जब अहाब ने ये वचन सुने तब उसने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्त्र फाड़े। उसने अपने शरीर पर टाट धारण किया। वह उपवास करने लगा। वह टाट-पट्टी पर सोता था। वह ग्लानि से सिर झुकाकर चलता-फिरता था।
यशायाह 38:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं क्या कह सकता हूं? उसी ने मुझ से जैसा कहा था वैसा ही मेरे साथ किया है! मेरे प्राण की कड़ुआहट के कारण मेरी आंखों की नींद उड़ गई। पवित्र बाइबल मैं और क्या कह सकता हूँ मेरे स्वामी ने मुझ को बताया है जो कुछ भी घटेगा, और मेरा स्वामी ही उस घटना को घटित करेगा। मैंने इन विपत्तियों को अपनी आत्मा में झेला है इसलिए मैं जीवन भर विनम्र रहूँगा। Hindi Holy Bible मैं क्या कहूं? उसी ने मुझ से प्रतिज्ञा की और पूरा भी किया है। मैं जीवन भर कडुआहट के साथ धीरे धीरे चलता रहूंगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं क्या कहूँ? उसी ने मुझ से प्रतिज्ञा की और पूरा भी किया है। मैं जीवन भर कड़वाहट के साथ धीरे धीरे चलता रहूँगा। सरल हिन्दी बाइबल अब मैं क्या कहूं? क्योंकि उन्होंने मुझसे प्रतिज्ञा की और पूरी भी की है. मैं जीवन भर दुःख के साथ जीवित रहूंगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं क्या कहूँ? उसी ने मुझसे प्रतिज्ञा की और पूरा भी किया है। मैं जीवन भर कड़वाहट के साथ धीरे धीरे चलता रहूँगा। |
जब अहाब ने ये वचन सुने तब उसने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्त्र फाड़े। उसने अपने शरीर पर टाट धारण किया। वह उपवास करने लगा। वह टाट-पट्टी पर सोता था। वह ग्लानि से सिर झुकाकर चलता-फिरता था।
वह कर्मेल पर्वत पर पहुंची। उसने परमेश्वर के जन एलीशा के पैर पकड़ लिए। गेहजी उसको बलपूर्वक हटाने लगा। परन्तु परमेश्वर के जन एलीशा ने गेहजी से कहा, ‘इनको छोड़ दे। इनके प्राण व्याकुल हैं। किन्तु प्रभु ने मुझसे यह बात छिपा रखी है। उसने मुझ पर प्रकट नहीं किया।’
‘हे प्रभु परमेश्वर, तेरी समस्त कृपा के बाद अब हम अपने आचरण के लिए क्या सफाई पेश कर सकते हैं? तेरे सेवक नबियों ने जो तेरी आज्ञाएं हमें दी थीं, उनका हमने उल्लंघन किया। नबियों ने हमसे कहा था : “जिस देश पर अधिकार करने के लिए, तुम उसमें प्रवेश कर रहे हो, वह अशुद्ध देश है; उसमें निवास करने वाली जातियों ने उसे एक छोर से दूसरे छोर तक अपनी घृणित प्रथाओं से पूर्णत: भर दिया है।
‘मैं अपने जीवन से तंग आ गया हूँ। मैं निस्संकोच अपनी शिकायत पेश करूंगा। मैं अपने प्राण की पीड़ा व्यक्त करूंगा।
‘अत: मैं अपना मुंह बन्द नहीं रखूंगा; मैं अपनी आत्मा की वेदना के कारण बोलूंगा; मैं अपने प्राण की कटुता के कारण, हे परमेश्वर, तुझसे शिकायत करूंगा! क्या मैं समुद्री राक्षस हूं कि तू मुझे पहरे में रखता है, जिससे मैं बन्धन-मुक्त न होऊं?
कडुआहट भोगने में ही मेरा कल्याण छिपा था; तूने मेरे जीवन को विनाश के गड्ढे में गिरने से रोका। तूने मेरे सब पाप अपनी पीठ के पीछे फेंक दिए!
“अब मेरी आत्मा व्याकुल है। क्या मैं यह कहूँ, ‘पिता! इस घड़ी के संकट से मुझे बचा’? किन्तु इसी कारण मैं इस घड़ी तक पहुँचा हूँ।
हे स्वामी, मैं क्या कह सकता हूँ? इस्राएलियों ने युद्ध में शत्रुओं को अपनी पीठ दिखाई है।