उन्होंने राजा के आदेश से बड़े-बड़े कीमती पत्थर खोदकर निकाले। वह भवन की नींव गढ़े हुए पत्थरों पर डालना चाहता था।
यशायाह 54:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘ओ दुखियारी, तूफान की झकझोरी, तुझको शान्ति नहीं मिली। ओ यरूशलेम नगरी! अब मैं तेरे पत्थरों की पच्चीकारी करूंगा, और उन्हें अच्छे ढंग से लगाऊंगा; मैं तेरी नींव में नीलमणि डालूंगा। पवित्र बाइबल “हे नगरी, हे दुखियारी! तुझको तुफानों ने सताया है और किसी ने तुझको चैन नहीं दिया है। मैं तेरा मूल्यवान पत्थरों से फिर से निर्माण करूँगा। मैं तेरी नींव फिरोजें और नीलम से धरूँगा। Hindi Holy Bible हे दु:खियारी, तू जो आंधी की सताई है और जिस को शान्ति नहीं मिली, सुन, मैं तेरे पत्थरों की पच्चीकारी कर के बैठाऊंगा, और तेरी नेव नीलमणि से डालूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हे दु:खियारी, तू जो आँधी की सताई है और जिस को शान्ति नहीं मिली, सुन, मैं तेरे पत्थरों की पच्चीकारी करके बैठाऊँगा, और तेरी नींव नीलमणि से डालूँगा। सरल हिन्दी बाइबल “हे दुखियारी, तू जो आंधी से सताई है और जिसको शांति नहीं मिली, अब मैं तुम्हारी कलश को अमूल्य पत्थरों से जड़ दूंगा, तथा तुम्हारी नीवों को नीलमणि से बनाऊंगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हे दुःखियारी, तू जो आँधी की सताई है और जिसको शान्ति नहीं मिली, सुन, मैं तेरे पत्थरों की पच्चीकारी करके बैठाऊँगा, और तेरी नींव नीलमणि से डालूँगा। |
उन्होंने राजा के आदेश से बड़े-बड़े कीमती पत्थर खोदकर निकाले। वह भवन की नींव गढ़े हुए पत्थरों पर डालना चाहता था।
मैंने अपने सामर्थ्य के अनुसार अपने परमेश्वर के भवन के लिए सोना-चांदी, लोहा-पीतल, इमारती लकड़ी, मणि-मुक्ता, संगमरमर आदि इकट्ठा कर दिया है: स्वर्ण-पात्रों के लिए सोना, चांदी के पात्रों के लिए चांदी, कांस्य-पात्रों के लिए कांस्य, लोहे की वस्तुओं के लिए लोहा, लकड़ी की वस्तुओं के लिए इमारती लकड़ी; इनके अतिरिक्त सुलेमानी पत्थर, जड़ने के लिए मणि, पच्चीकारी के लिए विभिन्न रंगों के नग, सब प्रकार का मणि-मुक्ता और संगमरमर भी एकत्र किया है।
उसका मूल्य न ओपीर देश के सोने से आंका जा सकता है, और न बहुमूल्य गोमेद या नीलम मणियों से ही।
अनेक वर्षों के बाद मिस्र देश के राजा की मृत्यु हो गई। इस्राएली बेगार के कारण कराहते थे। अत: वे सहायता के लिए चिल्लाने लगे। बेगार से उत्पन्न उनकी दुहाई परमेश्वर तक पहुंची।
उन्होंने इस्राएल के परमेश्वर को देखा। उसके चरणों के नीचे नीलमणि का चबूतरा-जैसा कुछ था, जो आकाश के सदृश स्वच्छ था।
प्रभु के दूत ने उन्हें झाड़ी के मध्य अग्नि-शिखा में दर्शन दिया। मूसा ने देखा कि अग्नि से झाड़ी जल तो रही है पर वह भस्म नहीं हो रही है।
प्रभु ने कहा, ‘मैंने निश्चय ही अपनी प्रजा की, जो मिस्र देश में है, दु:ख-पीड़ा देखी है। उनसे बेगार कराने वालों के कारण उत्पन्न उनकी दुहाई सुनी है। मैं उनके दु:ख को जानता हूं।
उसकी भुजाएँ फिरोजा जड़ी हुई सोने की छड़ों के समान हैं। उसका शरीर मानो हाथीदांत का बना है और उसमें नील मणियाँ जड़ी गई हैं।
राष्ट्र के राजदूतों को क्या उत्तर देना चाहिए? यह कि प्रभु ने सियोन की नींव डाली है, उसकी प्रजा के दु:खी जन उसमें शरण लेंगे।
इसलिए प्रभु, स्वामी यों कहता है: “देखो, मैं सियोन की नींव के लिए एक पत्थर, कसौटी पर कसा गया एक पत्थर, सुदृढ़ नींव के लिए आधार-शिला का कीमती पत्थर रख रहा हूं: ‘विश्वास करनेवाला अपने विश्वास में डगमगाता नहीं।’
मैं राजा कुस्रू के विषय में यह कहता हूं, ‘वह मेरा चरवाहा है, वह मेरे समस्त अभिप्रायों को पूरा करेगा।’ मैंने यरूशलेम के विषय में यह कहा है: ‘उसका पुनर्निर्माण होगा,’ और मन्दिर के विषय में यह कहा है: ‘तेरे भवन की नींव फिर डाली जाएगी।’ ”
सियोन नगरी ने यह कहा था, ‘प्रभु ने मुझे त्याग दिया है, मेरे स्वामी ने मुझे भुला दिया है।’
पर मैं यह प्याला उन लोगों के हाथ में दूंगा जिन्होंने तुझे दु:ख दिया है, जिन्होंने तुझसे कहा था, “भूमि पर लेट, हम तेरे ऊपर से जाएंगे।” तूने अपनी पीठ को मैदान बना दिया था, कि वे तुझ पर से गुजर सकें! तू उनके लिए मार्ग बन गई थी।’
मैं तेरे कलश मणिकों से तेरे प्रवेश-द्वार लालड़ियों से और परकोटे बहुमूल्य रत्नों से बनाऊंगा।
प्रभु ने तुझे ऐसे बुलाया है, जैसे त्यागी हुई और दु:खी मन वाली स्त्री को पुन: बुलाया जाता है। क्या कोई युवावस्था की पत्नी को भुला सकता है? तेरा परमेश्वर यह कहता है:
‘तू त्याग दी गई थी; लोग तुझसे घृणा करते थे, और तुझमें से होकर नहीं जाते थे। पर मैं तुझे सदा के लिए भव्यता प्रदान करूंगा, युग-युगांत के लिए तुझे आनन्दमयी कर दूंगा।
मैं-प्रभु कहता हूँ : मैं तेरा स्वास्थ्य तुझे लौटाऊंगा, मैं तेरे घाव भर दूंगा। क्योंकि तेरे शत्रुओं ने तुझे ‘परित्यक्ता’ कहा है : “देखो, यह है सियोन नगरी, जिसकी अब कोई चिन्ता नहीं करता।”
‘वे सुनते हैं कि मैं पीड़ा से कराहती हूं, पर कोई मुझे सांत्वना नहीं देता। मेरे सब शत्रुओं ने मेरे संकट के विषय में सुना; प्रभु, वे प्रसन्न हैं कि तूने मुझे संकट में डाला। जिस दिन की तूने घोषणा की है वह दिन अविलम्ब ला, ताकि मेरे शत्रु भी मुझ जैसे दु:ख भोगें।
जीवधारियों के सिर के ऊपर आकाश-मण्डल था। उस आकाशमण्डल के ऊपर सिंहासन के समान कुछ था। यह सिंहासन मानो नीलम का बना था। सिंहासन के समान इस आसन पर कोई बैठा था, जिसकी आकृति मनुष्य के समान थी।
मैंने आंखें ऊपर कीं और यह देखा: करूबों के सिर के ऊपर आकाशमण्डल है, और इस आकाशमण्डल में सिंहासन-सा कुछ है, जो नीलमणि के समान चमक रहा है।
उस समय झील में एकाएक इतना प्रचंड तूफान उठा कि नाव लहरों से ढकी जा रही थी। परन्तु येशु सो रहे थे।
मैंने तुम से यह सब इसलिए कहा है कि तुम मुझ में शान्ति प्राप्त कर सको। संसार में तुम्हें क्लेश सहना पड़ेगा। परन्तु धैर्य रखो; मैंने संसार पर विजय पायी है।”
वे शिष्यों का मन सुदृढ़ करते और उन्हें विश्वास में स्थिर रहने के लिए प्रोत्साहित करते थे, और कहते थे कि हमें बहुत-से कष्ट सह कर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना है।
आप लोगों का निर्माण उस भवन के रूप में हुआ है, जो प्रेरितों तथा नबियों की नींव पर खड़ा है और जिसका कोने का पत्थर स्वयं येशु मसीह हैं।
तब उस दिन मेरा क्रोध उनके विरुद्ध भड़क उठेगा। मैं उनको त्याग दूंगा, और उनसे विमुख हो जाऊंगा। उन पर विपत्तियों और कष्टों का पहाड़ टूट पड़ेगा, जिसके कारण वे उस दिन यह कहेंगे, “क्या यह सच नहीं है कि ये विपत्तियां हम पर इसलिए आ पड़ी हैं, कि हमारा परमेश्वर हमारे मध्य नहीं है?”