पर यदि प्रभु यों कहेगा : “मैं तुझसे प्रसन्न नहीं हूँ” तो भी मैं उसकी इच्छा को स्वीकार करूँगा। जो उसकी दृष्टि में भला लगे, वही मेरे साथ करे।’
यशायाह 39:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हिजकियाह ने यशायाह से कहा, “प्रभु का यह वचन, जो तुमने मुझसे कहा, अच्छा है।” वह यह सोचता था, “यदि मेरे जीवन-काल में शान्ति और सुरक्षा बनी रहती है तो क्या बुरा है!” पवित्र बाइबल हिजकिय्याह ने यशायाह से कहा, “यहोवा के इन वचनों का सुनना मेरे लिये बहुत उत्तम होगा।” (हिजकिय्याह ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसका विचार था, “जब मैं राजा होऊँगा, तब शांति रहेगी और कोई उत्पात नहीं होगा।”) Hindi Holy Bible हिजकिय्याह ने यशायाह से कहा, यहोवा का वचन जो तू ने कहा है वह भला ही है। फिर उसने कहा, मेरे दिनों में तो शान्ति और सच्चाई बनी रहेगी॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हिजकिय्याह ने यशायाह से कहा, “यहोवा का वचन जो तू ने कहा है वह भला ही है।” फिर उसने कहा, “मेरे दिनों में तो शान्ति और सच्चाई बनी रहेगी।” सरल हिन्दी बाइबल तब हिज़किय्याह ने यशायाह से कहा, “याहवेह का वचन जो तुमने कहा वह भला ही है,” फिर कहा, “कम से कम मेरे जीवनकाल में तो शांति एवं सुरक्षा बनी रहेगी.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हिजकिय्याह ने यशायाह से कहा, “यहोवा का वचन जो तूने कहा है वह भला ही है।” फिर उसने कहा, “मेरे दिनों में तो शान्ति और सच्चाई बनी रहेगी।” |
पर यदि प्रभु यों कहेगा : “मैं तुझसे प्रसन्न नहीं हूँ” तो भी मैं उसकी इच्छा को स्वीकार करूँगा। जो उसकी दृष्टि में भला लगे, वही मेरे साथ करे।’
किन्तु राजा अपने अहंकार के लिए पछताया। उसने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया। उसके साथ यरूशलेम के निवासी भी दीन बने। अत: प्रभु का क्रोध राजा हिजकियाह के समय में उन पर नहीं भड़का।
इसलिए मैं तुझे तेरे पूर्वजों के साथ सुलाऊंगा। तू शान्ति से अपनी कबर में सोएगा। जो विपत्ति मैं इस स्थान पर तथा इसके निवासियों पर ढाहूंगा, वह तू अपनी आंखों से नहीं देखेगा।’ राजा योशियाह के दरबारी लौटे। उन्होंने राजा को यह सन्देश दिया।
उसने कहा, ‘मैं अपनी मां के पेट से नंगा बाहर निकला था। मैं नंगा ही वहाँ लौटूंगा, जहाँ से आया था। प्रभु ने दिया था, प्रभु ने ले लिया। प्रभु का नाम धन्य है।’
तब जीवित मनुष्य प्रभु के न्याय की शिकायत क्यों करे; मनुष्य अपने पाप के दण्ड के लिए क्यों कुड़कुड़ाए?
मूसा ने हारून से कहा, ‘प्रभु ने यही बात कही थी : “अपने निकटवर्ती लोगों के मध्य, मैं स्वयं को पवित्र सिद्ध करूँगा; समस्त लोगों के सम्मुख मैं अपनी महिमा करूँगा।” ’ परन्तु हारून मौन रहा।
तुम्हें ये कार्य करने हैं : एक-दूसरे से सच बोलो। तुम न्यायालयों में सच्चाई से न्याय करो, और शान्ति की स्थापना करो।
‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : चौथे, पांचवें, सातवें और दसवें महीने के उपवास-दिवस यहूदा के वंशजों के लिए आनन्द और हर्ष के दिन होंगे, उत्सव के पर्व होंगे। अत: सच्चाई और शान्ति से प्रेम करो।
आप परमेश्वर के समर्थ हाथ के नीचे विनम्र बने रहें, जिससे वह आप को उपयुक्त समय में ऊपर उठाये।
अत: शमूएल ने सब बातें उसको बता दीं; और उससे कुछ नहीं छिपाया। एली ने कहा, ‘वह प्रभु है! जो उसकी दृष्टि में उचित है, वही वह करे!’