मेरा कंठ ठीकरे के समान सूख गया है और मेरी जीभ तालू से चिपक गई है; तू मुझे मृत्यु की धूल में मिला रहा है।
यशायाह 52:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जैसे अनेक लोग उसे देखकर चकित हुए, (क्योंकि उसका रूप विकृत हो गया था, यहाँ तक कि वह मानव-रूप जैसा दिखाई नहीं देता था। उसकी आकृति भी मनुष्यों जैसी नहीं रह गई थी।) पवित्र बाइबल “किन्तु बहुत से लोगों ने जब मेरे सेवक को देखा तो वे भौंचक्के रह गये। मेरा सेवक इतनी बुरी तरह से सताया हुआ था कि वे उसे एक मनुष्य के रूप में बड़ी कठिनता से पहचान पाये। Hindi Holy Bible जैसे बहुत से लोग उसे देखकर चकित हुए (क्योंकि उसका रूप यहां तक बिगड़ा हुआ था कि मनुष्या का सा न जान पड़ता था और उसकी सुन्दरता भी आदमियों की सी न रह गई थी), पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जैसे बहुत से लोग उसे देखकर चकित हुए (क्योंकि उसका रूप यहाँ तक बिगड़ा हुआ था कि मनुष्य का सा न जान पड़ता था और उसकी सुन्दरता भी आदमियों की सी न रह गई थी), सरल हिन्दी बाइबल मेरे लोग जिस प्रकार तुम्हें देखकर चकित हुए— क्योंकि उसका रूप व्यक्ति से तथा उसका डीलडौल मनुष्यों से अधिक बिगड़ चुका था— इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जैसे बहुत से लोग उसे देखकर चकित हुए (क्योंकि उसका रूप यहाँ तक बिगड़ा हुआ था कि मनुष्य का सा न जान पड़ता था और उसकी सुन्दरता भी आदमियों की सी न रह गई थी), (भज. 22:6,7, यशा. 53:2,3) |
मेरा कंठ ठीकरे के समान सूख गया है और मेरी जीभ तालू से चिपक गई है; तू मुझे मृत्यु की धूल में मिला रहा है।
मैंने कोड़ा मारनेवालों के सामने अपनी पीठ कर दी; दाढ़ी नोचनेवालों की ओर अपने गाल कर दिए। मैंने अपमान सहा, उनके थूक से अपना मुख नहीं हटाया।
तब उन्होंने येशु के मुँह पर थूका और उन्हें घूँसे मारे। कुछ लोगों ने उन्हें थप्पड़ मारते हुए यह कहा,
जब येशु ने अपना यह उपदेश समाप्त किया, तब जनसमूह उनकी शिक्षा सुनकर आश्चर्यचकित हो गया;
वे यरूशलेम के मार्ग पर जा रहे थे। येशु शिष्यों के आगे-आगे चल रहे थे। शिष्य बहुत घबराए हुए थे और पीछे आने वाले लोग भयभीत थे। येशु बारहों को फिर अलग ले जा कर उन्हें बताने लगे कि मुझ पर क्या-क्या बीतेगी :
बालिका उसी क्षण उठ खड़ी हुई और चलने-फिरने लगी, क्योंकि वह बारह वर्ष की थी। इस पर उन लोगों को बड़ा आश्चर्य हुआ।
लोगों के आश्चर्य की सीमा न रही। वे कहते थे, “वह जो कुछ करते हैं, अच्छा ही करते हैं। वह बहरों को कान और गूँगों को वाणी देते हैं।”
सब विस्मित हो गये और आपस में कहते रहे, “यह क्या बात है! वह अधिकार तथा सामर्थ्य के साथ अशुद्ध आत्माओं को आदेश देते हैं और वे निकल जाते हैं।”
वे सब आश्चर्य में डूब गये और परमेश्वर की स्तुति करने लगे। उन पर भय छा गया। उन्होंने कहा, “आज हमने अद्भुत कार्य देखा।”