वे धनी दुर्जन के जैतून-कुंज में तेल पेरते हैं; वे अंगूर-रस के कुण्डों में अंगूर रौंदते हैं, पर स्वयं प्यासे रहते हैं!
यशायाह 16:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उपजाऊ खेतों में से आनन्द और हर्ष का लोप हो गया। अब अंगूर-उद्यानों में आनन्द के गीत नहीं गाए जाते, हर्ष-ध्वनि सुनाई नहीं पड़ती। अंगूर के रस-कुण्डों में से रस निकालने वाले नहीं रहे। अंगूर-रस पेरने के समय की जानेवाली हर्ष-ध्वनि बन्द हो गई। पवित्र बाइबल अंगूर के बगीचे में आनन्द नहीं होगा और न ही वहाँ गीत गाये जायेंगे। मैं कटनी के समय की सारी खुशी समाप्त कर दूँगा। दाखमधु बनने के लिये अंगूर तो तैयार है, किन्तु वे सब नष्ट हो जायेंगे। Hindi Holy Bible और फलदाई बारियों में से आनन्द और मगनता जाती रही; दाख की बारियों में गीत न गाया जाएगा, न हर्ष का शब्द सुनाई देगा; और दाखरस के कुण्डोंमें कोई दाख न रौंदेगा, क्योंकि मैं उनके हर्ष के शब्द को बन्द करूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फलदाई बारियों में से आनन्द और मगनता जाती रही; दाख की बारियों में गीत न गाया जाएगा, न हर्ष का शब्द सुनाई देगा; और दाखरस के कुण्डों में कोई दाख न रौंदेगा, क्योंकि मैं उनके हर्ष के शब्द को बन्द करूँगा। सरल हिन्दी बाइबल फलदायी बारी से आनंद और उनकी खुशी छीन ली गई है; दाख की बारी में से भी कोई खुशी से गीत नहीं गाएगा; कोई व्यापारी दाखरस नहीं निकाल रहा है, क्योंकि मैंने सब की खुशी खत्म कर दी है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फलदाई बारियों में से आनन्द और मगनता जाती रही; दाख की बारियों में गीत न गाया जाएगा, न हर्ष का शब्द सुनाई देगा; और दाखरस के कुण्डों में कोई दाख न रौंदेगा, क्योंकि मैं उनके हर्ष के शब्द को बन्द करूँगा। |
वे धनी दुर्जन के जैतून-कुंज में तेल पेरते हैं; वे अंगूर-रस के कुण्डों में अंगूर रौंदते हैं, पर स्वयं प्यासे रहते हैं!
अंगूर का रस उपलब्ध न होने के कारण गलियों में चीत्कार मचा है; आनन्द को पाला मार गया! देश से हर्ष विदा हो गया!
ओ आत्म-सन्तुष्ट महिलाओ, एक वर्ष से कुछ अधिक समय बीतते ही तुम संकट में पड़ जाओगी: अंगूर की फसल नष्ट हो जाएगी, फलों की उपज नहीं होगी।
मोआब की उपजाऊ भूमि से आनन्द और हर्ष विदा हो गए। मैंने अंगूर रस-कुण्डों में रस सुखा दिया, अब हंसते-गाते किसान रसकुण्डों से रस नहीं निकालते। उनके मुंह से हर्ष की आवाज नहीं निकलती।
‘ओ इस्राएल देश के निवासियो! तुम्हारे विनाश का समय आ गया। तुम्हारे लिए विनाश-चक्र घूम चुका है। विनाश-दिवस समीप आ पहुंचा। वह पहाड़ों पर आनन्द-उल्लास के स्वर का नहीं, भगदड़ का दिन होगा।
अंगूर-उद्यान सूख गए। अंजीर के वृक्ष मुरझा गए। अनार, खजूर, सेब, मैदान के सब वृक्ष सूख गए। लोगों के चेहरों पर मुर्दनी छा गई।
तुम गरीब को रौंदते हो, उससे भेंट के रूप में जबरदस्ती अनाज लेते हो। तुमने घूस की कमाई से पत्थरों के भव्य मकान बनाए हैं; पर तुम उन मकानों में रह नहीं सकोगे! तुमने अंगूर के हरे-भरे उद्यान लगाए हैं; लेकिन तुम उनका रस न पी सकोगे!
अंगूर के सब उद्यानों में रोदन का स्वर सुनाई देगा; क्योंकि मैं तुम्हारे मध्य से गुजरूंगा।’ प्रभु ने यह कहा है।
प्रभु यह कहता है : ‘देखो, समय आ रहा है जब हरित क्रांति होगी, फसल काटनेवाला कटाई समाप्त भी न कर पाएगा कि हल चलानेवाला आ पहुँचेगा; बीज बोनेवाले की बोआई पूरी भी न होगी कि दाखरस निकालने वाला आ जाएगा, पहाड़ों से मीठा अंगूर-रस टपकेगा, और सब पहाड़ियां उसमें डूब जाएंगी।
शत्रु उनकी सम्पत्ति लूटेंगे; उनके आबाद घर उजड़ जाएंगे। यद्यपि वे मकान बनाएंगे, तथापि वे उनमें रह नहीं पाएंगे। यद्यपि वे अंगूर-उद्यान लगाएंगे तथापि वे उसका अंगूर-रस पी नहीं सकेंगे।’
वे खेतों में गए। उन्होंने अंगूर के उद्यानों के अंगूर तोड़े, उन्हें रौंद कर उनका रस निकाला और उत्सव मनाया। वे अपने देवता के मन्दिर में गए। उन्होंने वहाँ खाया-पीया, और अबीमेलक की निन्दा की।