किन्तु जो कुटिल मार्गों की ओर मुड़ते हैं, उन्हें प्रभु कुकर्मियों के साथ निकाल देगा। इस्राएल को शान्ति मिले!
यशायाह 59:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे शान्ति का मार्ग नहीं जानते; उनके आचरण में न्याय का अभाव है; वे सीधे मार्ग पर नहीं चलते; वरन् उन्होंने अपने मार्गों को टेढ़ा बनाया है; उनके मार्ग पर चलनेवाला व्यक्ति शान्ति का अनुभव नहीं करता। पवित्र बाइबल ऐसे लोग शांति का मार्ग नहीं जानते। उनके जीवन में नेकी तो होती ही नहीं। उनके रास्ते ईमानदारी के नहीं होते। कोई भी व्यक्ति जो उनके जैसा जीवन जीता है, अपने जीवन में कभी शांति नहीं पायेगा। Hindi Holy Bible शान्ति का मार्ग वे जानते ही नहीं और न उनके व्यवहार में न्याय है; उनके पथ टेढ़े हैं, जो कोई उन पर चले वह शान्ति न पाएगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) शान्ति का मार्ग वे जानते ही नहीं; और न उनके व्यवहार में न्याय है; उनके पथ टेढ़े हैं, जो कोई उन पर चले वह शान्ति न पाएगा। सरल हिन्दी बाइबल शांति का मार्ग वे नहीं जानते; न उनके स्वभाव में न्याय है. उन्होंने अपने मार्ग को टेढ़ा कर रखा है; इस मार्ग में कोई व्यक्ति शांति न पायेगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 शान्ति का मार्ग वे जानते ही नहीं; और न उनके व्यवहार में न्याय है; उनके पथ टेढ़े हैं, जो कोई उन पर चले वह शान्ति न पाएगा। (रोम. 3:15-17) |
किन्तु जो कुटिल मार्गों की ओर मुड़ते हैं, उन्हें प्रभु कुकर्मियों के साथ निकाल देगा। इस्राएल को शान्ति मिले!
निष्कपट आचरण करनेवाला मनुष्य निस्सन्देह बचाया जाएगा; किन्तु कुमार्ग पर चलनेवाला व्यक्ति पतन के गड्ढे में गिरेगा।
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का यह अंगूर-उद्यान इस्राएल वंश है। यहूदा प्रदेश के निवासी प्रभु के सुन्दर पौधे हैं। प्रभु ने उनसे न्याय की आशा की, पर उसे देखने को मिला: रक्त पात। प्रभु ने उनसे धार्मिकता की आशा की, पर उसे सुनने को मिला: गरीबों का करुण- क्रंदन!
हम-सब रीछों के सदृश गुर्राते हैं; और कबुतरों के समान गुटरगूं... गुटरगूं करते हुए विलाप करते हैं। हम न्याय की राह देखते हैं। पर वह है ही नहीं; हम उद्धार की प्रतीक्षा करते हैं पर वह हमसे बहुत दूर है।
इस कारण न्याय हमसे दूर है; और धार्मिकता हमारे पास नहीं फटकती। हम प्रकाश की तलाश में हैं लेकिन हमें अंधकार मिलता है। हम उजियाला चाहते हैं, पर चलते हैं अंधकार में!
मैं विद्रोही कौम की ओर दिन भर हाथ फैलाए रहा, उन्हें बुलाता रहा। यह कौम अपने मन की योजनाओं के अनुसार उस मार्ग पर चलती है, जो भला नहीं है।
प्रभु कहता है, ‘यरूशलेम की सड़कों पर इधर-उधर दौड़ कर देखो, और पता लगाओ! उसके चौराहों में खोजो और देखो, कि क्या यरूशलेम में ऐसा मनुष्य है जो न्याय से काम करता है, जो अपने आचरण में ईमानदार है? तब मैं यरूशलेम को क्षमा कर दूंगा।
“ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो! धिक्कार है तुम्हें! तुम पुदीने, सौंफ और जीरे का दशमांश तो देते हो, किन्तु धर्म-व्यवस्था की मुख्य बातों − न्याय, करुणा और विश्वास की उपेक्षा करते हो। तुम्हारे लिए उचित तो यह था कि तुम इन्हें करते रहते और उन को भी नहीं छोड़ते!
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।”