वह मेरे नाम के निवास के लिए भवन बनाएगा। मैं उसके राज्य-सिंहासन को सदा-सर्वदा के लिए सुदृढ़ कर दूँगा।
यशायाह 49:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु यों कहता है : ‘कृपा के समय मैंने तेरी प्रार्थना सुनी, उद्धार के दिन मैंने तेरी सहायता की। मैंने तुझे सुरक्षित रखा है, और जनता के लिए विधान के रूप में तुझे नियुक्त किया है, ताकि तू देश का पुन: निर्माण करे, उजाड़ पैतृक-भूमि का पुन: आबंटन करे; पवित्र बाइबल यहोवा कहता है, “उचित समय आने पर मैं तुम्हारी प्रार्थनाओं का उत्तर दूँगा। मैं तुमको सहारा दूँगा। मुक्ति के दिनों में मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा और तुम इसका प्रमाण होगे कि लोगों के साथ में मेरी वाचा है। अब देश उजड़ चुका है, किन्तु तुम यह धरती इसके स्वामियों को लौटवाओगे। Hindi Holy Bible यहोवा यों कहता है, अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, उद्धार करने के दिन मैं ने तेरी सहायता की है; मैं तेरी रक्षा कर के तुझे लोगों के लिये एक वाचा ठहराऊंगा, ताकि देश को स्थिर करे और उजड़े हुए स्थानों को उनके अधिकारियों के हाथ में दे दे; और बंधुओं से कहे, बन्दीगृह से निकल आओ; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यहोवा यों कहता है, “अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, उद्धार करने के दिन मैं ने तेरी सहायता की है; मैं तेरी रक्षा करके तुझे लोगों के लिये एक वाचा ठहराऊँगा, ताकि देश को स्थिर करे और उजड़े हुए स्थानों को उनके अधिकारियों के हाथ में दे दे; सरल हिन्दी बाइबल याहवेह ने कहा: “एक अनुकूल अवसर पर मैं तुम्हें उत्तर दूंगा, तथा उद्धार करने के दिन मैं तुम्हारी सहायता करूंगा; मैं तुम्हें सुरक्षित रखकर लोगों के लिए एक वाचा ठहराऊंगा, ताकि देश को स्थिर करे और उजड़े हुए मीरास को ठीक कर सके, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यहोवा यह कहता है, “अपनी प्रसन्नता के समय मैंने तेरी सुन ली, उद्धार करने के दिन मैंने तेरी सहायता की है; मैं तेरी रक्षा करके तुझे लोगों के लिये एक वाचा ठहराऊँगा, ताकि देश को स्थिर करे और उजड़े हुए स्थानों को उनके अधिकारियों के हाथ में दे दे; और बन्दियों से कहे, ‘बन्दीगृह से निकल आओ;’ (भज. 69:13, 2 कुरि. 6:2) |
वह मेरे नाम के निवास के लिए भवन बनाएगा। मैं उसके राज्य-सिंहासन को सदा-सर्वदा के लिए सुदृढ़ कर दूँगा।
मुझसे मांग, और मैं राष्ट्रों को तेरी पैतृक- सम्पत्ति और सम्पूर्ण पृथ्वी को तेरे अधिकार में कर दूंगा।
पर प्रभु, मेरी प्रार्थना तुझ को अर्पित है, हे परमेश्वर, कृपा-अवसर पर अपनी महाकरुणा के कारण मुझे उत्तर दे। अपनी सच्ची सहायता द्वारा
जब पृथ्वी और उसके समस्त निवासी डगमगाने लगते हैं, तब मैं ही पृथ्वी के स्तम्भों को स्थिर करता हूँ। सेलाह
प्रभु! जो व्यक्ति अपने मन को सदा तुझ में लीन रखता है, उसको तू पूर्ण शान्त जीवन प्रदान करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।”
“मैं-प्रभु इस उद्यान का रखवाला हूं; मैं बार-बार इसे पानी से सींचता हूं, ऐसा न होकि इसके पत्ते मुरझाएँ : मैं दिन-रात इसकी रक्षा करता हूं।
मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूं। डर से यहाँ-वहाँ मत ताक; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं। मैं तुझे सुदृढ़ करूंगा, मैं तेरी सहायता करूंगा। विजय प्रदान करनेवाले अपने दाहिने हाथ का सहारा मैं तुझे दूंगा।
यह है मेरा सेवक! इसको मैं सम्भाले हुए हूं। यह मेरा मनोनीत है! इससे मैं प्रसन्न हूं। मैंने इसको अपना आत्मा प्रदान किया है, जिससे वह राष्ट्रों में न्याय की स्थापना करे।
‘मैं प्रभु हूं; मैंने तुझे धार्मिक अभिप्राय से बुलाया है। मैंने तेरा हाथ थामकर तुझे सहारा दिया है। मैंने तुझे कौम के लिए विधान और राष्ट्रों के लिए ज्योति नियुक्त किया है,
मैं अपने सेवक के वचन को सच प्रमाणित करता हूं, मैं अपने संदेश-वाहकों के परामर्श को सफल करता हूं। मैं यरूशलेम के विषय में यह कहता हूं, ‘तू फिर आबाद होगा।’ मैंने यहूदा प्रदेश के नगरों के विषय में यह कहा है: ‘इनका पुनर्निर्माण होगा; मैं उनके खण्डहरों को फिर खड़ा करूंगा।’
‘निस्सन्देह तेरे खण्डहर, तेरे ध्वस्त स्थान, तेरा उजाड़ देश, तेरे निवासियों के लिए अब पर्याप्त नहीं होगा; पर तुझे हड़पनेवाले लोग दूर भाग जाएंगे।
मैंने अपने शब्द तेरे मुंह में रखे हैं; मैंने अपने हाथ की छाया में तुझे छिपाकर रखा है। मैंने ही आकाश को फैलाया है, मैंने ही पृथ्वी की नींव डाली है। मैं सियोन से यह कहता हूं : “तू ही मेरी प्रजा है।” ’
मैं-प्रभु सियोन को सांत्वना प्रदान करूंगा; मैं उसके उजाड़ स्थलों को शान्ति दूंगा, उसके निर्जन प्रदेश को अदन वाटिका के सदृश हरा-भरा कर दूंगा। उसका मरुस्थल मेरे उद्यान के समान हरा-भरा हो जाएगा। सियोन के हर कोने में हर्ष और आनन्द उपलब्ध होगा; चारों ओर धन्यवाद का गीत, और स्तुतिगान गूंजेगा।
क्योंकि अब तू दाएं-बाएँ फैलेगी, तेरे वंशज राष्ट्रों पर अधिकार करेंगे, वे उजाड़ नगरों को आबाद करेंगे।
जब तू दुहाई देगी, तब तेरी ये मूर्तियां, जिनका अम्बार तूने लगा रखा है, तुझे बचाएं। हवा उन्हें उड़ा ले जाएगी, वे एक ही फूंक में उड़ जाएंगी। परन्तु जो मनुष्य मेरी शरण में आएगा, वह इस देश पर अधिकार करेगा, वह मेरे पवित्र पर्वत का अधिकारी होगा।
तेरे नगर के प्राचीन खण्डहरों का पुन: निर्माण होगा, जो नींव अनेक वर्षों से उजाड़ पड़ी थी, तू उसको फिर उठाएगा, तू दरारों को भरनेवाला, और घरों में निवास के हेतु गलियों को सुधारनेवाला कहलाएगा।
क्या मैं ऐसे उपवास से प्रसन्न होता हूं? क्या इस दिन उपवास करनेवाले व्यक्ति को अपने प्राण को कष्ट नहीं देना चाहिए? क्या सिर को झाऊ वृक्ष की तरह झुकाना, अपने नीचे राख और टाट-वस्त्र बिछाना, उपवास कहलाता है? क्या तुम इसको उपवास कहते हो? क्या ऐसा उपवास का दिन मुझे स्वीकार होगा?
उसने मुझे भेजा है कि मैं ‘प्रभु की कृपा का वर्ष’, और ‘हमारे परमेश्वर का प्रतिशोध दिवस’ घोषित करूं, और जो शोक करते हैं, उन्हें शान्ति प्रदान करूं।
सियोन के निवासी प्राचीन खण्डहरों का पुन: निर्माण करेंगे; वे पुराने ध्वन्स-अवशेषों पर मकान बनाएँगे। वे अनेक पीढ़ियों से ध्वस्त स्थानों को, उजाड़ पड़े नगरों को, आबाद करेंगे।
मैं याकूब की संतति में से एक वंश, यहूदा कुल में से अपने पर्वतों का एक वारिस उत्पन्न करूंगा। मेरे मनोनीत लोग उन पर अधिकार करेंगे; मेरे सेवक वहाँ निवास करेंगे।
क्योंकि वह कहता है, “उपयुक्त समय में मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुनी; उद्धार के दिन मैंने तुम्हारी सहायता की।” और देखिए, अभी उपयुक्त समय है, अभी उद्धार का दिन है।
और नवीन विधान के मध्यस्थ येशु विराजमान हैं- जिनका छिड़काया हुआ रक्त हाबिल के रक्त से कहीं अधिक कल्याणकारी वाणी बोल रहा है।
मसीह ने इस पृथ्वी पर रहते समय पुकार-पुकार कर और आँसू बहा-बहा कर परमेश्वर से, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थना और अनुनय-विनय की। श्रद्धाभक्ति के कारण उनकी प्रार्थना सुनी गयी।
अब, जो धर्मसेवा मसीह को मिली है, वह कहीं अधिक ऊंची है; क्योंकि वह एक ऐसे विधान के मध्यस्थ हैं, जो श्रेष्ठतर है और श्रेष्ठतर प्रतिज्ञाओं पर आधारित है।