जो उन्हें बनाते हैं, वे उन्हीं मूर्तियों के सदृश निर्जीव हैं। वे भी बेजान हैं, जो उन पर भरोसा करते हैं।
यशायाह 42:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो गढ़ी हुई मूर्तियों को ईश्वर मानते हैं, और उन पर भरोसा करते हैं; जो ढली हुई मूर्तियों से यह कहते हैं “तुम ही हमारे देवी-देवता हो” , वे पीठ दिखाएंगे, वे पूर्णत: लज्जित होंगे।’ पवित्र बाइबल किन्तु कुछ लोगों ने मेरा अनुसरण करना छोड़ दिया। उन लोगों के पास वे मूर्तियाँ हैं जो सोने से मढ़ी हैं। उन से वे कहा करते हैं कि ‘तुम हमारे देवता हो।’ वे लोग अपने झूठे देवताओं के विश्वासी हैं। किन्तु ऐसे लोग बस निराश ही होंगे!” Hindi Holy Bible जो लोग खुदी हुई मूरतों पर भरोसा रखते और ढली हुई मूरतों से कहते हैं कि तुम हमारे ईश्वर हो, उन को पीछे हटना और अत्यन्त लज्जित होना पड़ेगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो लोग खुदी हुई मूरतों पर भरोसा रखते और ढली हुई मूरतों से कहते हैं, “तुम हमारे ईश्वर हो,” उनको पीछे हटना और अत्यन्त लज्जित होना पड़ेगा। सरल हिन्दी बाइबल वे बहुत लज्जित होंगे, जो मूर्तियों पर भरोसा रखते, और खुदी हुई मूर्तियों से कहते हैं, ‘तुम ही हमारे ईश्वर हो.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो लोग खुदी हुई मूरतों पर भरोसा रखते और ढली हुई मूरतों से कहते हैं, “तुम हमारे ईश्वर हो,” उनको पीछे हटना और अत्यन्त लज्जित होना पड़ेगा। |
जो उन्हें बनाते हैं, वे उन्हीं मूर्तियों के सदृश निर्जीव हैं। वे भी बेजान हैं, जो उन पर भरोसा करते हैं।
समस्त मूर्तिपूजक, निस्सार मूर्तियों पर गर्व करनेवाले लज्जित होते हैं। देवतागण प्रभु को दण्डवत् करते हैं।
उसने उनके हाथ से सोना लिया। तत्पश्चात् उसने उसे सांचे में ढाला, और उससे बछड़े की एक मूर्ति बनाई। लोगों ने कहा, ‘ओ इस्राएली समाज! यह है तेरा ईश्वर जो तुझे मिस्र देश से निकाल लाया है।’
जिस मार्ग पर चलने के लिए मैंने उनको आज्ञा दी थी, उससे वे इतने शीघ्र भटक गए। उन्होंने अपने लिए बछड़े की मूर्ति बनाई है। उन्होंने उसकी पूजा की, उसको बलि चढ़ाई और कहा, “ओ इस्राएली समाज! यह है तेरा ईश्वर, जो तुझे मिस्र देश से निकाल लाया है।” ’
तुम बांज वृक्षों की पूजा प्रसन्नता से करते थे; इन्हीं बांज वृक्षों के कारण तुम्हारा लज्जा- जनक पतन होगा। जिन उद्यानों को पूजा के लिए तुमने चुना था, उनके कारण ही तुम लज्जित होगे।
मूर्तिकार के सहयोगी भी लज्जित होंगे, कारीगर तो मनुष्य ही हैं। सब कारीगर एकत्र हों। वे मेरे सम्मुख खड़े हों। मैं उनको आतंकित करूंगा, वे सबके सब लज्जित होंगे।
बची हुई लकड़ी से वह अपने देवता की मूर्ति बनाता है। वह उसके सम्मुख भूमि पर गिरकर उसकी वंदना करता है। वह मूर्ति से प्रार्थना करता है, और उससे यह कहता है, ‘तू ही मेरा ईश्वर है, मुझे बचा।’
मूर्ति गढ़नेवालों का अस्तित्व निस्सार है, उनकी प्रिय मूर्तियों से कोई लाभ नहीं! मूर्तियों के समर्थक जो उनको अपना ईश्वर मानते हैं, न देखते हैं और न जानते हैं। वे लज्जित होंगे।
अत: स्वामी-प्रभु यों कहता है : ‘मेरे सेवकों को भोजन प्राप्त होगा, पर तुम भूखे मरोगे; मेरे सेवक पेय पीएंगे; लेकिन तुम प्यासे रहोगे। मेरे सेवक आनन्द-मग्न होंगे; पर तुम विलाप करोगे।
‘मैं यह क्या देख रहा हूं? वे हताश होकर पीछे हटने लगे हैं। उनके योद्धा पराजित हो गए, और वे तुरन्त पीठ दिखाकर भाग गए। वे पीछे मुड़कर नहीं देख रहे हैं; चारों ओर आतंक छा गया है। प्रभु की यह वाणी है।