तब परमेश्वर ने पृथ्वी को आज्ञा दी कि वह वनस्पति, बीजधारी पौधे और फलदायक वृक्ष उगाए। पृथ्वी पर उन वृक्षों की जाति के अनुसार उनके फलों में बीज भी हों। ऐसा ही हुआ।
यशायाह 61:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जैसे भूमि उपज को उगाती है, जैसे उद्यान में बोया गया बीज अंकुरित होता है, वैसे ही स्वामी-प्रभु समस्त राष्ट्रों के सम्मुख धार्मिकता और स्तुति अपने निज लोगों में अंकुरित करेगा। पवित्र बाइबल धरती पौधे उगाती है। लोग बगीचों में बीज डालते हैं और वह बगीचा उन बीजों को उगाता है। वैसे ही यहोवा नेकी को उगायेगा। इस तरह मेरा स्वामी सभी जातियों के बीच स्तुति को बढ़ायेगा। Hindi Holy Bible क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के साम्हने धामिर्कता और धन्यवाद को बढ़ाएगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के सामने धार्मिकता और धन्यवाद को बढ़ाएगा। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि जिस प्रकार भूमि अपनी उपज उगाती और बारी में बोये गये बीज को अंकुरित करती है, उसी प्रकार प्रभु याहवेह सब देशों के बीच धार्मिकता बढ़ाएंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के सामने धार्मिकता और धन्यवाद को बढ़ाएगा। |
तब परमेश्वर ने पृथ्वी को आज्ञा दी कि वह वनस्पति, बीजधारी पौधे और फलदायक वृक्ष उगाए। पृथ्वी पर उन वृक्षों की जाति के अनुसार उनके फलों में बीज भी हों। ऐसा ही हुआ।
देश में प्रचुर अन्न हो; पर्वतों के शिखर पर खेत लहलहाए। उनकी बालें लबानोन के वृक्षों के समान और नगर के निवासी घास के समान खिलें।
‘ओ उत्तरी पवन, जाग, ओ दक्षिणी पवन, आ। मेरे उद्यान में बहो, जिससे उसकी सुगन्ध दूर-दूर तक फैल जाए। तब मेरा प्रियतम, अपने उद्यान में आए, और उसके मधुर फल खाए।’
उस दिन प्रभु का अंकुर, जिसको उसने रोपा था, सुन्दर और भव्य होगा, शेष बचे हुए इस्राएलियों के लिए भूमि की उपज गौरव और गर्व की बात होगी।
मैंने स्वयं अपनी शपथ खाई है, मेरी धार्मिकता से मेरे मुंह से यह वचन निकला है, और वह नहीं टलेगा: ‘हर एक मनुष्य मेरे सम्मुख घुटना टेकेगा, प्रत्येक जीभ मेरे नाम से शपथ लेगी।’
लोग मेरे विषय में यह कहेंगे: ‘केवल प्रभु में ही धार्मिकता और सामर्थ्य है। जो उसके विरोधी हैं, वे सब उसके पास आएंगे, और लज्जित होंगे।
ओ आकाश, धर्म की वर्षा कर। ओ आकाश-मण्डल, धार्मिकता बरसा। धरती की सतह खुल जाए, जिससे उद्धार का अंकुर फूटे। वह धार्मिकता को भी उपजाए। मैं-प्रभु ने ही उसे रचा है।
मैं अपना उद्धार तुम्हारे समीप ला रहा हूं, अब वह तुमसे बहुत दूर नहीं है। मेरी ओर से उद्धार में देर नहीं होगी। मैं सियोन को अपना उद्धार, और इस्राएल को अपनी महिमा प्रदान करूंगा।
भला होता कि तू मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुनता, तब नदी के बहते जल की तरह, तेरा कल्याण होता, सागर की लहरों की तरह तेरी धार्मिकता होती।
प्रभु निरन्तर तेरा मार्गदर्शन करता रहेगा, और वह अभाव के दिनों में भी तुझे तृप्त करेगा। वह तेरी हड्डियों को मजबूत बनाएगा, और तू सिंचे हुए उद्यान के सदृश हरा-भरा होगा; तू उस झरने के समान होगा, जिसका जल कभी नहीं सूखता।
तेरे देश में हिंसा की घटना फिर कभी नहीं सुनी जाएगी; और न तेरी सीमाओं के भीतर विध्वन्स और विनाश होगा। तू अपने शहरपनाह का नाम “उद्धार” और प्रवेश-द्वार का नाम “स्तुति” रखेगी।
तेरे सब निवासी धार्मिक होंगे; वे सदा के लिए देश पर अधिकार करेंगे, जिससे मेरी महिमा हो। ये लोग मेरे पौधे की शाखाएँ हैं; इन्हें मैंने अपने हाथ से रचा है।
मैं सियोन के विषय में अब चुप नहीं रहूंगा, मैं यरूशलेम के कारण चैन न लूंगा, जब तक उसकी धार्मिकता प्रकाश के सदृश न चमकने लगे, जब तक उसका उद्धार मशाल की तरह न जलने लगे।
‘ओ सियोन, सब राष्ट्र तेरी धार्मिकता के दर्शन करेंगे; सब राजा तेरी महिमा को देखेंगे। तेरा नया नाम रखा जाएगा; यह नाम स्वयं प्रभु तुझे प्रदान करेगा।
और उसे भी चैन न लेने दो, जब तक वह यरूशलेम का पुनर्निर्माण न करे, जब तक वह पृथ्वी पर उसका यश न फैला दे।
जो अच्छी भूमि में बोया गया है : यह वह है, जो वचन सुनता और समझता है और फल लाता है − कोई सौ गुना, कोई साठ गुना और कोई तीस गुना।”
उन्होंने दृष्टान्तों द्वारा उन्हें बहुत-सी बातों की शिक्षा दी। उन्होंने कहा, “एक किसान बीज बोने निकला।
परन्तु आप लोग चुने हुए वंश, राजकीय पुरोहित-वर्ग, पवित्र राष्ट्र तथा परमेश्वर की अपनी निजी प्रजा हैं, जिससे आप उसी के महान् कार्यों की घोषणा करें, जो आप लोगों को अन्धकार में से निकाल कर अपनी अलौकिक ज्योति में बुला लाया है।