‘ओ अय्यूब, परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लो; तब तुम्हें शान्ति मिलेगी; इसी से तुम्हारी भलाई होगी।
यशायाह 27:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अथवा यदि वे मेरी छत्र-छाया में शरण लेना चाहें तो वे मेरे साथ शान्ति स्थापित करें। वे मुझसे मेल-मिलाप करें।” पवित्र बाइबल लेकिन यदि कोई व्यक्ति मेरी शरण में आये और मुझसे मेल करना चाहे तो वह चला आये और मुझ से मेल कर ले। Hindi Holy Bible वा मेरे साथ मेल करने को वे मेरी शरण लें, वे मेरे साथ मेल कर लें॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) या मेरे साथ मेल करने को वे मेरी शरण लें, वे मेरे साथ मेल कर लें। सरल हिन्दी बाइबल या मेरे साथ मिलकर मेरी शरण में आना चाहे तो वे मेरे पास आए.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 या मेरे साथ मेल करने को वे मेरी शरण लें, वे मेरे साथ मेल कर लें। |
‘ओ अय्यूब, परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लो; तब तुम्हें शान्ति मिलेगी; इसी से तुम्हारी भलाई होगी।
“देखो, प्रभु परमेश्वर ही मेरा उद्धारकर्ता है; मुझे उसपर पूर्ण भरोसा है, मैं डरूंगा नहीं; क्योंकि प्रभु ही मेरा बल, और मेरी रक्षा है। वह मेरा उद्धारकर्ता बन गया है।”
तू गरीबों का सुदृढ़ आश्रय रहा है; तू संकट में पड़े निर्धन का सहारा रहा है। तू तूफान से रक्षा करनेवाला शरण-स्थल, ग्रीष्म-ताप से बचानेवाली शीतल छाया है। निर्दयी जन का फूत्कार उस तूफान के झोंके-सा है, जो दीवार से टकराता है;
प्रभु, तू ही हमारे लिए शान्ति स्थापित करेगा, जो कुछ हमने किया, उसका करनेवाला वस्तुत: तू ही था!
मेरे सेवक इस्राएल के अतिरिक्त और कौन अंधा है? मेरे संदेश-वाहक को छोड़कर और कौन बहरा है? मेरे भक्त के तुल्य और कौन अंधा है? मेरे सेवक के सदृश और कौन बहरा है?
लोग मेरे विषय में यह कहेंगे: ‘केवल प्रभु में ही धार्मिकता और सामर्थ्य है। जो उसके विरोधी हैं, वे सब उसके पास आएंगे, और लज्जित होंगे।
‘धन्य है वह मनुष्य जो न्याय का पालन करता है; धन्य है मानव-पुत्र जो धर्म को पकड़े रहता है, जो विश्राम-दिवस को पवित्र मानता है, और उसको अपवित्र नहीं करता, जो सब प्रकार की बुराई से स्वयं को दूर रखता है।’
प्रभु यह कहता है : ‘जो समीप है, और जो दूर है, दोनों का कल्याण हो, उन्हें शान्ति प्राप्त हो। मैं उन्हें स्वस्थ करूंगा।
कोई भी मनुष्य तेरा नाम नहीं लेता, और न तेरा सहारा लेने के लिए स्वयं प्रयास करता है। हमारे अधर्म के कारण तूने हमसे अपना मुख छिपा लिया है; और हमें हमारे दुष्कर्मों के हाथ में सौंप दिया है।
“ओ यरूशलेम! यरूशलेम नगरी! तू नबियों की हत्या करती और अपने पास भेजे हुए संदेश-वाहकों को पत्थरों से मार डालती है। मैंने कितनी बार चाहा कि तेरी सन्तान को एकत्र कर लूँ, जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे एकत्र कर लेती है, परन्तु तूने मुझे यह करने नहीं दिया।
यदि वह सामना नहीं कर सकता है तो जब तक दूसरा राजा दूर है, वह राजदूतों को भेजकर उससे सन्धि का प्रस्ताव करेगा।
और बोले, “हाय! कितना अच्छा होता यदि तू, हाँ तू, आज के दिन यह समझ पाता कि किन बातों में तेरी शान्ति है! परन्तु अभी ये बातें तेरी आँखों से छिपी हुई हैं।
वह इन दो अपरिवर्तनीय कार्यों, अर्थात् प्रतिज्ञा और शपथ में, झूठा प्रमाणित नहीं हो सकता। इस से हमें, जिन्होंने परमेश्वर की शरण ली है, यह प्रबल प्रेरणा मिलती है कि हमें जो आशा दिलायी गयी है, हम उसे धारण किये रहें।
गिब्ओन के सैनिकों ने गिलगाल के पड़ाव में यहोशुअ के पास सहायता के लिए सन्देश भेजा : ‘आप अपने सेवकों के सिर पर से हाथ मत हटाइए। आप अविलम्ब आइए। हमारी रक्षा कीजिए। हमारी सहायता कीजिए; क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले एमोरी जाति के सब राजा हमारे विरुद्ध एकत्र हुए हैं।’