यशायाह 59:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम्हारे हाथ हत्या के खून से, और तुम्हारी अंगुलियाँ दुष्कर्म से अपवित्र हैं। तुम्हारे ओंठ झूठ बोलते हैं, तुम्हारी जीभ दुष्टतापूर्ण बातें निकालती है। पवित्र बाइबल तुम्हारे हाथ गन्दे हैं, वे खून से सने हुए हैं। तुम्हारी उँगलियाँ अपराधों से भरी हैं। अपने मुँह से तुम झूठ बोलते हो। तुम्हारी जीभ बुरी बातें करती है। Hindi Holy Bible क्योंकि तुम्हारे हाथ हत्या से और तुम्हारी अंगुलियां अधर्म के कर्मों से अपवित्र हो गईं हैं; तुम्हारे मुंह से तो झूठ और तुम्हारी जीभ से कुटिल बातें निकलती हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि तुम्हारे हाथ हत्या से और तुम्हारी अंगुलियाँ अधर्म के कर्मों से अपवित्र हो गईं हैं, तुम्हारे मुँह से तो झूठ और तुम्हारी जीभ से कुटिल बातें निकलती हैं। सरल हिन्दी बाइबल खून से तुम्हारे हाथ तथा अधर्म से तुम्हारी उंगलियां दूषित हो चुकी हैं, तुम्हारे होंठों ने झूठ बोला है. तुम्हारी जीभ दुष्टता की बातें कहती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि तुम्हारे हाथ हत्या से और तुम्हारी अंगुलियाँ अधर्म के कर्मों से अपवित्र हो गईं हैं, तुम्हारे मुँह से तो झूठ और तुम्हारी जीभ से कुटिल बातें निकलती हैं। |
जब तुम प्रार्थना करते समय मेरी ओर हाथ फैलाओगे तब मैं तुम्हारी ओर से अपनी आंखें फेर लूंगा। चाहे तुम एक के बाद एक, कितनी ही प्रार्थनाएँ क्यों न करो, मैं उन्हें नहीं सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से सने हैं।
जो नगरी सती-साध्वी थी, वह कैसे वेश्या बन गई! वह न्याय-प्रिय थी, उसमें धर्म का निवास था। पर अब? वहाँ हत्यारे बसे हुए हैं।
तुमने यह कहा है: “हमने मौत से सन्धि की है; अधोलोक से समझौता किया है अत: जब प्रलय का जल-प्रवाह बहेगा तब वह हम तक नहीं पहुंचेगा! असत्य को हमने अपना आश्रय-स्थल माना है,
यरूशलेम नगर लड़खड़ाकर गिर गया; यहूदा प्रदेश का पतन हो गया; क्योंकि उन्होंने प्रभु की महिमामय उपस्थिति की उपेक्षा की, और अपने शब्दों और कामों से उसका विरोध किया।
ऐसे मनुष्य राख खानेवाले हैं। भ्रमपूर्ण मन ने उन्हें पथभ्रष्ट कर दिया है। वे अपने को बचा नहीं सकते और न यह कह सकते हैं, ‘हम मिथ्याचार में फंसे हुए हैं।’
हमने प्रभु को अस्वीकार किया; उसके प्रति अपराध किया; अपने परमेश्वर का अनुसरण करना छोड़ दिया, उससे अपना मुंह फेर लिया। हमने अत्याचार और विरोध की बातें कहीं, हमने मन में झूठी बातें गढ़ीं, और उनको अपने मुंह से निकाला भी।
तब मैंने कहा, ‘हाय! अब मैं जीवित नहीं रह सकता! मैं अशुद्ध ओंठवाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध ओंठवाले लोगों के मध्य निवास करता हूं। मैंने साक्षात् स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा।’
‘मैंने व्यर्थ ही तुम्हारे बच्चों को मारा, वे मेरी ताड़ना से सुधरे नहीं; तुमने अपनी तलवार से अपने नबियों को चीर-फाड़ डाला, जैसे गरजता हुआ सिंह अपने शिकार को फाड़ता है!
तेरे आंचल में निर्दोष गरीबों का रक्त लगा है। यद्यपि तूने उन्हें सेंध लगाते हुए नहीं पकड़ा था। इन सब अपराधों के होते हुए भी
किन्तु तेरी आंखें किस लिए हैं? तेरे पास हृदय है ... पर किस लिए? अन्याय से लाभ कमाने के लिए, निर्दोष की हत्या करने के लिए, जनता पर अत्याचार और दमन करने के लिए?’
काश, निर्जन प्रदेश में मुझे टिकने के लिए सराय मिल जाती, तो मैं अपने लोगों को छोड़कर चला जाता; क्योंकि वे सब के सब व्यभिचारी हैं; और वे विश्वासघातियों का संघ बन गए हैं।
अत: स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: ‘मैं उनको आग में शुद्ध करूँगा, और उनको परखूंगा। इसके अतिरिक्त मैं उनके साथ और क्या कर सकता हूं; क्योंकि वे मेरे निज लोग हैं?
स्वामी-प्रभु यों कहता है, ‘ओ नबियो, तुमने झूठी बातें कहीं, और झूठे दर्शन देखे, इसलिए, देखो मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं। स्वामी-प्रभु की यह वाणी है।
‘ओ मानव, तू ही न्याय कर। हत्यारे यरूशलेम नगर के अपराधों का तू ही न्याय कर। उसने जो घृणित कार्य किए हैं, उन सब को उसे बता।
अत: मैं, स्वामी-प्रभु कहता हूँ : मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है! मैं तुझको वध के लिए तैयार करूंगा, और उनकी हत्या का पाप तेरा पीछा करेगा! तूने हत्या की है, और दोषी ठहरा है; अत: हत्या का पाप तेरा पीछा करेगा।
वे उसको खाली कर देंगे। ‘सारा देश और यरूशलेम नगर रक्तपात और हिंसात्मक कार्यों से भर गया है।
तब उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, यहूदा और इस्राएल प्रदेशों की जनता ने महादुष्कर्म किया है। उनका सारा देश रक्तपात से भर गया है। यरूशलेम नगर में अन्याय ही अन्याय दिखाई देता है। वे कहते हैं, “प्रभु हमारे देश को छोड़ कर चला गया है, वह हमें नहीं देखता है।”
यहाँ लोग झूठी शपथ खाते हैं। वे धोखा देते हैं। वे हत्यारे, चोर और व्यभिचारी हैं। वे व्यवस्था की सीमा का उल्लंघन करते हैं, यहाँ हत्या के बाद हत्या होती है।
धिक्कार है उन्हें! वे मेरे मार्ग से भटक गए हैं। सर्वनाश हो उनका! उन्होंने मुझसे विद्रोह किया है। मैं उनका उद्धार करना चाहता हूं; पर वे मेरे विरुद्ध झूठ बोलते हैं।
संकट के समय, तुम प्रभु की दुहाई दोगे, पर वह तुम्हारी दुहाई का उत्तर नहीं देगा। उस समय वह तुमसे अपना मुंह छिपाएगा क्योंकि तुमने दुष्कर्म किए हैं।
ओ यहूदा कुल, तेरे धनवान लोगों में हिंसावृत्ति है, तेरे नागरिक झूठ बोलते हैं; उनकी बातें कपटपूर्ण होती हैं।
पृथ्वी से भक्त उठ गए, मनुष्यों में सत्यनिष्ठ व्यक्ति नहीं रहे। सब लोग हत्या के उद्देश्य से घात लगाते हैं। हर आदमी अपने भाई के लिए जाल बिछाता है।
“मैंने निर्दोष रक्त का सौदा कर पाप किया है।” उन्होंने उत्तर दिया, “हमें इस से क्या! तुम जानो।”
वे कपटी लोगों के पाखण्ड द्वारा भटकाये जायेंगे, जिनके अन्त:करण पर शैतान की मुहर लग चुकी है,