प्रत्येक मनुष्य अपने पड़ोसी की मदद कर रहा है, वह अपने जाति-बन्धु से यह कहता है, “हिम्मत मत हार।”
यशायाह 41:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कारीगर सुनार को हिम्मत बंधाता है, हथौड़ा पीटनेवाला निहाई पर काम करनेवाले से यह कहता है: “जोड़ने का काम पूरा हो गया।” तत्पश्चात् वे मूर्ति में कीलें ठोंकते हैं, ताकि वह स्थिर रहे। पवित्र बाइबल मूर्ति बनानें के लिए एक कारीगर लकड़ी काट रहा है। फिर वह व्यक्ति सुनार को उत्साहित कर रहा है। एक कारीगर हथौड़ें से धातु का पतरा बना रहा है। फिर वह कारीगर निहायी पर काम करनेवाले व्यक्ति को प्रेरित कर रहा है। यह अखिरी कारीगर कह रहा है, काम अच्छा है किन्तु यह धातु पिंड कहीं उखड़ न जाये। इसलिए इस मूर्ति को आधार पर कील से जड़ दों! उससे मूर्ति गिरेगी नहीं, वह कभी हिलडुल तक नहीं पायेगो।” Hindi Holy Bible बढ़ई सोनार को और हथौड़े से बराबर करने वाला निहाई पर मारने वाले को यह कहकर हियाव बन्धा रहा है, जोड़ तो अच्छी है, सो वह कील ठोंक ठोंककर उसको ऐसा दृढ़ करता है कि वह स्थिर रहे॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) बढ़ई सुनार को और हथौड़े से बराबर करनेवाला निहाई पर मारनेवाले को यह कहकर हियाव बन्धा रहा है, “जोड़ तो अच्छा है,” अत: वह कील ठोंक ठोंककर उसको ऐसा दृढ़ करता है कि वह स्थिर रहे। सरल हिन्दी बाइबल इसी प्रकार शिल्पी भी सुनार को हिम्मत दिलाता है, जो हथौड़े से धातु को समतल बनाकर कील मारता है और हिम्मत बांधता है. निहाई पर हथौड़ा चलाता है. वह टांकों को ठोक ठोक कर कसता है ताकि वह ढीला न रह जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 बढ़ई सुनार को और हथौड़े से बराबर करनेवाला निहाई पर मारनेवाले को यह कहकर हियाव बन्धा रहा है, “जोड़ तो अच्छी है,” अतः वह कील ठोंक-ठोंककर उसको ऐसा दृढ़ करता है कि वह स्थिर रहे। |
प्रत्येक मनुष्य अपने पड़ोसी की मदद कर रहा है, वह अपने जाति-बन्धु से यह कहता है, “हिम्मत मत हार।”
मूर्तियों के आभूषण के लिए तर्शीश देश से चांदी की पत्तियां और उफाज देश से सोना लाया जाता है। मूर्तियां कारीगर के हाथों का काम है, सुनार के हाथों की कारीगरी है। मूर्तियों के वस्त्र नीले और बैंगनी रंग के हैं। पर यह सब कुशल कारीगर के हाथ से बनाई गई है।
मीकाह ने कहा, ‘तुमने मेरे देवता की मूर्तियाँ ले लीं, जिन्हें मैंने बनाया था। तुम मेरे पुरोहित को भी लिए जा रहे हो। अब मेरे पास क्या बचा? फिर तुम मुझसे पूछते हो कि मुझे क्या हुआ।’