यशायाह 42:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह अनेक बातों को देखता है, किन्तु उन पर ध्यान नहीं देता, उसके कान खुले तो हैं, पर वह नहीं सुनता।’ पवित्र बाइबल वह देखता बहुत है, किन्तु मेरी आज्ञा नहीं मानता। वह अपने कानों से साफ साफ सुन सकता है किन्तु वह मेरी सुनने से इन्कार करता है।” Hindi Holy Bible तू बहुत सी बातों पर दृष्टि करता है परन्तु उन्हें देखता नहीं है; कान तो खुले हैं परन्तु सुनता नहीं है॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू बहुत सी बातों पर दृष्टि करता है परन्तु उन्हें देखता नहीं है; कान तो खुले हैं परन्तु सुनता नहीं है। सरल हिन्दी बाइबल अनेक परिस्थितियां तुम्हारे आंखों के सामने हुईं अवश्य, किंतु तुमने उन पर ध्यान नहीं दिया; तुम्हारे कान खुले तो थे, किंतु तुमने सुना ही नहीं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू बहुत सी बातों पर दृष्टि करता है परन्तु उन्हें देखता नहीं है; कान तो खुले हैं परन्तु सुनता नहीं है। |
बैल अपने मालिक को जानता है, गधा अपने स्वामी की नांद को पहचानता है; पर इस्राएल मुझे नहीं जानता, मेरे निज लोगों में समझ नहीं!’
वे प्रतिदिन मुझे ढूंढ़ते हैं; वे मेरे मार्ग जानने की इच्छा प्रकट करते हैं; मानो वे धर्म-कर्म करनेवाला राष्ट्र हैं, जिसने अपने ईश्वर के न्याय-सिद्धान्तों का परित्याग नहीं किया है। वे मुझ से धर्म के नियम पूछते हैं। वे मुझ-परमेश्वर के समीप आते, और प्रसन्न होते हैं।
प्रभु ने कहा, ‘जा और लोगों से यह कह : “निस्सन्देह तुम प्रभु का सन्देश सुनोगे, पर तुम उसको समझोगे नहीं; तुम उसको अपनी आंखों से देखोगे, पर उसको पहचानोगे नहीं।”
मैं किसको चेतावनी दूं? किस से बोलूं कि लोग सुनें? देख, उनके कान बहरे हैं, वे सुन नहीं सकते। उनकी दृष्टि में मुझ-प्रभु का वचन मजाक बन गया है; वे उसको सुनना पसन्द नहीं करते हैं।
वे झुण्ड के झुण्ड तेरे पास आते हैं। वे मेरे निज लोगों के समान तेरे सामने बैठते हैं। वे तेरी बातें सुनते हैं, पर मेरे सन्देश के अनुसार आचरण नहीं करते। “वाह! कितने सुन्दर वचन हैं!” , वे मुंह से यह कहते हैं, किन्तु उनका हृदय स्वार्थ में डूबा हुआ है।
सुन, तू उन के लिए क्या है? प्रेम के गीत गानेवाला गायक, जिसके गले में मीठी आवाज है, जो वाद्य-यन्त्र को कुशलता से बजाता है! ओ मानव, वे तेरी बातें सुनते हैं, किन्तु उनके अनुसार आचरण नहीं करते।
अत: वे सब व्यक्ति जिन्होंने मेरी महिमा के दर्शन किए, मेरे उन अद्भुत कार्यों को देखा जिनको मैंने मिस्र देश तथा निर्जन प्रदेश में किया, फिर भी जिन्होंने दस बार मुझे कसौटी पर कसा और मेरी वाणी नहीं सुनी,
मैं उन्हें दृष्टान्तों में शिक्षा देता हूँ, क्योंकि वे देखते हुए भी नहीं देखते और सुनते हुए भी न तो सुनते और न समझते हैं।
पर तुम, जो दूसरों को शिक्षा देते हो, अपने को शिक्षा नहीं देते! तुम प्रचार करते हो, “चोरी मत करो”, और स्वयं चोरी करते हो!
‘तुम सावधान रहना! अपने प्रति सतर्क रहना! ऐसा न हो कि जो बातें तुम्हारी आंखों ने देखी हैं, उनको तुम भूल जाओ। ऐसा न हो कि वे जीवन भर के लिए तुम्हारे हृदय से दूर हो जाएं। वरन् तुम उन्हें अपने पुत्र-पुत्रियों और पौत्र-पौत्रियों को बताना।