आगामी दिनों में याकूब राष्ट्र जड़ पकड़ेगा, इस्राएल देश पुष्पित होगा, उसमें शाखाएँ फूटेंगी, वह अपने फलों से समस्त संसार को भर देगा।
यशायाह 41:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं निर्जन प्रदेश में देवदार, बबूल, मेहँदी और जैतून के वृक्ष लगाऊंगा; मैं मरुस्थल में सनोवर, चनार और चीड़ के वृक्ष एक साथ उगाऊंगा। पवित्र बाइबल मरुभूमि में देवदार के, कीकार के, जैतून के, सनावर के, तिघारे के, चीड़ के पेड़ उगेंगे! Hindi Holy Bible मैं जंगल में देवदार, बबूल, मेंहदी, और जलपाई उगाऊंगा; मैं अराबा में सनौवर, तिधार वृक्ष, और सीधा सनौबर इकट्ठे लगाऊंगा; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं जंगल में देवदार, बबूल, मेंहदी, और जैतून उगाऊँगा, मैं अराबा में सनौबर, चिनार, और चीड़ इकट्ठे लगाऊँगा, सरल हिन्दी बाइबल मरुस्थल देवदार, बबूल, मेंहदी, तथा जैतून वृक्ष उपजाने लगेंगे. मैं मरुस्थल में सनौवर, चिनार तथा चीड़ के वृक्ष उगा दूंगा, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं जंगल में देवदार, बबूल, मेंहदी, और जैतून उगाऊँगा; मैं अराबा में सनोवर, चिनार वृक्ष, और चीड़ इकट्ठे लगाऊँगा; |
आगामी दिनों में याकूब राष्ट्र जड़ पकड़ेगा, इस्राएल देश पुष्पित होगा, उसमें शाखाएँ फूटेंगी, वह अपने फलों से समस्त संसार को भर देगा।
जब ऊपर से हम पर आत्मा उंडेला जाएगा तब यह निर्जन प्रदेश उपजाऊ भूमि में बदल जाएगा, और उपजाऊ भूमि ही वन मानी जाएगी।
देखो, मैं एक नया कार्य कर रहा हूं : वह अब प्रकट हो रहा है। तुम स्वयं उसका अनुभव कर रहे हो। मैं निर्जन प्रदेश में एक मार्ग बनाऊंगा, मरुस्थल में नदियाँ बहा दूंगा।
मैं-प्रभु सियोन को सांत्वना प्रदान करूंगा; मैं उसके उजाड़ स्थलों को शान्ति दूंगा, उसके निर्जन प्रदेश को अदन वाटिका के सदृश हरा-भरा कर दूंगा। उसका मरुस्थल मेरे उद्यान के समान हरा-भरा हो जाएगा। सियोन के हर कोने में हर्ष और आनन्द उपलब्ध होगा; चारों ओर धन्यवाद का गीत, और स्तुतिगान गूंजेगा।
तब जिन स्थानों पर भटकटैया के वृक्ष होते हैं, वहां सनोवर उगेंगे, बिच्छू झाड़ियों के स्थान पर मेहँदी उग आएगी। यह आश्चर्यपूर्ण घटना प्रभु का स्मारक चिह्न होगी; यह शाश्वत चिह्न होगा जो कभी नहीं मिटेगा।
लबानोन प्रदेश का वैभव तेरे पास आएगा: मेरे पवित्र स्थान की साज-सज्जा के लिए सनोवर, देवदार और चीड़ वृक्षों की इमारती लकड़ी तेरे पास आएगी। मैं उस स्थान को जहाँ मैं चरण रखता हूं, महिमा प्रदान करूंगा।
तेरे सब निवासी धार्मिक होंगे; वे सदा के लिए देश पर अधिकार करेंगे, जिससे मेरी महिमा हो। ये लोग मेरे पौधे की शाखाएँ हैं; इन्हें मैंने अपने हाथ से रचा है।
जैसे भूमि उपज को उगाती है, जैसे उद्यान में बोया गया बीज अंकुरित होता है, वैसे ही स्वामी-प्रभु समस्त राष्ट्रों के सम्मुख धार्मिकता और स्तुति अपने निज लोगों में अंकुरित करेगा।
प्रभु ने मुझे इसलिए भेजा है कि मैं सियोन में शोक करनेवालों को राख नहीं, वरन् विजय-माला पहनाऊं; विलाप नहीं, बल्कि उनके मुख पर आनन्द का तेल मलूं, उन्हें निराशा की आत्मा नहीं, वरन् स्तुति की चादर ओढ़ाऊं, ताकि वे धार्मिकता के बांज वृक्ष कहलाएँ; वे प्रभु के पौधे कहलाएँ और उनसे प्रभु की महिमा हो।
नदी के दोनों किनारों पर अनेक प्रकार के पेड़ होंगे, जो आहार के लिए फल देंगे। उनके पत्ते कभी नहीं मुरझाएंगे, और न ही उनमें फल लगना बन्द होगा। किन्तु ये पेड़ हर महीने नए फल दिया करेंगे, क्योंकि उनको सींचनेवाला जल पवित्र-स्थान से निकला है! उनके फल आहार के, और पत्ते औषधि के काम आएंगे।’
ओ एफ्रइम, अब तेरा मूर्तियों के साथ क्या सम्बन्ध? मैं ही तेरी प्रार्थनाओं का उत्तर तुझे देता हूं, मैं ही तेरी देखभाल करता हूं। मैं सदा-बहार सनोवर वृक्ष के समान हूं; तू मुझ से ही फल पाता है।’
मैंने रात में यह दर्शन देखा: एक मनुष्य लाल घोड़े पर सवार है। वह सघन घाटी में मेंहदी वृक्षों के मध्य खड़ा है। उसके पीछे लाल, [काले], सुरंग और सफेद घोड़े हैं।