परमेश्वर उन्हें सुरक्षित रखता, और उन्हें सम्भालता है; वह उनके कुमार्गों पर उनकी रक्षा करता है
यशायाह 56:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे एक दूसरे से कहते हैं : ‘आओ, शराब ले आएं, हम शराब पीकर छक जाएं, कल का दिन भी आज के समान अत्यन्त सुहावना होगा।’ पवित्र बाइबल वे कहा करते हैं, “आओ थोड़ी दाखमधु ले और उसे पीयें यव सुरा भरपेट पियें। हम कल भी यही करेंगे, कल थोड़ी और अधिक पियेंगे।” Hindi Holy Bible वे कहते हैं कि आओ, हम दाखमधु ले आएं, आओ मदिरा पीकर छक जाएं; कल का दिन भी तो आज ही के समान अत्यन्त सुहावना होगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे कहते हैं, “आओ, हम दाखमधु ले आएँ, आओ मदिरा पीकर छक जाएँ; कल का दिन भी तो आज ही के समान अत्यन्त सुहावना होगा।” सरल हिन्दी बाइबल वे कहते हैं, “आओ, हम दाखमधु पीकर तृप्त हो जाएं! कल का दिन भी आज के समान, या इससे भी बेहतर होगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे कहते हैं, “आओ, हम दाखमधु ले आएँ, आओ मदिरा पीकर छक जाएँ; कल का दिन भी तो आज ही के समान अत्यन्त सुहावना होगा।” (लूका 12:19-20, 1 कुरि. 15:32) |
परमेश्वर उन्हें सुरक्षित रखता, और उन्हें सम्भालता है; वह उनके कुमार्गों पर उनकी रक्षा करता है
वह अपने हृदय में यह सोचता है, “मैं अटल हूँ। मैं पीढ़ी से पीढ़ी तक संकट में नहीं पड़ूंगा।”
शराब शराबी को उपहास का पात्र बनाती है, मदिरा उससे हल्ला-गुल्ला करवाती है; जो मनुष्य उसके रास्ते पर चलता है, वह बुद्धिमान नहीं है।
तू कहेगा, ‘लोगों ने मुझे मारा, पर मुझे चोट नहीं लगी। उन्होंने मुझे पीटा लेकिन मुझे पीड़ा नहीं हुई। मुझे होश कब होगा कि मैं दूसरा पैग पीऊं?’
मनुष्य के लिए इससे अधिक अच्छी बात और कोई नहीं कि वह खाए-पीए और आनन्द के साथ परिश्रम करे। किन्तु मैंने देखा है कि यह भी परमेश्वर के हाथ से प्राप्त होता है।
धिक्कार है तुम्हें! तुम बड़े सबेरे उठते ही नशा करते हो; शराब की गर्मी चढ़ाने के लिए रात को बड़ी देर तक पीते रहते हो।
तुम्हारे भोजन-उत्सव में सितार, सारंगी, डफ, बांसुरी बजाये जाते हैं, और शराब का दौर चलता है। पर तुम प्रभु के कार्यों पर ध्यान नहीं देते, और न ही उसकी कृतियों पर तुम्हारी दृष्टि जाती है।
धिक्कार है तुम्हें! तुम शराब पीने में वीरता दिखाते हो, और शराब को तेज बनाने में बहादुरी।
यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों ने आपस में कहा, ‘आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचें; क्योंकि यिर्मयाह के न रहने से पुरोहितों की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाएगी, और न बुद्धिमान आचार्यों के बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श, और न ही नबियों की नबूवत। आओ हम झूठे आरोप में यिर्मयाह को पकड़ें और मार डालें। अच्छा हो कि हम उसकी बात पर ध्यान न दें।’
ओ सामरी राज्य की समृद्ध नारियो! ओ सामरी पहाड़ की महिलाओ! यह सन्देश सुनो! तुम गरीबों का दमन करती हो, तुम दरिद्रों को रौंदती हो। तुम अपने पतियों को आदेश देती हो : ‘शराब लाओ, ताकि हम पीएं।’
“अपने विषय में सावधान रहो। कहीं ऐसा न हो कि भोग-विलास, नशे और इस संसार की चिन्ताओं से तुम्हारा मन कुण्ठित हो जाए और वह दिन फन्दे की तरह अचानक तुम पर आ गिरे;
यह मैं मनुष्य की दृष्टि से कह रहा हूँ: यदि मुझे इफिसुस नगर में “हिंस्र पशुओं” से लड़ना पड़ा तो इससे मुझे क्या लाभ? यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो “हम खायें और पियें; क्योंकि कल हमें मरना ही है!”
परमेश्वर का भंडारी होने के नाते धर्माध्यक्ष को चाहिए कि वह अनिन्दनीय हो। वह स्वेच्छाचारी, क्रोधी, मद्यसेवी, झगड़ालू या लोभी न हो।