यशायाह 54:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू धर्म की नींव पर स्थिर होगी, तू नहीं डरेगी; अत्याचार से तू बची रहेगी; आतंक तेरे पास फटकेगा भी नहीं। पवित्र बाइबल मैं तेरा निर्माण खरेपन से करूँगा ताकि तू दमन और अन्याय से दूर रहे। फिर कुछ नहीं होगा जिससे तू डरेगी। तुझे हानि पहुँचाने कोई भी नहीं आयेगा। Hindi Holy Bible तू धामिर्कता के द्वारा स्थिर होगी; तू अन्धेर से बचेगी, क्योंकि तुझे डरना न पड़ेगा; और तू भयभीत होने से बचेगी, क्योंकि भय का कारण तेरे पास न आएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू धार्मिकता के द्वारा स्थिर होगी; तू अन्धेर से बचेगी, क्योंकि तुझे डरना न पड़ेगा; और तू भयभीत होने से बचेगी, क्योंकि भय का कारण तेरे पास न आएगा। सरल हिन्दी बाइबल तू धार्मिकता के द्वारा स्थिर रहेगी: अत्याचार तुम्हारे पास न आएगा; तुम निडर बने रहना; डर कभी तुम्हारे पास न आएगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू धार्मिकता के द्वारा स्थिर होगी; तू अंधेर से बचेगी, क्योंकि तुझे डरना न पड़ेगा; और तू भयभीत होने से बचेगी, क्योंकि भय का कारण तेरे पास न आएगा। |
मैं पहले-जैसे तेरे प्रशासकों को, प्राचीन काल के समान तेरे मन्त्रियों को पुन: नियुक्त करूंगा। तब तू धार्मिक नगरी कहलायेगी। लोग तुझे विश्वास-योग्य नगरी कहेंगे।’
सियोन का उद्धार न्याय से होगा; बुराई से विमुख होनेवाले लोगों की मुक्ति धार्मिकता से होगी।
तब तू बेबीलोन के सम्राट के सम्बन्ध में व्यंग्य-गीत गाना: ‘अत्याचारी का कैसा अन्त हुआ, उसका उन्माद ठण्डा पड़ गया!
घर से निकाले गए मोआबियों को अपने साथ रहने दो। विनाशक शत्रु के हाथ से मोआबियों की रक्षा करो। जब अत्याचारी लौट जाएगा, जब विनाश का चक्र रुक जाएगा, जब हमें पैरों तले रौंदनेवाला देश छोड़कर चला जाएगा,
प्रभु राष्ट्रों के मध्य न्याय करेगा; वह भिन्न-भिन्न कौमों को अपना निर्णय सुनायेगा। तब विश्व में शान्ति स्थापित होगी : राष्ट्र अपनी तलवारों को हल के फाल बनायेंगे, वे अपने भालों को हंसियों में बदल देंगे। एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र के विरुद्ध तलवार नहीं उठायेगा, वे युद्ध-विद्या फिर नहीं सीखेंगे।
नगर के प्रवेश-द्वार खोल दो, ताकि राष्ट के धार्मिक लोग जो प्रभु पर विश्वास करते हैं, नगर के भीतर प्रवेश करें।
तेरा हृदय आतंक के दिनों को याद करेगा: “अब वह कर-मापक कहाँ गया? लेखपाल कहाँ है? जो बुर्जों को गिनता था, वह कहां गया?”
लोग मेरे विषय में यह कहेंगे: ‘केवल प्रभु में ही धार्मिकता और सामर्थ्य है। जो उसके विरोधी हैं, वे सब उसके पास आएंगे, और लज्जित होंगे।
मैं तेरे बैरियों को विवश करूंगा, और वे अपना ही मांस खाएंगे; वे शराब की तरह अपना रक्त पीएंगे, और मतवाले होंगे। तब समस्त मनुष्यजाति को यह अनुभव होगा कि मैं ही तेरा उद्धारकर्ता प्रभु हूं, तेरा मुक्तिदाता, याकूब का सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूं।’
तू अपने सृजक प्रभु को क्यों भूल गया, जिसने आकाश को फैलाया, जिसने पृथ्वी की नींव डाली? तू दिन-भर, निरन्तर अत्याचार करनेवाले के क्रोध से क्यों भयभीत रहता है? जब वह तुझे नष्ट करने को तत्पर होता है तब तू क्यों थर-थर कांपता है? कहां है अत्याचार करनेवाले का क्रोध?
ओ सियोन, जाग, जाग! अपना बल धारण कर! ओ पवित्र नगर यरूशलेम, अपने सुन्दर वस्त्र पहिन! अब खतना-रहित और अशुद्ध विधर्मी तुझ में प्रवेश नहीं करेंगे।
मत डर; क्योंकि अब तू लज्जित न होगी। मत घबरा; क्योंकि अब तू अपमानित न होगी। जो अपमान तूने जवानी में सहा था, उसे तू भूल जाएगी। अपने विधवापन का कलंक तुझे याद न रहेगा।
तेरे देश में हिंसा की घटना फिर कभी नहीं सुनी जाएगी; और न तेरी सीमाओं के भीतर विध्वन्स और विनाश होगा। तू अपने शहरपनाह का नाम “उद्धार” और प्रवेश-द्वार का नाम “स्तुति” रखेगी।
तेरे सब निवासी धार्मिक होंगे; वे सदा के लिए देश पर अधिकार करेंगे, जिससे मेरी महिमा हो। ये लोग मेरे पौधे की शाखाएँ हैं; इन्हें मैंने अपने हाथ से रचा है।
मैं प्रभु में अति आनन्दित हूं, मेरा प्राण परमेश्वर में उल्लसित है। जैसे दूल्हा पुष्पहार से स्वयं को सजाता है, जैसे दुल्हिन आभूषणों से अपना श्रृंगार करती है, वैसे ही प्रभु ने उद्धार के वस्त्र मुझे पहिनाए, और धार्मिकता की चादर मुझे ओढ़ाई।
मैं सियोन के विषय में अब चुप नहीं रहूंगा, मैं यरूशलेम के कारण चैन न लूंगा, जब तक उसकी धार्मिकता प्रकाश के सदृश न चमकने लगे, जब तक उसका उद्धार मशाल की तरह न जलने लगे।
तूने इस्राएली राष्ट्र की गुलामी के जूए को, उसके कन्धे की कांवर को, अत्याचारी की लाठी को तोड़ दिया है, जैसे मिद्यानी सेना के युद्ध-दिवस पर तूने किया था।
उसकी राज्य-सत्ता बढ़ती जाएगी, उसके कल्याणकारी कार्यों का अन्त न होगा। वह दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा, और उसके राज्य को संभालेगा। वह अब से लेकर सदा के लिए न्याय के कार्यों से उसको सुदृढ़ करेगा, अपने धार्मिक आचरण से उसे सम्भालेगा। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का धर्मोत्साह यह कार्य पूर्ण करेगा!
‘इसलिए, ओ याकूब, मेरे सेवक, मत डर। ओ इस्राएल, भयभीत मत हो। मैं-प्रभु कहता हूँ; मैं तुझको और तेरी संतान को, दूर देश से, जहां तू गुलाम है, उस देश से बचा कर लाऊंगा। तब याकूब लौटेगा, और सुख-चैन का जीवन बिताएगा; उस का कोई भी शत्रु उस को डरा नहीं सकेगा।
जैसे प्राचीन काल में उनके बच्चे थे, वैसे ही अब होंगे, और उनकी धर्म-मण्डली मेरे सम्मुख सुदृढ़ हो जाएगी। जो उन पर अत्याचार करेगा, उनको मैं दण्ड दूंगा।
इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : ‘जब मैं यहूदा प्रदेश के निवासियों की समृद्धि लौटा दूंगा, तब वे पुन: अपने नगरों में, यहूदा प्रदेश में यह कह कर सियोन की प्रशंसा करेंगे : “ओ पवित्र सियोन पर्वत, धर्म से परिपूर्ण नगर यरूशलेम! प्रभु तुझ पर आशिष की वर्षा करता रहे।”
अपनी भलाई के लिए धार्मिकता के बीज बोओ, तब करुणा की फसल काटोगे। अपनी परती भूमि को जोतो। प्रभु को ढूंढ़ने का यह समय है, जिससे वह तुम्हारे पास आए, और तुम पर धार्मिकता की वर्षा करे।
प्रभु यों कहता है: मैं सियोन पर्वत को लौटूंगा। मैं यरूशलेम के मध्य निवास करूंगा और यरूशलेम “सत्य नगर” कहलाएगा। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का पर्वत “पवित्र पर्वत” होगा।
मैं अपने भवन में प्रशासक के सदृश पड़ाव डालूंगा, एक भी व्यक्ति इधर से उधर नहीं जाएगा। कोई भी अत्याचारी राजा तुम पर चढ़ाई नहीं करेगा, क्योंकि अब मैंने अपनी आंखों से देख लिया।’
परन्तु हम परमेश्वर की प्रतिज्ञा के आधार पर एक नये आकाश तथा एक नयी पृथ्वी की प्रतीक्षा करते हैं, जहाँ धार्मिकता निवास करेगी।