‘जब कोई विदेशी, जो तेरे निज लोग इस्राएली जाति का नहीं है, तेरे नाम के कारण दूर देश से आएगा
यशायाह 56:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उनको मैं अपने पवित्र पर्वत पर लाऊंगा; अपने प्रार्थनाघर में उन्हें आनन्द प्रदान करूंगा। जब वे वेदी पर अपनी अग्निबलि तथा अन्न-बलि चढ़ाएंगे तब मैं उनकी बलि स्वीकार करूंगा; क्योंकि मेरा घर सब जातियों के लिए प्रार्थना का घर कहलागा।’ पवित्र बाइबल मैं उन लोगों को अपने पवित्र पर्वत पर लाऊँगा। अपने प्रार्थना भवन में मैं उन्हें आनन्द से भर दूँगा। वे जो भेंट और बलियाँ मुझे अर्पित करेंगे, मैं उनसे प्रसन्न होऊँगा। क्यों क्योंकि मेरा मन्दिर सभी जातियों का प्रार्थना का गृह कहलायेगा।” Hindi Holy Bible उन को मैं अपने पवित्र पर्वत पर ले आकर अपने प्रार्थना के भवन में आनन्दित करूंगा; उनके होमबलि और मेलबलि मेरी वेदी पर ग्रहण किए जाएंगे; क्योंकि मेरा भवन सब देशों के लोगों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उनको मैं अपने पवित्र पर्वत पर ले आकर अपने प्रार्थना के भवन में आनन्दित करूँगा; उनके होमबलि और मेलबलि मेरी वेदी पर ग्रहण किए जाएँगे; क्योंकि मेरा भवन सब देशों के लोगों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा। सरल हिन्दी बाइबल मैं उन्हें भी अपने पवित्र पर्वत पर तथा प्रार्थना भवन में लाकर आनंदित करूंगा. उनके चढ़ाए होमबलि तथा मेलबलि ग्रहण करूंगा; क्योंकि मेरा भवन सभी देशों के लिए प्रार्थना भवन कहलाएगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उनको मैं अपने पवित्र पर्वत पर ले आकर अपने प्रार्थना के भवन में आनन्दित करूँगा; उनके होमबलि और मेलबलि मेरी वेदी पर ग्रहण किए जाएँगे; क्योंकि मेरा भवन सब देशों के लोगों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा। (मला. 1:11, मर. 11:17, 1 पत. 2:5) |
‘जब कोई विदेशी, जो तेरे निज लोग इस्राएली जाति का नहीं है, तेरे नाम के कारण दूर देश से आएगा
वह पुष्प हारून के माथे पर रहेगा। जब इस्राएली लोग, जिन वस्तुओं को वे पवित्र मानते हैं, उनकी पवित्र भेंट चढ़ाएंगे तब पवित्र अर्पण के समय कोई दोष होने पर हारून उस दोष को अपने ऊपर लेगा। पुष्प हारून के माथे पर सदा रहेगा जिससे वे प्रभु के सम्मुख ग्रहण किए जा सकें।
मेरे समस्त पवित्र पर्वत पर वे न किसी को दु:ख देंगे, और न किसी का अनिष्ट करेंगे; क्योंकि मुझ-प्रभु के ज्ञान से पृथ्वी परिपूर्ण हो जाएगी, जैसे जल से समुद्र भरा रहता है।
उस दिन मिस्र देश में प्रभु के नाम की एक वेदी होगी, और मिस्र देश की सीमा पर प्रभु के नाम का एक स्तम्भ होगा।
प्रभु मिस्र-निवासियों पर स्वयं को प्रकट करेगा, और उस दिन मिस्र-निवासी प्रभु का अनुभव करेंगे, और वे पशु-बलि और अग्नि-बलि के द्वारा प्रभु की आराधना करेंगे। वे प्रभु के लिए मन्नतें मानेंगे और उनको पूर्ण करेंगे।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु सियोन पर्वत पर सब जातियों के लिए महाभोज तैयार करेगा, जिस में छप्पन व्यंजन, शुद्ध किया हुआ अंगूर का रस होगा; जिसमें स्निग्ध भोजन, और पुराने अंगूर रस के पेय होंगे।
मैं उसको अपने गृह में, अपनी शहरपनाह के भीतर ऐसा स्थायी नाम दूंगा जो पुत्रों और पुत्रियों से श्रेष्ठ होगा। मैं उसको शाश्वत नाम दूंगा जो कभी न मिटेगा।
जब तू दुहाई देगी, तब तेरी ये मूर्तियां, जिनका अम्बार तूने लगा रखा है, तुझे बचाएं। हवा उन्हें उड़ा ले जाएगी, वे एक ही फूंक में उड़ जाएंगी। परन्तु जो मनुष्य मेरी शरण में आएगा, वह इस देश पर अधिकार करेगा, वह मेरे पवित्र पर्वत का अधिकारी होगा।
तेरे प्रवेश-द्वार निरन्तर खुले रहेंगे; वे दिन-रात कभी बन्द न होंगे, ताकि लोग अपने-अपने राष्ट्र का धन तेरे पास ला सकें; उनके राजा उनकी अगुवायी करेंगे।
केदार कबीले की भेड़-बकरियाँ तेरे समीप एकत्र होंगी; नबायोत कबीले के मेढ़े तेरे पास आएंगे। वे प्रभु की वेदी पर चढ़ाए जाएंगे, और प्रभु उन्हें ग्रहण करेगा। वह अपने सुन्दर भवन को और सुन्दर बनाएगा।
मैं प्रभु में अति आनन्दित हूं, मेरा प्राण परमेश्वर में उल्लसित है। जैसे दूल्हा पुष्पहार से स्वयं को सजाता है, जैसे दुल्हिन आभूषणों से अपना श्रृंगार करती है, वैसे ही प्रभु ने उद्धार के वस्त्र मुझे पहिनाए, और धार्मिकता की चादर मुझे ओढ़ाई।
किन्तु तुम लोग, जिन्होंने मुझ-प्रभु को त्याग दिया है, जिन्होंने मेरे पवित्र पर्वत को भुला दिया है, जो भाग्य-देवता की मेज पर अन्न की भेंट अर्पित करते हो, नियति देवी को मसाला मिश्रित मदिरा चढ़ाते हो,
भेड़िया और मेमना एक-साथ चरेंगे सिंह बैल के समान भूसा खाएगा, सांप मिट्टी खाकर पेट भरेगा। वे मेरे पवित्र पर्वत पर किसी को हानि नहीं पहुँचाएंगे, और न किसी का अनिष्ट करेंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
मेरे नाम से प्रसिद्ध यह भवन तुम्हारी दृष्टि में डाकुओं का अड्डा बन गया है। देखो, मैंने स्वयं यह सब देखा है,’ प्रभु की यह वाणी है।
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : इस्राएल के सब वंशज अपने देश में, इस्राएल देश के उच्च पहाड़ी शिखर पर, मेरे पवित्र पर्वत पर मेरी आराधना करेंगे। वहां मैं उनकी सेवा-आराधना को स्वीकार करूंगा। वहीं मैं तुम्हारी सब प्रकार की बलि, सर्वोत्तम वस्तुएं, उपहार, तुम्हारी पवित्र भेंट लूंगा।
इस देश की भूमि तुम आपस में तथा उन प्रवासियों के मध्य बांटना, जो तुम्हारे समाज में रहते हैं, और यहीं रहते हुए उनके बाल-बच्चे उत्पन्न हुए हैं। ऐसे प्रवासियों को तुम अपने समान ही इस्राएल देश का निवासी मानना। वे भी इस्राएल के पितृकुलों के भूमिक्षेत्र में पैतृक अधिकार के लिए भूमि प्राप्त करेंगे।
‘तब तुम्हें अनुभव होगा, कि मैं तुम्हारा प्रभु परमेश्वर हूं, और मैं अपने पवित्र पर्वत सियोन पर निवास करता हूं। यरूशलेम पवित्र नगर बनेगा, और उसके मार्ग से विदेशी कभी नहीं जा सकेंगे।
प्रभु यों कहता है: मैं सियोन पर्वत को लौटूंगा। मैं यरूशलेम के मध्य निवास करूंगा और यरूशलेम “सत्य नगर” कहलाएगा। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का पर्वत “पवित्र पर्वत” होगा।
उदयाचल से अस्ताचल तक, समस्त राष्ट्रों में मेरा नाम महान है। हर स्थान में मेरे नाम पर धूप-द्रव्य और शुद्ध भेंट चढ़ाई जाती है। मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता हूं: समस्त राष्ट्रों में मेरा नाम महान है।
और उन से कहा, “धर्मग्रन्थ में लिखा है : ‘मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा,’ परन्तु तुम लोग उसे लुटेरों का अड्डा बना रहे हो।”
उन्होंने लोगों को शिक्षा देते हुए कहा, “क्या धर्मग्रन्थ में यह नहीं लिखा है : ‘मेरा घर सब जातियों के लिए प्रार्थना का घर कहलाएगा’? परन्तु तुम लोगों ने उसे लुटेरों का अड्डा बना दिया है।”
“लिखा है : ‘मेरा घर प्रार्थना का घर होगा, परन्तु तुम लोगों ने उसे लुटेरों का अड्डा बना दिया है।’ ”
अत:, भाइयो और बहिनो! मैं परमेश्वर की दया के नाम पर अनुरोध करता हूँ कि आप जीवन्त, पवित्र तथा सुग्राह्य बलि के रूप में अपने को परमेश्वर के प्रति अर्पित करें; यही आपकी आत्मिक उपासना है।
मैं चाहता हूँ कि सब जगह पुरुष, बैर तथा विवाद छोड़कर, श्रद्धापूर्वक हाथ ऊपर उठा कर प्रार्थना करें।
आप लोग सियोन पर्वत, जीवन्त परमेश्वर के नगर, स्वर्गीय यरूशलेम के पास पहुँचे हैं, जहाँ लाखों स्वर्गदूत आनन्द-उत्सव मनाते हैं
हम येशु के द्वारा परमेश्वर को स्तुति-रूपी बलि-अर्थात् उसके नाम की महिमा करने वाले होंठों का फल-निरन्तर चढ़ाया करें।
और जीवन्त पत्थरों के समान आत्मिक भवन में निर्मित हो जाएं। इस प्रकार आप पवित्र पुरोहित-वर्ग बन कर ऐसी आत्मिक बलि चढ़ा सकेंगे, जो येशु मसीह द्वारा परमेश्वर को स्वीकार हो।