उपजाऊ खेतों में से आनन्द और हर्ष का लोप हो गया। अब अंगूर-उद्यानों में आनन्द के गीत नहीं गाए जाते, हर्ष-ध्वनि सुनाई नहीं पड़ती। अंगूर के रस-कुण्डों में से रस निकालने वाले नहीं रहे। अंगूर-रस पेरने के समय की जानेवाली हर्ष-ध्वनि बन्द हो गई।
यशायाह 32:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ आत्म-सन्तुष्ट महिलाओ, एक वर्ष से कुछ अधिक समय बीतते ही तुम संकट में पड़ जाओगी: अंगूर की फसल नष्ट हो जाएगी, फलों की उपज नहीं होगी। पवित्र बाइबल स्त्रियों तुम अभी सुरक्षित अनुभव करती हो किन्तु एक वर्ष बाद तुम पर विपत्ति आने वाली है। क्यों क्योंकि तुम अगले वर्ष अँगूर इकट्ठे नहीं करोगी—इकट्ठे करने के लिये अँगूर होंगे ही नहीं। Hindi Holy Bible हे निश्चिन्त स्त्रियों, वर्ष भर से कुछ ही अधिक समय में तुम विकल हो जाओगी; क्योंकि तोड़ने को दाखें न होंगी और न किसी भांति के फल हाथ लगेंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे निश्चिन्त स्त्रियो, वर्ष भर से कुछ ही अधिक समय में तुम विकल हो जाओगी; क्योंकि तोड़ने को दाखें न होंगी और न किसी भाँति के फल हाथ लगेंगे। सरल हिन्दी बाइबल हे निश्चिंत पुत्रियो एक वर्ष और कुछ ही दिनों में तुम व्याकुल कर दी जाओगी; क्योंकि दाख का समय खत्म हो गया है, और फल एकत्र नहीं किए जाएंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे निश्चिन्त स्त्रियों, वर्ष भर से कुछ ही अधिक समय में तुम विकल हो जाओगी; क्योंकि तोड़ने को दाखें न होंगी और न किसी भाँति के फल हाथ लगेंगे। |
उपजाऊ खेतों में से आनन्द और हर्ष का लोप हो गया। अब अंगूर-उद्यानों में आनन्द के गीत नहीं गाए जाते, हर्ष-ध्वनि सुनाई नहीं पड़ती। अंगूर के रस-कुण्डों में से रस निकालने वाले नहीं रहे। अंगूर-रस पेरने के समय की जानेवाली हर्ष-ध्वनि बन्द हो गई।
उस दिन वे सब स्थान, जहाँ अंगूर की हजार बेलें थीं, जिनका मूल्य चांदी के हजार सिक्के था वहाँ अब कंटीले झाड़-झंखाड़ होंगे।
‘जब मैं उन “बुद्धिमानों” से फसल एकत्र करूंगा, तब अंगूर-बेल में न अंगूर होंगे, और न अंजीर वृक्ष में अंजीर। पत्तियां भी सूख जाएंगी। जो मैंने उनको दिया है, वह भी उनके हाथ से निकल जाएगा।’
जिन अंगूर-उद्यानों और अंजीर-कुंजों के विषय में उसने यह कहा था, ‘यह मेरी कमाई है, मेरे प्रेमियों ने मुझे यह उपहार में दिया है’, उनको मैं उजाड़ दूंगा, जंगल बना दूंगा, जंगली जानवर उनको चर जाएंगे।
इसी प्रकार इस्राएली बहुत दिनों तक बिना राजा के निवास करेंगे। न उनका कोई शासक होगा, और न वे बलि चढ़ा सकेंगे। उनके न पूजा-स्तम्भ होंगे, और न एपोद और न गृह-देवताओं की मूर्तियाँ।
अंगूर-उद्यान सूख गए। अंजीर के वृक्ष मुरझा गए। अनार, खजूर, सेब, मैदान के सब वृक्ष सूख गए। लोगों के चेहरों पर मुर्दनी छा गई।
ओ शराबियो, जागो, और रोओ! ओ शराब पीनेवालो, अंगूर-रस के लिए विलाप करो। वह तुम्हारे मुंह से छिन गया।
उसने मेरे अंगूर-उद्यान को उजाड़ दिया, उसने मेरे अंजीर के वृक्ष काट दिए। उसने उनकी छालें छील-छीलकर गिरा दीं, उनकी शाखाएँ सफेद हो गईं।
यद्यपि अंजीर वृक्ष में फूल नहीं आए, अंगूर-लताओं में फल नहीं लगे, जैतून के फलों की फसल नहीं हुई, खेतों में भी अन्न नहीं उपजा, बाड़ों में भेड़-बकरी नहीं रही, और पशुशालाओं में गाय-बैल नहीं रहे,
शत्रु उनकी सम्पत्ति लूटेंगे; उनके आबाद घर उजड़ जाएंगे। यद्यपि वे मकान बनाएंगे, तथापि वे उनमें रह नहीं पाएंगे। यद्यपि वे अंगूर-उद्यान लगाएंगे तथापि वे उसका अंगूर-रस पी नहीं सकेंगे।’