यशायाह 48:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं यह अपने लिए, केवल अपने लिए करता हूं; अन्यथा मेरा नाम अपवित्र हो जाएगा। मैं अपनी महिमा दूसरे को नहीं दूंगा। पवित्र बाइबल यह मैं स्वयं अपने लिये करूँगा! तू मेरे साथ ऐसे नहीं बरतेगा, जैसे मेरा महत्त्व न हो। किसी मिथ्या देवता को मैं अपनी प्रशंसा नहीं लेने दूँगा। Hindi Holy Bible अपने निमित्त, हां अपने ही निमित्त मैं ने यह किया है, मेरा नाम क्यों अपवित्र ठहरे? अपनी महिमा मैं दूसरे को नहीं दूंगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अपने निमित्त, हाँ अपने ही निमित्त मैं ने यह किया है, मेरा नाम क्यों अपवित्र ठहरे? अपनी महिमा मैं दूसरे को नहीं दूँगा। सरल हिन्दी बाइबल अपने हित में, हां! अपने हित में, मैंने यह किया है. क्योंकि यह कैसे संभव हो सकता है कि मेरा नाम दूषित हो? अपनी महिमा किसी और को दो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अपने निमित्त, हाँ अपने ही निमित्त मैंने यह किया है, मेरा नाम क्यों अपवित्र ठहरे? अपनी महिमा मैं दूसरे को नहीं दूँगा। |
हे प्रभु, हमारी नहीं, हमारी नहीं, वरन् अपने नाम की महिमा कर! क्योंकि तू ही करुणा और सत्य से परिपूर्ण है।
हे प्रभु, अपनी भलाई के कारण मेरे यौवन के पापों और अपराधों को स्मरण न कर; किन्तु अपनी करुणा के अनुरूप मेरी सुधि ले।
मैं प्रभु हूं, यही मेरा नाम है, मैं अपनी महिमा दूसरों को न दूंगा, जो स्तुति मुझे अर्पित की जाती है, वह मैं गढ़ी हुई मूर्तियों को नही दूंगा।
मैं, मैं ही ‘वह’ प्रभु हूं; मैं अपने निमित्त तेरे अपराध क्षमा कर देता हूं, मैं तेरे पाप स्मरण नहीं रखूंगा।
मैंने पहले ही से उन बातों को बता दिया था; उनके पूरा होने के पूर्व ही मैंने तुझे सुना दिया था, ताकि तू यह न कह सके, “मेरी मूर्ति ने यह कार्य किया है, मेरी गढ़ी हुई मूर्ति, मेरी ढली हुई मूर्ति के आदेश से ये सब कार्य हुए हैं।”
‘मैं अपने नाम के कारण अपना क्रोध रोके हुए हूं, मैंने अपनी स्तुति के अभिप्राय से, उसको तेरे लिए रोक लिया है, अन्यथा मैं तुझे टुकड़े-टुकड़े कर देता।
अत: अब यहाँ मैं क्या करूं, जब कि मेरे निज लोगों को उनके शत्रुओं ने बिना किसी कारण के गुलाम बनाया और उन्हें ले गए? मैं-प्रभु यों कहता हूं: उनके शासक उन्हें रुलाते हैं और दिन-भर मेरे नाम की निन्दा निरंतर करते हैं।
ये लोग इस प्रकार प्रार्थना करते हैं: ‘हे प्रभु, यह सच है कि हमारे दुष्कर्म हमारे मुंह पर साक्षी दे रहे हैं, कि हमने तेरे प्रति पाप किया है; हम तेरा साथ छोड़कर अनेक बार पथभ्रष्ट हुए हैं; फिर भी प्रभु, अपने महिमामय नाम के कारण हम पर दया कर।
किन्तु मुझे अपने नाम के हेतु अपना निश्चय त्यागना पड़ा। मैंने अपना क्रोध कार्य-रूप में परिणत नहीं किया, जिससे मेरा नाम उन राष्ट्रों की दृष्टि में अपवित्र न हो जाए, जिनके सामने से मैं इस्राएलियों को निकालकर लाया था।
किन्तु प्रहार के लिए उठा हुआ अपना हाथ मैंने रोक लिया। यह मैंने अपने नाम के हेतु किया जिससे मेरा नाम उन राष्ट्रों की दृष्टि में अपवित्र न हो जाए, जिनके सामने से मैं इस्राएलियों को निकाल कर लाया था।
‘मैं, स्वामी-प्रभु कहता हूँ: यदि तुम भी, ओ इस्राएल के वंशजो, मेरी बात सुनना नहीं चाहते, और मूर्ति-पूजा करना चाहते हो, तो जाओ, और अपने-अपने गृह-देवता की मूर्ति को गले लगाओ, उसकी पूजा करो! लेकिन अपनी भेंटों और मूर्तियों द्वारा तुम मेरे पवित्र नाम को अपवित्र नहीं कर पाओगे।
ओ इस्राएल के वंशजो, मैं तुम्हारे दुराचरण और बुरे व्यवहार के अनुसार तुम्हें दण्ड नहीं दूंगा, बल्कि अपने नाम के अनुरूप तुमसे दयापूर्ण व्यवहार करूंगा। तब तुम्हें ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
किन्तु मैंने अपने नाम के हेतु अपना यह निश्चय त्याग दिया। मैंने अपना क्रोध कार्य-रूप में परिणत नहीं किया, जिससे मेरा नाम उन राष्ट्रों की आंखों में अपवित्र न हो जाए, जिन के मध्य इस्राएली रहते थे। मैंने उन राष्ट्रों की आंखों के सामने इस्राएलियों को मिस्र देश से बाहर निकाला था, और यों मैंने इस्राएलियों पर स्वयं को प्रकट किया था।
‘ओ मानव, तू इस्राएल के वंशजों से यह कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है : ओ इस्राएल वंशियो, जो कार्य मैं करने वाला हूं, वह मैं तुम्हारे कारण नहीं, बल्कि अपने पवित्र नाम के हेतु करूंगा, जिसको तुमने अपने निष्कासन के देश में अपवित्र किया है।
अत: हे हमारे परमेश्वर, अपने इस सेवक की प्रार्थना और विनती को सुन। हे स्वामी, उजाड़ पड़े हुए पवित्र स्थान पर अपनी ही महिमा के लिए अपने मुख का प्रकाश चमका।
जिससे सब लोग जिस प्रकार पिता का आदर करते हैं, उसी प्रकार पुत्र का भी आदर करें। जो पुत्र का आदर नहीं करता, वह पिता का, जिसने पुत्र को भेजा है, आदर नहीं करता।
क्योंकि जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “तुम लोगों के कारण गैर-यहूदियों में परमेश्वर के नाम की निन्दा हो रही है।”
प्रभु अपने महान् नाम के कारण अपने लोगों का त्याग नहीं करेगा; क्योंकि प्रभु ने अपनी इच्छा से तुम्हें अपने निज लोग बनाया है।