मैं बादलों के ऊपर उच्चतम स्थान पर चढ़ूंगा, मैं स्वयं को सर्वोच्च परमेश्वर के तुल्य बनाऊंगा।”
यशायाह 47:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ राग-रंग में डूबी हुई, निश्चिंत जीवन बितानेवाली, मेरी बात सुन! तू अपने हृदय में यह कहती है, ‘केवल मैं ही हूं, मुझे छोड़ दूसरी स्वामिनी है ही नहीं। मैं विधवा की तरह नहीं रहूंगी, और न मैं निस्संतान हूंगी।’ पवित्र बाइबल इसलिए अब, ओ मनोहर स्त्री, मेरी बात तू सुन ले! तू निज को सुरक्षित जान और अपने आप से कह। ‘केवल मैं ही महत्त्वपूर्ण व्यक्ति हूँ। मेरे समान कोई दूसरा बड़ा नहीं है। मुझको कभी भी विधवा नहीं होना है। मेरे सदैव बच्चे होते रहेंगे।’ Hindi Holy Bible इसलिये सुन, तू जो राग-रंग में उलझी हुई निडर बैठी रहती है और मन में कहती है कि मैं ही हूं, और मुझे छोड़ कोई दूसरा नहीं; मैं विधवा की नाईं न बैठूंगी और न मेरे लड़के-बोले मिटेंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये सुन, तू जो राग–रंग में उलझी हुई निडर बैठी रहती है और मन में कहती है कि “मैं ही हूँ, और मुझे छोड़ कोई दूसरा नहीं; मैं विधवा के समान न बैठूँगी और न मेरे बाल–बच्चे मिटेंगे।” सरल हिन्दी बाइबल “इसलिये, अब सुन, तुम जो इस समय सुरक्षित रह रही हो, जो मन ही मन सोच रही हो कि, ‘मेरे सिवाय ऐसा कोई भी नहीं है. मैं विधवा के समान न बैठूंगी न मेरे बच्चे मिटेंगे.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए सुन, तू जो राग-रंग में उलझी हुई निडर बैठी रहती है और मन में कहती है कि “मैं ही हूँ, और मुझे छोड़ कोई दूसरा नहीं; मैं विधवा के समान न बैठूँगी और न मेरे बाल-बच्चे मिटेंगे।” (सप. 2:15, प्रका. 18:7) |
मैं बादलों के ऊपर उच्चतम स्थान पर चढ़ूंगा, मैं स्वयं को सर्वोच्च परमेश्वर के तुल्य बनाऊंगा।”
ओ आलसी स्त्रियो, कांपो! ओ आत्म-सन्तुष्ट महिलाओ, व्याकुल हो! पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्त्र उतारो, और अपनी कमर में टाट वस्त्र लपेट लो।
ओ आलसी स्त्रियो, उठो और मेरी बात सुनो! ओ आत्म-सन्तुष्ट महिलाओ, मेरे शब्दों पर ध्यान दो!
आकाश का स्रष्टा (वह परमेश्वर है!), पृथ्वी को आकार देनेवाला और बनानेवाला प्रभु यों कहता है: (उसने ही पृथ्वी को स्थिर किया है, उसने उसको इसलिए नहीं रचा कि वह निर्जन रहे, उसने उसे आबाद करने के लिए बनाया है।) ‘मैं ही प्रभु हूं, मुझे छोड़ दूसरा कोई प्रभु नहीं है।
मैं ही प्रभु हूं, मुझे छोड़ दूसरा प्रभु नहीं है, मेरे अतिरिक्त अन्य ईश्वर नहीं है। मैं ही तुझे सामर्थ्य देता हूं, यद्यपि तू मुझे नहीं जानता है,
ताकि उदयाचल से अस्ताचल तक सभी लोग जान लें कि मेरे अतिरिक्त अन्य ईश्वर नहीं है। मैं ही प्रभु हूं, मुझे छोड़ दूसरा प्रभु नहीं है।
तूने अपनी दुष्टता के कारण स्वयं को सुरक्षित समझा था, तू कहती थी, ‘मुझे कोई नहीं देखता।’ तेरी बुद्धि और तेरे ज्ञान ने तुझे धोखा दिया। तूने अपने हृदय में यह कहा, ‘केवल मैं ही हूं, मुझे छोड़ दूसरी स्वामिनी है ही नहीं।’
प्रभु कहता है : ‘सुख-चैन से रहने वाले, निश्चिंत निवास करने वाले राष्ट्र पर आक्रमण करने के लिए उठो, और उसके विरुद्ध मोर्चाबन्दी करो। वे तम्बुओं में रहते हैं, उनके नगरों में न प्रवेश-द्वार हैं, और न फाटकों में अर्गलाएं हैं।
‘मेरी मीरास को लूटनेवालो! अभी तुम आनन्द मना रहे हो, तुम हर्षित हो रहे हो। घास पर बछिया के समान कूद-फांद रहे हो, जवान घोड़ों की तरह हिनहिना रहे हो।
चाहे बेबीलोन इतनी उन्नति कर ले कि वह आकाश से बातें करने लगे, चाहे वह आसमान तक अपने गढ़ सुदृढ़ कर ले तो भी मैं उस पर विध्वंसक भेजूंगा’ प्रभु की यही वाणी है।
तेरी बहिन सोदोम का केवल यही अधर्म था कि उसने और उसकी पुत्रियों ने घमण्ड किया। उन्होंने आवश्यकता से अधिक अनाज जमा किया, खाया-पीया, मौज-मजा किया लेकिन गरीबों और अभावग्रस्त अपने जाति-भाई-बहिनों की चिन्ता नहीं की।
‘ओ मानव-सन्तान, तू सोर नगर-राज्य के शासक से यों कह : स्वामी-प्रभु यों कहता है : “तेरा हृदय अहंकार से भरा है। तू कहता है कि तू ईश्वर है, और समुद्र के मध्य में, देवताओं के दरबार में उच्चासन पर बैठता है। नहीं, तू ईश्वर नहीं, बल्कि केवल मनुष्य है। तू अपने को ईश्वर के सदृश बुद्धिमान समझता है।
‘उस दिन मैं अपने पास से सन्देश-वाहक दूत भेजूंगा। वे जलयानों पर चढ़कर कूश देश जाएंगे, और उसके निश्चिंत निवासियों को डराएंगे। वे मिस्र देश के विनाश को देखकर उस दिन भय से आतंकित हो उठेंगे। ‘देखो, विनाश का दिन आ रहा है।
“और वह राजा अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करेगा। वह स्वयं को सब देवताओं से ऊपर प्रतिष्ठित करेगा और अपने आपको उनसे बड़ा बताएगा। वह ईश्वरों के ईश्वर, परमेश्वर के विरुद्ध भी अनोखी बातें बोलेगा। वह तब तक सफल होता रहेगा जब तक कि उसके पाप का घड़ा भर न जाए; क्योंकि जो निश्चित है, वह तो होगा ही।
वह वृक्ष आप हैं, महाराज! आप ही बढ़कर शक्तिशाली हो गए हैं। आपकी महानता बढ़कर आकाश को छूने लगी है। आपका राज्य पृथ्वी के छोरों तक पहुंच गया है।
महाराज, मैं आपसे निवेदन करता हूं, आप मेरा यह परामर्श स्वीकार कीजिए: सद् आचरण कर अपने पाप के बन्धनों को तोड़ दीजिए। आप पीड़ितों के प्रति दया कर अधर्म से मुक्त हो जाइए। तब संभव है कि आपकी शांति के ये दिन लम्बे हो जाएं।”
तब मैंने सोचा, “क्या यह बेबीलोन नगर महान नहीं है? मैंने इसको अपनी बड़ी ताकत से बनाया है ताकि यह मेरी राजधानी बने और इसके माध्यम से मेरे वैभव की चहुं ओर प्रशंसा हो।”
“मैं, नबूकदनेस्सर अपने निवास-स्थान में सुख-चैन से था और अपने महल में सुख-समृद्धि भोग रहा था।
तुमने स्वर्ग में विराजमान अधिपति के प्रति अहंकार में सिर उठाया और उसके मन्दिर के पवित्र पात्र तुम्हारे सम्मुख प्रस्तुत किए गए, और तुमने, तुम्हारे सामन्तों ने, तुम्हारी रानियों और रखेलों ने उन पात्रों में शराब डाल कर पी। तुमने शराब पीकर चांदी-सोना, पीतल, लोहे, लकड़ी और पाषाण के देवताओं की मूर्तियों की स्तुति की, जो न तो देख सकती हैं, न सुन सकती हैं, और न कुछ समझती ही हैं। ओ बेलशस्सर! जिस परमेश्वर के हाथ में तुम्हारे प्राण हैं, जो तुम्हारे जीवन को अपने नियंत्रण में रखता है, उसका सम्मान तुमने नहीं किया।
यह विनाश क्यों हुआ? इसलिए कि वेश्या ने उस सुन्दर और जादूगरनी वेश्या ने अत्यधिक वेश्यावृत्ति की थी। उसने अपनी वेश्यावृत्ति से राष्ट्रों को फंसाया था, अपने जादू से अनेक देशों को लुभाया था।
यह वैभवपूर्ण नगरी है। इसे अपनी सुरक्षा पर विश्वास था। यह अपने हृदय में सोचती थी: ‘बस मैं ही हूं, मेरे समान कोई अन्य नगरी नहीं है।’ इसका कैसा विनाश हुआ! यह जंगली पशुओं की मांद बन गई। यहां से गुजरनेवाले थू-थू करते हैं, वे हाथों से उपेक्षा जताते हैं।
वह अपने घमण्ड में उन सब का विरोध करता और उन से अपने को बड़ा मानता है, जो देवता कहलाते या पूज्य समझे जाते हैं, यहाँ तक कि वह परमेश्वर के मन्दिर में विराजमान हो कर स्वयं ईश्वर होने का दावा करता है।
दान कुल के लोग मीकाह की मूर्तियाँ जिन्हें उसने बनाया था, तथा उसके पुरोहित को लेकर लइश नगर में आए। वहाँ के निवासी शान्तिपूर्वक और निश्चिन्त ढंग से रहने वाले थे। उन्होंने उनको तलवार से मार डाला, और नगर को आग से जला दिया।
अत: वे पाँच पुरुष चले गए। वे लइश नगर में आए। उन्होंने उसमें रहने वाले लोगों को देखा कि वे सीदोनी जाति के समान निश्चिन्तता से निवास करते हैं। वे शान्तिपूर्वक तथा निश्चिन्त ढंग से रहते हैं। उन्हें पृथ्वी की किसी भी वस्तु का अभाव नहीं है। वे सीदोन देश से दूर रहते हैं। सीरिया देश से भी उनका सम्बन्ध नहीं है।