अत: एक घुड़सवार गया। उसने येहू से भेंट की। उसने कहा, ‘महाराज यों कहते हैं, “क्या सब कुशल-मंगल है?” ’ येहू ने कहा, ‘तुम्हें कुशल-मंगल से क्या लेना-देना? मुड़ो और मेरे पीछे-पीछे आओ।’ पहरेदार ने राजा को बताया, ‘महाराज, सन्देशवाहक घुड़सवार उन तक तो पहुंच गया; परन्तु वह वापस नहीं आ रहा है।’
तब राजा यहोराम ने दूसरा घुड़सवार भेजा। वह उनके पास आया। उसने पूछा, ‘महाराज ने यों कहा है, “क्या सब कुशल-मंगल है?” ’ येहू ने उत्तर दिया, ‘तुम्हें कुशल-मंगल से क्या लेना-देना? मुड़ो और मेरे पीछे-पीछे आओ।’
ओ समुद्र तट के द्वीपो, मेरी बात सुनो! दूर-दूर देशों में रहनेवाली कौमो, मेरी और ध्यान दो : जब मैं गर्भ में था तब ही प्रभु ने मुझे अपनी सेवा के लिए मनोनीत किया था। जब मैं मां के पेट में था, उस समय से ही उसने मेरा नाम घोषित कर दिया था।
‘वे नगर से बाहर निकलेंगे, और उन लोगों के शव देखेंगे जिन्होंने मुझ से विद्रोह किया था। कीड़े उन के शव को निरन्तर खाते रहेंगे, उनको भस्म करने वाली अग्नि कभी न बुझेगी। सब प्राणियों को उन से घृणा होगी।’
और बोले, “हाय! कितना अच्छा होता यदि तू, हाँ तू, आज के दिन यह समझ पाता कि किन बातों में तेरी शान्ति है! परन्तु अभी ये बातें तेरी आँखों से छिपी हुई हैं।