मैं अपने निज लोग इस्राएलियों के लिए एक स्थान निर्धारित करूँगा। मैं उन्हें वहाँ बसाऊंगा जिससे वे अपने स्थान में निवास करेंगे, और उन्हें फिर नहीं सताया जाएगा। दुर्जन उन्हें फिर दु:ख नहीं देंगे, जैसे वे पहले करते थे,
यशायाह 60:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तेरे देश में हिंसा की घटना फिर कभी नहीं सुनी जाएगी; और न तेरी सीमाओं के भीतर विध्वन्स और विनाश होगा। तू अपने शहरपनाह का नाम “उद्धार” और प्रवेश-द्वार का नाम “स्तुति” रखेगी। पवित्र बाइबल तेरे देश में हिंसा और तेरी सीमाओं में तबाही और बरबादी कभी नहीं सुनाई पड़ेगी। तेरे देश में लोग फिर कभी तेरी वस्तुएँ नहीं चुरायेंगे। तू अपने परकोटों का नाम ‘उद्धार’ रखेगा और तू अपने द्वारों का नाम ‘स्तुति’ रखेगा। Hindi Holy Bible तेरे देश में फिर कभी उपद्रव और तेरे सिवानों के भीतर उत्पात वा अन्धेर की चर्चा न सुनाईं पड़ेगी; परन्तु तू अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार और अपने फाटकों का नाम यश रखेगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तेरे देश में फिर कभी उपद्रव और तेरी सीमाओं के भीतर उत्पात या अन्धेर की चर्चा न सुनाई पड़ेगी; परन्तु तू अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार और अपने फाटकों का नाम यश रखेगी। सरल हिन्दी बाइबल अब तुम्हारे देश में फिर हिंसा न होगी, न ही तुम्हारी सीमाओं में हलचल या विनाश बिखर जायेगा, परंतु तुम अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार और अपने फाटकों का नाम यश रखोगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तेरे देश में फिर कभी उपद्रव और तेरी सीमाओं के भीतर उत्पात या अंधेर की चर्चा न सुनाई पड़ेगी; परन्तु तू अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार और अपने फाटकों का नाम यश रखेगी। |
मैं अपने निज लोग इस्राएलियों के लिए एक स्थान निर्धारित करूँगा। मैं उन्हें वहाँ बसाऊंगा जिससे वे अपने स्थान में निवास करेंगे, और उन्हें फिर नहीं सताया जाएगा। दुर्जन उन्हें फिर दु:ख नहीं देंगे, जैसे वे पहले करते थे,
वह तेरी सीमाओं पर शान्ति रखता, वह तुझे प्रचुर मात्रा में उत्तम गेहूं से तृप्त करता है।
मेरे समस्त पवित्र पर्वत पर वे न किसी को दु:ख देंगे, और न किसी का अनिष्ट करेंगे; क्योंकि मुझ-प्रभु के ज्ञान से पृथ्वी परिपूर्ण हो जाएगी, जैसे जल से समुद्र भरा रहता है।
प्रभु राष्ट्रों के मध्य न्याय करेगा; वह भिन्न-भिन्न कौमों को अपना निर्णय सुनायेगा। तब विश्व में शान्ति स्थापित होगी : राष्ट्र अपनी तलवारों को हल के फाल बनायेंगे, वे अपने भालों को हंसियों में बदल देंगे। एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र के विरुद्ध तलवार नहीं उठायेगा, वे युद्ध-विद्या फिर नहीं सीखेंगे।
उस दिन यहूदा प्रदेश के निवासी यह गीत गाएंगे : “यरूशलेम हमारा सुदृढ़ नगर है; प्रभु ने हमें बचाने के लिए नगर में दीवारें और परकोटे बनाए हैं।
नगर के प्रवेश-द्वार खोल दो, ताकि राष्ट के धार्मिक लोग जो प्रभु पर विश्वास करते हैं, नगर के भीतर प्रवेश करें।
ये दो विपत्तियाँ तुझ पर टूटीं: तबाही और विनाश; अकाल और शत्रु का आक्रमण! कौन तेरे प्रति सहानुभूति प्रकट करेगा? कौन तुझे शान्ति देगा?
तू धर्म की नींव पर स्थिर होगी, तू नहीं डरेगी; अत्याचार से तू बची रहेगी; आतंक तेरे पास फटकेगा भी नहीं।
मैं उसको अपने गृह में, अपनी शहरपनाह के भीतर ऐसा स्थायी नाम दूंगा जो पुत्रों और पुत्रियों से श्रेष्ठ होगा। मैं उसको शाश्वत नाम दूंगा जो कभी न मिटेगा।
तेरे प्रवेश-द्वार निरन्तर खुले रहेंगे; वे दिन-रात कभी बन्द न होंगे, ताकि लोग अपने-अपने राष्ट्र का धन तेरे पास ला सकें; उनके राजा उनकी अगुवायी करेंगे।
मैं आराधकों को प्रेरित करूंगा, और वे पीतल के बदले सोना, लोहे के बदले चांदी, लकड़ी के बदले पीतल पत्थर के बदले लोहा लाएंगे। मैं शान्ति को तेरा निरीक्षक, और धार्मिकता को तेरा पदाधिकारी बना दूंगा!
जैसे भूमि उपज को उगाती है, जैसे उद्यान में बोया गया बीज अंकुरित होता है, वैसे ही स्वामी-प्रभु समस्त राष्ट्रों के सम्मुख धार्मिकता और स्तुति अपने निज लोगों में अंकुरित करेगा।
प्रवेश-द्वार से बाहर निकलो, बाहर निकलो; और आनेवाले लोगों के लिए मार्ग तैयार करो; सुधारो, राजमार्ग सुधारो; पत्थरों को हटा दो! कौमों के लिए झंडा फहराओ।
तू फिर “परित्यक्ता” न कहलाएगी; तेरी भूमि फिर “उजाड़” न कहलाएगी। तू “मेरा आनन्द” , और तेरी भूमि “सुहागिन” कहलाएगी; क्योंकि प्रभु तुझसे प्रसन्न है, और तेरी भूमि सुहागिन बनेगी।
और उसे भी चैन न लेने दो, जब तक वह यरूशलेम का पुनर्निर्माण न करे, जब तक वह पृथ्वी पर उसका यश न फैला दे।
इस प्रकार उसने चारों ओर की सीमाएं नापीं। उसके चारों ओर एक वर्गाकार दीवार थी। यह दीवार पवित्र स्थान को जन-साधारण के क्षेत्र से अलग करती थी। उसकी लम्बाई अढ़ाई सौ मीटर और चौड़ाई अढ़ाई सौ मीटर थी।
प्रभु भिन्न-भिन्न कौमों का न्याय करेगा, वह दूर-दूर के शक्तिशाली राष्ट्रों का निर्णय करेगा। अत: राष्ट्र अपनी तलवारों को हल के फाल बनाएंगे। वे अपने भाले को हंसिए में बदल देंगे, एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र के विरुद्ध तलवार नहीं उठाएगा, और न ही वे युद्ध-विद्या सीखेंगे।
देख, उस समय मैं तुझ पर अत्याचार करनेवालों का अन्त कर दूंगा। उस दिन मैं उनको भी बचाऊंगा। जो अपंग होंगे। मैं समाज से निकाले गए लोगों को एकत्र करूंगा, जिन लोगों ने देश-देश में अपमान सहा था, उनके अपमान को यश और कीर्ति में बदल दूंगा।
प्रभु यह कहता है : मैं ही उसके चारों ओर अग्नि की दीवार बनूंगा, मैं ही उसके भीतर महिमा होऊंगा।” ’
मैं उन पर अपना हाथ उठाऊंगा, और उनके गुलाम स्वयं उन्हें लूट लेंगे।’ तब तुम्हें ज्ञात होगा कि स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने मुझे भेजा है।
मैं अपने भवन में प्रशासक के सदृश पड़ाव डालूंगा, एक भी व्यक्ति इधर से उधर नहीं जाएगा। कोई भी अत्याचारी राजा तुम पर चढ़ाई नहीं करेगा, क्योंकि अब मैंने अपनी आंखों से देख लिया।’