए विपत्ति चुनूंगा; जिन बातों से वे डरते हैं; उन्हीं को मैं उन पर लाऊंगा। मैंने उनको पुकारा था, पर उन्होंने मुझे उत्तर नहीं दिया; जब मैं उनसे बोला, तो उन्होंने नहीं सुना : किन्तु उन्होंने वही किया जो मेरी दृष्टि में बुरा था; उन्होंने उसको पसन्द किया, जो मुझे नापसन्द था।’
‘किन्तु वे कहते हैं: “यह बेकार की बात है। हम अपनी योजना के अनुसार चलेंगे, अपने हठी हृदय के अनुसार काम करेंगे, आचरण करेंगे।”
‘उन दिनों में यरूशलेम नगर “प्रभु का सिंहासन” कहलाएगा। विश्व की सब जातियां यरूशलेम में प्रभु की उपस्थिति में एकत्र होंगी। वे हठ-पूर्वक अपने हृदय के अनुरूप बुरे मार्ग पर नहीं चलेंगी।
ओ यरूशलेम, अपने हृदय से दुष्कर्म की इच्छा निकाल दे, और हृदय को धो ले। तब ही तू बच सकती है। कब तक तेरे अन्त: करण में बुरे विचार घर किए रहेंगे?
परन्तु उन्होंने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया, और न ही उस पर कान दिया। वे मनचाहे मार्ग पर चलते रहे, अपने हठीले हृदय के अनुरूप दुराचरण करते रहे। उनके कदम मेरी ओर आगे नहीं बढ़े, बल्कि पीछे हट गए।
ये तुम्हारे लिए ऐसे फुंदने बनेंगे, जिनको देखकर तुम मुझ-प्रभु की आज्ञाओं का स्मरण तथा उनका पालन कर सकोगे। तब तुम अपने हृदय और आंखों का अनुसरण करके व्यभिचारिणी के सदृश विश्वासघात नहीं करोगे, जैसा तुम अब तक करते आए हो।
क्योंकि बुरे विचार, हत्या, परस्त्री-गमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा − ये सब मन से निकलते हैं।
“ओ यरूशलेम नगरी! यरूशलेम नगरी! तू नबियों की हत्या करती है और अपने पास भेजे हुए संदेश-वाहकों को पत्थरों से मार डालती है। मैंने कितनी बार चाहा कि तेरी सन्तान को वैसे ही एकत्र कर लूँ, जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे एकत्र कर लेती है, परन्तु तूने मुझे यह करने नहीं दिया।
“ओ यरूशलेम! यरूशलेम नगरी! तू नबियों की हत्या करती और अपने पास भेजे हुए संदेश-वाहकों को पत्थरों से मार डालती है। मैंने कितनी बार चाहा कि तेरी सन्तान को एकत्र कर लूँ, जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे एकत्र कर लेती है, परन्तु तूने मुझे यह करने नहीं दिया।
किन्तु इस्राएल के विषय में नबी ने प्रभु का यह कथन सुनाया, “आज्ञा न मानने वाली एवं विद्रोही प्रजा की ओर मैं दिन भर अपने हाथ फैलाये रहा।”
किन्तु तुम अपने इस हठ और अपने हृदय के अपश्चात्ताप के कारण कोप के दिन के लिए अपने विरुद्ध कोप का संचय कर रहे हो, जब परमेश्वर का निष्पक्ष न्याय प्रकट होगा।
यदि कोई व्यक्ति इस शपथपूर्ण व्यवस्था के वचन सुनने के पश्चात् मन ही मन अपने को सौभाग्यशाली मानता है, और यह कहता है, “यद्यपि मैं अपने हृदय के हठ के अनुसार चलूंगा, तो भी मेरा कुशल-मंगल होगा” , तो ऐसा विचार गेहूं के साथ घुन को भी पीस डालता है।
मैं जानता हूँ कि तुम विद्रोही और ऐंठी गरदन वाले लोग हो! देखो, यदि मेरे जीवित रहते, तुम्हारे साथ रहते हुए भी तुम आज प्रभु के विरुद्ध विद्रोह करते हो, तो मेरी मृत्यु के पश्चात् विद्रोह क्यों न करोगे?
‘स्मरण रखना और कभी मत भूलना कि तुमने निर्जन प्रदेश में अपने प्रभु परमेश्वर को क्रोधित किया था। जिस दिन से तुम मिस्र देश से बाहर निकले हो, और इस स्थान पर पहुँचे हो, तुम प्रभु से विद्रोह करते रहे हो।