फिर भी धार्मिक मनुष्य अपने मार्ग पर डटा रहता है; निर्दोष आचरण वाला मनुष्य दिन-प्रतिदिन बलवान होता जाता है।
यशायाह 40:31 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परन्तु प्रभु की प्रतीक्षा करनेवाले नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे गरुड़ के पंखों की तरह नवशक्ति प्राप्त कर ऊंचे उड़ेंगे; वे दौड़ेंगे, पर थकेंगे नहीं; वे चलते रहेंगे, किन्तु निर्बल नहीं होंगे। पवित्र बाइबल किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं। जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं। ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं। ये लोग बिना थके चलते रहते हैं। Hindi Holy Bible परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएँगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। सरल हिन्दी बाइबल परंतु जो याहवेह पर भरोसा रखते हैं वे नया बल पाते जाएंगे. वे उकाबों की नाई उड़ेंगे; वे दौड़ेंगे, किंतु श्रमित न होंगे, चलेंगे, किंतु थकित न होंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएँगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। |
फिर भी धार्मिक मनुष्य अपने मार्ग पर डटा रहता है; निर्दोष आचरण वाला मनुष्य दिन-प्रतिदिन बलवान होता जाता है।
जो जीवन भर तुझे भली वस्तुओं से तृप्त करता है, जिससे तेरा यौवन गरुड़ के सदृश गतिवान हो जाता है।
जैसे सेवक की आंखें स्वामी के हाथ पर, जैसे सेविका की आंखें स्वामिनी के हाथ पर, लगी रहती हैं, वैसे ही हमारी आंखें अपने प्रभु परमेश्वर की ओर लगी रहती हैं, जब तक वह हम पर कृपा न करे।
उन्हें भी लज्जित न होने देना, जो तेरी प्रतीक्षा करते हैं, परन्तु वे लज्जित हों, जो अकारण विश्वासघात करते हैं।
अपने सत्य पथ पर मुझे ले चल और मुझे सिखा; क्योंकि तू ही मेरा उद्धार करने वाला परमेश्वर है, दिन भर मैं तेरी प्रतीक्षा करता हूँ।
प्रभु की प्रतीक्षा करो। उसके मार्ग पर चलते रहो। वह तुम्हें उन्नत करेगा, और तुम पृथ्वी के अधिकारी बनोगे। तुम दुर्जनों का विनाश देखोगे।
मैं धैर्य से प्रभु की प्रतीक्षा करता हूँ। उसने मेरी ओर ध्यन दिया और मेरी दुहाई सुनी है।
हे प्रभु, स्वर्गिक सेनाओं के परमेश्वर, मेरी प्रार्थना सुन; हे इस्राएल के परमेश्वर, मेरी बात पर कान दे। सेलाह
“तुमने देखा कि मैंने मिस्र-निवासियों के साथ क्या किया; किस प्रकार तुम्हें बाज के पंखों पर बैठाकर अपने पास तक ले आया।
गरुड़ का आकाश में उड़ना, सांप का चट्टान पर चलना, समुद्र में जहाज का तैरना, और स्त्री के साथ पुरुष का व्यवहार।
‘अपने प्रियतम के कन्धे पर झुकी-सी यह कौन निर्जन प्रदेश से आ रही है?’ ‘मैं तुमको सेब के वृक्ष के नीचे जगाती हूं, जहाँ तुम्हारी मां ने तुम्हारे लिए प्रसव-पीड़ा भोगी थी, जहाँ तुम्हारी जननी ने तुमको जन्म दिया था।
उस दिन लोग यह कहेंगे, “देखो, यही है हमारा परमेश्वर; हमने इसकी ही प्रतीक्षा की थी कि वह हमें बचाएगा। यही प्रभु है, हमने इसकी ही प्रतीक्षा की थी। आओ, हम उसके उद्धार के कारण आनन्द मनाएँ, हर्षित हों।”
इस्राएल का पवित्र परमेश्वर, प्रभु, स्वामी यों कहता है: “लौट आने और शान्त रहने से ही तुम्हारी रक्षा होगी, चुप रहने और भरोसा करने में ही तुम्हारी शक्ति है।” पर तुमने ऐसा नहीं किया।
प्रभु अब भी प्रतीक्षा कर रहा है कि तुम प्रायश्चित करो, और वह तुम कर कृपा करे। वह तुम पर दया करने को तत्पर है। प्रभु न्याय करनेवाला परमेश्वर है। धन्य हैं वे, जो उसकी प्रतीक्षा करते हैं।
ओ भूमध्यसागर तट के द्वीपो, शान्त रहो, और मेरी बात सुनो! कौमें नया बल प्राप्त करें, वे मेरे समीप आएं, और तब अपना पक्ष प्रस्तुत करें। मैं और वे एक साथ न्याय-आसन के सम्मुख उपस्थित हों।
प्राचीन काल से यह कभी सुनने में नहीं आया; न किसी ने कानों से सुना, और न अपनी आंखों से देखा कि तेरे अतिरिक्त और कोई ईश्वर है। केवल तू उनके लिए आश्चर्यपूर्ण कार्य करता है, जो तेरी प्रतीक्षा करते हैं।
प्रभु याकूब के वंशजों से मुख मोड़े हुए है। मैं उसकी प्रतीक्षा करूंगा; वही मेरी आशा का आधार होगा।
‘देखो, मोआब का विनाश करने वाला आ गया। और वह नगरों में पहुंच गया; मोआब के सर्वोत्तम सैनिक मौत के घाट उतार दिए गए। राजाधिराज ने, जिसका नाम “स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु है,” यह कहा है।
इस्राएलियों को मुझ-प्रभु से शक्ति प्राप्त होगी, और वे मुझ-प्रभु के नाम की महिमा करेंगे’, प्रभु ने यह कहा है।
येशु ने शिष्यों को यह बतलाने के लिए कि उन्हें सदा प्रार्थना करना चाहिए, और निराश नहीं होना चाहिए, एक दृष्टान्त सुनाया।
हम उसकी आशा करते हैं, जिसे हम अब तक नहीं देख सके हैं। इसलिए हमें धैर्य के साथ उसकी प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
यही कारण है कि हम हिम्मत नहीं हारते। हमारे शरीर की शक्ति भले ही क्षीण होती जा रही हो, किन्तु हमारे अभ्यन्तर में दिन-प्रतिदिन नये जीवन का संचार होता रहता है;
हम भलाई करते-करते हिम्मत न हार बैठें; क्योंकि यदि हम दृढ़ बने रहेंगे तो समय आने पर अवश्य फसल काटेंगे।
जैसे गरुड़ अपने घोंसले की चौकसी करता है, अपने बच्चों के ऊपर मंडराता है, अपने पंख फैलाकर उनको पकड़ता है, उनको अपने परों पर उठा लेता है,
और उसके पुत्र अर्थात् येशु की प्रतीक्षा करें, जिन्हें परमेश्वर ने मृतकों में से जिलाया। यही येशु स्वर्ग से उतरेंगे और हमें आने वाले प्रकोप से बचायेंगे।
जब विश्वास के साक्षी इतनी बड़ी संख्या में हमारे चारों ओर विद्यमान हैं, तो हम हर प्रकार की बाधा दूर कर, और उस पाप को छोड़ कर जो लक्ष्य से सहज ही हमारा ध्यान हटा देता है, और येशु पर अपनी दृष्टि लगा कर धैर्य के साथ उस दौड़ में आगे बढ़ते जायें, जिस में हमारा नाम लिखा गया है।
कहीं ऐसा न हो कि आप लोग निराश होकर हिम्मत हार जायें, इसलिए आप उनका स्मरण करते रहें, जिन्होंने पापियों का इतना घोर विरोध सहा।
मैं आज भी उतना ही हट्टा-कट्टा हूं जितना उस दिन था, जब मूसा ने मुझे भेद लेने के लिए भेजा था। युद्ध के लिए, युद्ध की अन्य सेवाओं के लिए जितनी शक्ति मुझमें उस समय थी, उतनी आज भी है।
परन्तु महिला को विशालकाय गरुड़ के दो पंख मिले, जिससे वह निर्जन प्रदेश में अपने उस आश्रय-स्थान को उड़ जाये, जहाँ उसे, सर्प की पहुँच से परे, साढ़े तीन वर्ष तक भोजन मिलनेवाला था।
पहला प्राणी सिंह के सदृश है ओर दूसरा प्राणी सांड़ के सदृश। तीसरे प्राणी का चेहरा मनुष्य-जैसा है और चौथा प्राणी उड़ने वाले गरुड़ के सदृश है।
शिमशोन ने प्रभु को पुकारा। उसने कहा, ‘हे स्वामी, हे प्रभु, कृपया, मुझे स्मरण कर! हे परमेश्वर, मुझे केवल इस बार और बल दे कि मैं पलिश्तियों से अपनी दोनों आंखों का बदला एक ही बार ले लूं।’