जब पृथ्वी और उसके समस्त निवासी डगमगाने लगते हैं, तब मैं ही पृथ्वी के स्तम्भों को स्थिर करता हूँ। सेलाह
यशायाह 24:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पृथ्वी पूर्णत: विदीर्ण हो गई। पृथ्वी पूर्णत: फट गई पृथ्वी अत्यन्त कांप उठी। पवित्र बाइबल भूचाल आयेगा और धरती फटकर खुल जायेगी। Hindi Holy Bible वह मतवाले की नाईं बहुत डगमगाएगी पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पृथ्वी फटकर टुकड़े टुकड़े हो जाएगी, पृथ्वी अत्यन्त कम्पायमान होगी। सरल हिन्दी बाइबल पृथ्वी टुकड़े-टुकड़े होकर, फट गई है और हिला दी गई है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पृथ्वी फटकर टुकड़े-टुकड़े हो जाएगी पृथ्वी अत्यन्त कम्पायमान होगी। (नहू. 1:5) |
जब पृथ्वी और उसके समस्त निवासी डगमगाने लगते हैं, तब मैं ही पृथ्वी के स्तम्भों को स्थिर करता हूँ। सेलाह
मैं सेनाओं का प्रभु, अपने भयंकर क्रोध के दिन अपने रोष से आकाश को कंपाऊंगा, पृथ्वी अपने स्थान से टल जाएगी।
जब प्रभु पृथ्वी को आतंकित करने के लिए अपने सिंहासन से उठेगा, तब मनुष्य उसके आतंक से, उसकी प्रभुता के तेज से भागकर चट्टान की गुफाओं में प्रवेश करेंगे, वे भूमि के गड्ढों में छिपेंगे।
प्रभु के सम्मुख पहाड़ कांपते हैं, पहाड़ियाँ हिलने लगती हैं। उसकी उपस्थिति से, पृथ्वी और उस पर रहनेवाले प्राणी, उजड़ जाते हैं।
वह रुका, उसने पृथ्वी को नापा। उसने देखा, राष्ट्र हिल गए। युग-युग से खड़े पहाड़ बिखर गए। शाश्वत पहाड़ियाँ डूब गईं। उसकी गति आदि काल से एक-सी है।
धरती ने अपना मुंह खोला, और वह उन्हें, उनके परिवार को, उन सब लोगों को, जो कोरह के थे, और उनकी समस्त सम्पत्ति को, निगल गई।
जब येशु जैतून पहाड़ पर बैठे थे, तब शिष्य एकान्त में उनके पास आए और बोले, “हमें बताइए, यह कब होगा? आपके आगमन और युग के अन्त का चिह्न क्या होगा?”
उसने रूबेन के वंशज एलीआब के पुत्र दातन और अबीरम के साथ क्या किया था। तुम्हें मालूम है कि इस्राएली समाज के मध्य धरती ने अपना मुंह खोला और वह दातन और अबीरम को, उनके परिवार को, उनके तम्बुओं को तथा उनके समस्त अनुचरों को निगल गई।
प्रभु का दिन चोर की तरह आ जायेगा। उस दिन आकाश गरजता हुआ विलीन हो जायेगा, मूलतत्व जल कर पिघल जायेंगे और पृथ्वी तथा उस पर किए गए मनुष्यों के कर्म प्रत्यक्ष हो जाएंगे।
आप परमेश्वर के उस आगामी दिवस की प्रतीक्षा करें और उसे शीघ्र लाने का प्रयास करें। आकाश जल कर विलीन हो जायेगा और मूलतत्व ताप के कारण पिघल जायेंगे।
इसके बाद मैंने एक विशाल श्वेत सिंहासन और उस पर विराजमान व्यक्ति को देखा। पृथ्वी और आकाश उसके सामने लुप्त हो गये और उनका कहीं भी पता नहीं चला।