किन्तु प्रभु की करुणा उसके भक्तों पर युग- युगान्त तक, और उसकी धार्मिकता उनके पुत्र-पुत्रियों, पौत्र-पात्रियों पर बनी रहती है,
यशायाह 64:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू उन लोगों से मिलता है जो आनन्दपूर्वक धर्म के कार्य करते हैं; जो तेरे मार्गों पर चलकर तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू हमसे क्रोधित था, क्योंकि हमने पाप किया था। हम बहुत समय तक पाप की अवस्था में रहे। क्या हम बच सकते हैं? पवित्र बाइबल जिनको अच्छे काम करने में रस आता है, तू उन लोगों के साथ है। वे लोग तेरे जीवन की रीति को याद करते हैं। पर देखो, बीते दिनों में हमने तेरे विरूद्ध पाप किये हैं। इसलिये तू हमसे क्रोधित हो गया था। अब भला कैसे हमारी रक्षा होगी Hindi Holy Bible तू तो उन्हीं से मिलता है जो धर्म के काम हर्ष के साथ करते, और तेरे मार्गों पर चलते हुए तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू क्रोधित हुआ था, क्योंकि हम ने पाप किया; हमारी यह दशा तो बहुत काल से है, क्या हमारा उद्धार हो सकता है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू तो उन्हीं से मिलता है जो धर्म के काम हर्ष के साथ करते, और तेरे मार्गों पर चलते हुए तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू क्रोधित हुआ था, क्योंकि हम ने पाप किया; हमारी यह दशा तो बहुत समय से है, क्या हमारा उद्धार हो सकता है? सरल हिन्दी बाइबल आप उन्हीं से मिलते हैं जो आनंद से नीतियुक्त काम करते हैं, जो आपको याद रखते हुए आपके मार्गों पर चलते हैं. सच है कि आप हमारे पाप के कारण क्रोधित हुए, और हमारी यह दशा बहुत समय से है. क्या हमें छुटकारा मिल सकता है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू तो उन्हीं से मिलता है जो धर्म के काम हर्ष के साथ करते, और तेरे मार्गों पर चलते हुए तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू क्रोधित हुआ था, क्योंकि हमने पाप किया; हमारी यह दशा तो बहुत समय से है, क्या हमारा उद्धार हो सकता है? |
किन्तु प्रभु की करुणा उसके भक्तों पर युग- युगान्त तक, और उसकी धार्मिकता उनके पुत्र-पुत्रियों, पौत्र-पात्रियों पर बनी रहती है,
प्रभु की स्तुति करो! धन्य है, वह मनुष्य जो प्रभु का भय मानता है, जो उसकी आज्ञाओं से बहुत प्रसन्न होता है।
जो प्रभु के विधान और साक्षी को मानते हैं, उनके लिए प्रभु के समस्त मार्ग करुणामय तथा सत्य हैं।
तू मिट्टी की एक वेदी बनाना और उस पर मुझे अपनी अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि, अपनी भेड़ और बैल की बलि चढ़ाना। प्रत्येक स्थान में, जहाँ मैं अपना नाम स्मरण के लिए प्रतिष्ठित करता हूं, वहाँ मैं आकर तुझे आशीष दूंगा।
मैं वहाँ तुझसे भेंट किया करूँगा। जो आज्ञाएँ मैं तुझे इस्राएली समाज के लिए दूँगा, उनके विषय में मैं तुझसे दया-आसन के ऊपर से, साक्षी-मंजूषा पर स्थापित दोनों करूबों के मध्य से, वार्तालाप करूँगा।
वेदी को साक्षी-मंजूषा के सामने लटके हुए अन्त:पट के आगे रखना, अर्थात् साक्षी-मंजूषा पर रखे हुए दया-आसन के आगे, जहाँ मैं तुझ से मिला करूँगा।
क्योंकि तुम उस बांज वृक्ष के समान हो जाओगे, जिसके पत्ते मुर्झा गए हैं। तुम उस उद्यान के समान सूख जाओगे, जिसको पानी नहीं मिलता।
तू उस दिन यह कहेगा : “प्रभु, मैं तुझे धन्यवाद देता हूं। यद्यपि तू मुझ पर क्रोधित था, तथापि तेरा क्रोध अब शान्त हो गया, और तूने मुझे सांत्वना दी।
हे हमारे प्रभु परमेश्वर, तेरे अतिरिक्त अन्य स्वामियों ने हम पर शासन किया, पर हम केवल तेरा नाम स्मरण करते हैं।
नहीं, प्रभु ने उन्हें थोड़ा-थोड़ा ताड़ित किया; उन्हें अपने देश से निर्वासित कर दंडित किया। जिस समय पूर्वी पवन बह रहा था, उसने उन्हें अपनी प्रचण्ड वायु से खदेड़ दिया।
किन्तु उन्होंने प्रभु से विरोध किया, उसके पवित्र आत्मा को दु:ख दिया। अत: वह उनका शत्रु बन गया, और उसने उनके विरुद्ध युद्ध किया।
जो उपकार प्रभु ने हम पर किए हैं, उनके लिए मैं प्रभु की अपार करुणा का, प्रभु के स्तुत्य कार्यों का, वर्णन करूंगा। प्रभु ने इस्राएल वंश की अत्यन्त भलाई की है, यह उसने अपने दयामय स्वभाव के कारण, अपनी अपार करुणा के अनुरूप किया है।
हमने पाप किया। हमने दुष्कर्म किए, और तेरे प्रति दुष्ट व्यवहार किया। तेरी आज्ञाओं और आदेशों की अवहेलना कर तुझसे विद्रोह किया।
ओ एफ्रइम, मैं तुझे कैसे त्याग दूं? ओ इस्राएल, मैं तुझे कैसे शत्रु के हाथ में सौंप दूं? मैं तुझे कैसे अदमा नगर के सदृश राख बना दूं? मैं तुझे कैसे सबोईम नगर के समान नष्ट कर दूं? मेरा हृदय बदल गया है! मेरी दया प्रज्वलित हो उठी है।
आओ, हम प्रभु का अनुभव प्राप्त करें। आओ, हम प्रभु के ज्ञान की तलाश करें। ऊषा की तरह उसका प्रकट होना निश्चित है। वर्षा की बूंदों के सदृश वह हमारे पास आएगा; भूमि को सींचनेवाली वसंत की वर्षा के समान वह हमारे पास आएगा।’
मनुष्य किसी भी जाति का क्यों न हो, यदि वह परमेश्वर की भक्ति करता और धर्माचरण करता है, तो वह परमेश्वर का कृपापात्र बन जाता है।
इसलिए हम पूर्ण भरोसे के साथ अनुग्रह के सिंहासन के पास जायें, जिससे हमें दया मिले और हम वह कृपा प्राप्त करें, जो हमारी आवश्यकताओं में हमारी सहायता करेगी।