प्रभु, तेरी व्यवस्था के प्रेमियों को अपार शांति मिलती है, उन्हें कोई बाधा नहीं होती।
यशायाह 54:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) स्वयं मैं-प्रभु तेरी संतान को शिक्षा दूंगा; और तेरी संतान अत्यन्त समृद्ध होगी। पवित्र बाइबल तेरी सन्तानें यहोवा द्वारा शिक्षित होंगी। तेरी सन्तानों की सम्पन्नता महान होगी। Hindi Holy Bible तेरे सब लड़के यहोवा के सिखलाए हुए होंगे, और उनको बड़ी शान्ति मिलेगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तेरे सब लड़के यहोवा के सिखलाए हुए होंगे, और उनको बड़ी शान्ति मिलेगी। सरल हिन्दी बाइबल वे याहवेह द्वारा सिखाए हुए होंगे, और उनको बड़ी शांति मिलेगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तेरे सब लड़के यहोवा के सिखाए हुए होंगे, और उनको बड़ी शान्ति मिलेगी। (भज. 119:165, यूह. 6:45) |
प्रभु, तेरी व्यवस्था के प्रेमियों को अपार शांति मिलती है, उन्हें कोई बाधा नहीं होती।
वह तेरी सीमाओं पर शान्ति रखता, वह तुझे प्रचुर मात्रा में उत्तम गेहूं से तृप्त करता है।
हे परमेश्वर, तू मेरी युवावस्था से मुझे सिखाता रहा है, अब भी मैं तेरे अद्भुत कार्यों को घोषित करता हूँ।
मेरे समस्त पवित्र पर्वत पर वे न किसी को दु:ख देंगे, और न किसी का अनिष्ट करेंगे; क्योंकि मुझ-प्रभु के ज्ञान से पृथ्वी परिपूर्ण हो जाएगी, जैसे जल से समुद्र भरा रहता है।
देश-देश के लोग वहाँ जाएंगे और यह कहेंगे : ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें; आओ, हम याकूब के परमेश्वर के भवन की ओर चलें, ताकि प्रभु हमें अपना मार्ग सिखाए, और हम उसके सिखाए हुए मार्ग पर चलें।’ सियोन पर्वत से प्रभु की व्यवस्था प्रकट होगी, यरूशलेम नगर से ही प्रभु का शब्द सुनाई देगा।
प्रभु! जो व्यक्ति अपने मन को सदा तुझ में लीन रखता है, उसको तू पूर्ण शान्त जीवन प्रदान करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।”
वे ताना मारते हैं: “नबी किस व्यक्ति को ज्ञान सिखाएगा? वह किसको प्रभु का सन्देश समझाएगा? क्या उन शिशुओं को, जिन्होंने अभी-अभी मां का दूध पीना छोड़ा है, जो मां के स्तन से अलग किए गए हैं?”
भला होता कि तू मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुनता, तब नदी के बहते जल की तरह, तेरा कल्याण होता, सागर की लहरों की तरह तेरी धार्मिकता होती।
स्वामी-प्रभु ने मुझे शििक्षत जन की वाणी दी है ताकि मैं थके-मांदे लोगों को शांति के वचन बोलकर संभाल सकूं। वह प्रतिदिन सबेरे मुझे जगाता है; मेरे कान खोलता है, जिससे मैं शिष्य की तरह ध्यान दे सकूं।
मैं तेरे कलश मणिकों से तेरे प्रवेश-द्वार लालड़ियों से और परकोटे बहुमूल्य रत्नों से बनाऊंगा।
तुम इस देश से आनन्दपूर्वक निकलोगे, और कुशलतापूर्वक तुम्हारा नेतृत्व किया जाएगा। मार्ग में आनेवाली पहाड़ियां और पहाड़ तुम्हारे सम्मुख आनन्द के गीत गाएंगे; मैदान के पेड़ हर्ष से तालियाँ बजाएंगे।
प्रभु यों कहता है : ‘मैं यरूशलेम की समृद्धि को नदी की बाढ़ के सदृश बनाऊंगा; राष्ट्रों की सम्पत्ति को उमड़ती हुई जल-धारा के समान उसकी ओर प्रवाहित करूंगा। ओ यरूशलेम के पुत्र-पुत्रियो! तुम अपनी मां का स्तन-पान करोगे! वह तुम्हें अपनी पीठ पर बैठाकर ले जाएगी। तुम उसके घुटनों पर कूदोगे।
तब किसी भी व्यक्ति को अपने पड़ोसी अथवा भाई-बन्धु को यह सिखाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी कि “प्रभु को जानो,” क्योंकि छोटे-बड़े सब लोग स्वयं मुझे जानेंगे। मैं उनके अधर्म को क्षमा कर दूंगा, और उनका पाप फिर स्मरण नहीं करूंगा। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।’
‘किन्तु, यिर्मयाह! मैं इस प्रहार के बाद इस नगर में औषधि और स्वास्थ्य लाऊंगा, और इस के निवासियों को स्वस्थ कर दूंगा। मैं इनको सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करूंगा।
‘मैं अपनी भेड़ों के साथ शान्ति का विधान स्थापित करूंगा। मैं उनके देश से जंगली पशुओं को निकाल दूंगा। तब वे निर्जन प्रदेश में निश्चिन्त होकर निवास करेंगी, और जंगल में सोएंगी।
तब वे विश्व के राष्ट्रों का शिकार नहीं बनेंगे, और जंगली जानवर उनको मार कर नहीं खाएंगे। निस्सन्देह वे अपने देश में निरापद निवास करेंगे, और उनको फिर कोई भयभीत नहीं करेगा।
मैं उनके साथ शान्ति का विधान स्थापित करूंगा। यह विधान उनके साथ शाश्वत विधान होगा। मैं उनको आशिष दूंगा, और उनकी आबादी बढ़ाऊंगा। मैं उनके मध्य में स्थायी रूप से अपना पवित्र निवास-स्थान बनाऊंगा।
तब मैं उस दिन इस्राएली राष्ट्र की ओर से वन-पशुओं, आकाश के पक्षियों और भूमि पर रेंगनेवाले जीव-जंतुओं से सन्धि स्थापित करूंगा। मैं पृथ्वी पर से युद्ध के शस्त्र, तलवार और धनुष − तोड़ दूंगा। मैं तुझे सुख-चैन की नींद प्रदान करूंगा।
वे आकर यह कहेंगे, ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं, ताकि वह हमें अपने मार्ग की शिक्षा दे; और हम उसके पथ पर चलें।’ सियोन पर्वत से व्यवस्था प्रकट होगी, यरूशलेम से ही प्रभु का शब्द सुनाई देगा।
एफ्रइमवंशीय पुरुष महाबलवान योद्धा बनेंगे; जैसे अंगूर-रस पीने से हृदय आनन्दित होता है, वैसे उनका हृदय आनन्दित होगा। उनकी सन्तान यह देखेगी और आनन्द मनाएगी। उनका हृदय मुझ-प्रभु में हर्षित होगा।
इस पर येशु ने उससे कहा, “सिमोन, योना के पुत्र! तुम धन्य हो, क्योंकि किसी निरे मनुष्य ने नहीं, बल्कि मेरे स्वर्गिक पिता ने तुम पर यह प्रकट किया है।
मैंने तुम से यह सब इसलिए कहा है कि तुम मुझ में शान्ति प्राप्त कर सको। संसार में तुम्हें क्लेश सहना पड़ेगा। परन्तु धैर्य रखो; मैंने संसार पर विजय पायी है।”
नबी-ग्रन्थों में लिखा है ,‘वे सब परमेश्वर से शिक्षा पाएँगे।’ जिस किसी ने पिता से सुना और सीखा है, वह मेरे पास आता है।
क्योंकि वह प्रतिज्ञा आपके तथा आपकी सन्तान के लिए है, और उन सब के लिए, जो अभी दूर हैं और जिन्हें हमारा प्रभु परमेश्वर अपने पास बुला रहा है।”
क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाने-पीने का नहीं, बल्कि वह धार्मिकता, शान्ति और आनन्द का विषय है, जो पवित्र आत्मा से प्राप्त होते हैं।
आशा का स्रोत, परमेश्वर आप लोगों को विश्वास द्वारा प्रचुर आनन्द और शान्ति प्रदान करे, जिससे पवित्र आत्मा के सामर्थ्य से आप लोगों की आशा परिपूर्ण हो।
यदि हम विश्वास के कारण धार्मिक ठहराए गए हैं, तो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा परमेश्वर में शान्ति प्राप्त होती है।
परमेश्वर ने अपने आत्मा द्वारा हम पर वही प्रकट किया है, क्योंकि आत्मा सब कुछ की, परमेश्वर के रहस्य की भी, थाह लेता है।
परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
यदि आप लोगों ने उनके विषय में सुना और उस सत्य के अनुसार शिक्षा ग्रहण की है जो येशु में प्रकट हुआ,
और परमेश्वर की शान्ति, जो हमारी समझ से परे है, आपके हृदय और विचारों को येशु मसीह में सुरक्षित रखेगी।
भ्रातृ-प्रेम के विषय में आप लोगों को लिखने की कोई आवश्यकता नहीं; क्योंकि आप लोग परमेश्वर से ही एक दूसरे को प्यार करना सीख चुके हैं
प्रभु यह कहता है : वह समय बीत जाने के बाद मैं इस्राएल के लिए यह विधान निर्धारित करूँगा-मैं अपने नियम उनके मन में रख दूँगा, मैं उन्हें उनके हृदय पर अंकित करूँगा। मैं उनका परमेश्वर होऊंगा और वे मेरी प्रजा होंगे।
इसकी आवश्यकता नहीं रहेगी कि सहनागरिक एक-दूसरे को शिक्षा दें अथवा भाई-बहिन एक-दूसरे से कहें, ‘प्रभु का ज्ञान प्राप्त कीजिए’, क्योंकि छोटे और बड़े, सब-के-सब मुझे जानेंगे।
जो अभिषेक तुम लोगों ने मसीह से प्राप्त किया है, वह तुम में विद्यमान रहता है; इसलिए तुम को आवश्यकता नहीं कि कोई व्यक्ति तुम्हें सिखाए। मसीह से प्राप्त हुआ अभिषेक ही तुम्हें सब कुछ सिखलाता है। उसकी शिक्षा सत्य है, असत्य नहीं। उस शिक्षा के अनुसार तुम मसीह में बने रहो।