किन्तु वह दरिद्र को पीड़ा से निकाल कर उन्नत करता है, वह उनके परिवारों को रेवड़ के सदृश विशाल बनाता है।
यशायाह 25:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू गरीबों का सुदृढ़ आश्रय रहा है; तू संकट में पड़े निर्धन का सहारा रहा है। तू तूफान से रक्षा करनेवाला शरण-स्थल, ग्रीष्म-ताप से बचानेवाली शीतल छाया है। निर्दयी जन का फूत्कार उस तूफान के झोंके-सा है, जो दीवार से टकराता है; पवित्र बाइबल यहोवा निर्धन लोगों के लिये जो जरुरतमंद हैं, तू सुरक्षा का स्थान है। अनेक विपत्तियाँ उनको पराजित करने को आती हैं किन्तु तू उन्हें बचाता है। तू एक ऐसा भवन है जो उनको तूफानी वर्षा से बचाता है और तू एक ऐसी हवा है जो उनको गर्मी से बचाती है। विपत्तियाँ भयानक आँधी और घनघोर वर्षा जैसी आती हैं। वर्षा दीवारों से टकराती हैं और नीचे बह जाती है किन्तु मकान में जो लोग हैं, उनको हानि नहीं पहुँचती है। Hindi Holy Bible क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका भीत पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रोंके लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका दीवार पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रों के लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ। सरल हिन्दी बाइबल दीनों के लिए आप शरणस्थान, और विपत्ति के समय आप उनके लिए ढाल होंगे, दरिद्रों के लिये उनके शरण और रक्षक होंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका दीवार पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रों के लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ। |
किन्तु वह दरिद्र को पीड़ा से निकाल कर उन्नत करता है, वह उनके परिवारों को रेवड़ के सदृश विशाल बनाता है।
प्रभु यह कहता है, “पीड़ित लुट गए, दरिद्र विलाप करते हैं। इस कारण अब मैं उठूंगा; मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, जो सुरक्षा चाहता है।”
मेरी समस्त अस्थियाँ यह कहेंगी, “हे प्रभु! तुझ जैसा और कौन है?” तू पीड़ित व्यक्ति को महाबली से, दु:खी और दरिद्र को लुटेरों से मुक्त करता है।
वह प्रजा के पीड़ित लोगों का न्याय करे; वह दरिद्र की सन्तान की रक्षा करे, और अत्याचारियों का दमन करे।
प्रभु, तेरे नाम को जानने वाले तुझ पर भरोसा करते हैं; क्योंकि तू उन लोगों को नहीं छोड़ता है, जो तुझको खोजते हैं।
ओ सर्वोच्च प्रभु के आश्रय में रहने वाले, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की छाया में निवास करने वाले,
वरन् वह गरीबों का न्याय धार्मिकता से करेगा, वह पृथ्वी के दीन-दलितों का निर्णय निष्पक्षता से करेगा। वह अपने शब्द-रूपी डंडे से अत्याचारियों पर प्रहार करेगा; वह मुंह की फूंक से दुष्टों का नाश करेगा।
राष्ट्र के राजदूतों को क्या उत्तर देना चाहिए? यह कि प्रभु ने सियोन की नींव डाली है, उसकी प्रजा के दु:खी जन उसमें शरण लेंगे।
वे यह निवेदन करते हैं: “हमें सलाह दो, हमारा न्याय करो, इस दिन-दोपहर में हमें रात की छाया दो। निराश्रितों को आश्रय दो, भागनेवालों को पकड़वाकर उनके साथ विश्वासघात मत करो।
तू अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर को भूल गया; तुझे अपने आश्रय की चट्टान का स्मरण नहीं रहा। अत: चाहे तू अदोनी देवता के सम्मान में बाग-बगीचे लगा ले; उस विदेशी देवता के लिए फूल-पौधों की कलम जमा ले,
अथवा यदि वे मेरी छत्र-छाया में शरण लेना चाहें तो वे मेरे साथ शान्ति स्थापित करें। वे मुझसे मेल-मिलाप करें।”
जो न्याय-सिंहासन पर बैठकर न्याय करेगा, उसके लिए प्रभु न्याय की आत्मा होगा; वह उन सैनिको के लिए शक्ति की आत्मा होगा, जो नगर के प्रवेश-द्वार पर युद्ध में आक्रमणकारियों को पीछे ढकेलते हैं।
पीड़ित व्यक्ति प्रभु में अधिकाधिक आनन्दित होंगे, समाज का सर्वाधिक दरिद्र मनुष्य इस्राएल के पवित्र परमेश्वर में हर्षित होगा;
क्योंकि निर्दय मनुष्य निर्मल हो जाएंगे। धर्म-निन्दक शेष न बचेंगे; दुष्कर्म करने को सदा तैयार व्यक्ति नष्ट हो जाएंगे।
तेरा शत्रु-दल बारीक रेत-कणों के सदृश बिखर जाएगा; निर्दयी आक्रमणकारियों का समुदाय भूसे के सदृश उड़ जाएगा। पलक झपकते, अचानक
राजा और प्रशासक जनता के लिए मानो आंधी से छिपने का आश्रय-स्थल तूफान से बचने का आड़-स्थल होंगे। वे मानो निर्जल प्रदेश में जल के झरने उत्तप्त भूमि में विशाल चट्टान की छाया होंगे।
ये कार्य करनेवाला व्यक्ति उच्चस्थान पर निवास करेगा, उसके रक्षा-स्थान चट्टानी किले होंगे; उसे भोजन सदा मिलता रहेगा, उसे जल का अभाव कभी न होगा।
हे प्रभु, हम पर कृपा कर, हम तेरी प्रतीक्षा करते हैं। रोज सबेरे तू हमारा सम्बल बन और संकट के दिन हमारा उद्धारकर्ता!
उस रात प्रभु का एक दूत बाहर निकला। वह असीरियाई सेना के पड़ाव में गया, और उसने वहां एक लाख पचासी हजार सैनिकों का वध कर दिया। जब सबेरा हुआ तब लोगों ने देखा कि शव पड़े हैं!
पर प्रभु यों कहता है, ‘मैं निस्सन्देह, शेर के मुंह से उसका शिकार छुड़ाऊंगा, अत्याचारी के हाथ से उसका बन्दी छीनूंगा। जो तुझसे लड़ते हैं, उनसे मैं लड़ूंगा; और मैं तेरे पुत्र-पुत्रियों को बचाऊंगा।
जब तू दुहाई देगी, तब तेरी ये मूर्तियां, जिनका अम्बार तूने लगा रखा है, तुझे बचाएं। हवा उन्हें उड़ा ले जाएगी, वे एक ही फूंक में उड़ जाएंगी। परन्तु जो मनुष्य मेरी शरण में आएगा, वह इस देश पर अधिकार करेगा, वह मेरे पवित्र पर्वत का अधिकारी होगा।
प्रभु कहता है : ‘इन सबको स्वयं मेरे हाथों ने बनाया है, अत: ये सब वस्तुएँ मेरी ही हैं। पर मैं उस मनुष्य पर ध्यान दूंगा, जो विनम्र है जो आत्मा में पीड़ित है जो मेरे वचन में श्रद्धा रखता है।
मैं तुम्हारे लिए पवित्र स्थान बनूंगा; पर इस्राएली राष्ट्र के दोनों राज-परिवारों के लिए ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान तथा यरूशलेम-निवासियों के लिए जाल और फन्दा बनूंगा।
हे प्रभु, तू ही मेरा बल और मेरा गढ़ है; संकट के समय मैं तेरी ही शरण में आता हूं। प्रभु, विश्व के कोने-कोने से, सब राष्ट्रों के लोग तेरे सम्मुख आएंगे, और यह कहेंगे : ‘निस्सन्देह, हमारे पूर्वजों को पैतृक अधिकार में असत्य के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला; उन्हें निस्सार वस्तुएं प्राप्त हुई जो मनुष्य को लाभ नहीं पहुंचातीं।
तू और तेरे सैनिक-दल तथा तेरे साथ अन्य कौमों के सैनिक इस देश पर आंधी के समान आक्रमण करेंगे, और काले बादल के समान उसको ढक लेंगे।
मैं तेरे मध्य में विनम्र और विनीत लोगों का एक समूह छोड़ूंगा। वे मुझ-प्रभु के नाम का आश्रय खोजेंगे।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! सुन लीजिए। क्या परमेश्वर ने उन लोगों को नहीं चुना है, जो संसार की दृष्टि में दरिद्र हैं, ताकि वे विश्वास के धनी हो जायें और उस राज्य के उत्तराधिकारी बनें, जिसे उसने अपने भक्तों को प्रदान करने की प्रतिज्ञा की है?