जब तक राजदण्ड का स्वामी न आए तब तक राजदण्ड यहूदा से दूर न होगा, और न प्रशासक का दण्ड उसके पैरों के मध्य से अलग होगा। समस्त जातियाँ उसकी आज्ञा का पालन करेंगी।
यशायाह 11:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उस दिन यिशय का वंश-मूल देश-देश के लोगों के लिए एक पताका बनेगा। राष्ट्र उसको ढूंढ़ेंगे। उसका निवास-स्थान तेजोमय होगा। पवित्र बाइबल उस समय यिशै के परिवार में एक विशेष व्यक्ति होगा। यह व्यक्ति एक ध्वजा के समान होगा। यह “ध्वजा” दर्शायेगी कि समस्त राष्ट्रों को उसके आसपास इकट्ठा हो जाना चाहिये। ये राष्ट्र उससे पूछा करेंगे कि उन्हें क्या करना चाहिये और वह स्थान, जहाँ वह होगा, भव्यता से भर जायेगा। Hindi Holy Bible उस समय यिशै की जड़ देश देश के लोगों के लिये एक झण्ड़ा होगी; सब राज्यों के लोग उसे ढूंढ़ेंगें, और उसका विश्रामस्थान तेजोमय होगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस समय यिशै की जड़ देश देश के लोगों के लिये एक झण्डा होगी; सब राज्यों के लोग उसे ढूँढ़ेंगे, और उसका विश्रामस्थान तेजोमय होगा। सरल हिन्दी बाइबल उस दिन यिशै का मूल जो देशों के लिए झंडा समान प्रतिष्ठित होंगे और देश उनके विषय में पूछताछ करेंगे, तथा उनका विश्राम स्थान भव्य होगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस समय यिशै की जड़ देश-देश के लोगों के लिये एक झण्डा होगी; सब राज्यों के लोग उसे ढूँढ़ेंगें, और उसका विश्रामस्थान तेजोमय होगा। (रोम. 15:12) |
जब तक राजदण्ड का स्वामी न आए तब तक राजदण्ड यहूदा से दूर न होगा, और न प्रशासक का दण्ड उसके पैरों के मध्य से अलग होगा। समस्त जातियाँ उसकी आज्ञा का पालन करेंगी।
ओ सर्वोच्च प्रभु के आश्रय में रहने वाले, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की छाया में निवास करने वाले,
वह तुझे अपने पंखों से घेर लेगा, तू उसके चरणों में शरण पाएगा; उसकी सच्चाई ही ढाल और झिलम हैं।
वह इन राष्ट्रों को चेतावनी देने के लिए झण्डा फहराएगा, वह इस्राएली राष्ट्र से निष्कासित लोगों को एकत्र करेगा। वह पृथ्वी की चारों दिशाओं से यहूदा के बिखरे हुए निवासियों को बटोरेगा।
ओ इस्राएली राष्ट्र! जब प्रभु तेरे कष्ट और बेचैनी से तुझे मुक्त करेगा, तुझे गुलामी से छुड़ाएगा, जिसके कारण तुझे कठोर श्रम करना पड़ा था; और जब तू चैन की सांस लेगा
मनुष्य-जाति की चढ़ी हुई आंखें नीची की जाएंगी; मनुष्य का घमण्ड चूर-चूर किया जाएगा। उस दिन केवल प्रभु ही उच्च स्थान पर विराजमान होगा।
आनेवाले दिनों में यह होगा : जिस पर्वत पर प्रभु का भवन निर्मित है, वह विश्व के पर्वतों में उच्चतम स्थान पर, गौरवमय स्थान पर प्रतिष्ठित होगा। वह पहाड़ियों के मध्य उच्चतम स्थान ग्रहण करेगा; विश्व के राष्ट्र जलधारा के समान उसकी ओर बहेंगे।
देश-देश के लोग वहाँ जाएंगे और यह कहेंगे : ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें; आओ, हम याकूब के परमेश्वर के भवन की ओर चलें, ताकि प्रभु हमें अपना मार्ग सिखाए, और हम उसके सिखाए हुए मार्ग पर चलें।’ सियोन पर्वत से प्रभु की व्यवस्था प्रकट होगी, यरूशलेम नगर से ही प्रभु का शब्द सुनाई देगा।
इनके विषय में प्रभु ने यह कहा था: “यही विश्राम है, कि तुम स्वयं थके-मांदे लोगों को विश्राम दो; इसी से पुनर्जीवन प्राप्त होता है।” परन्तु उन्होंने नहीं सुना था।
जब तक वह पृथ्वी पर न्याय की स्थापना नहीं कर लेगा तब तक उसका उत्साह बुझेगा नहीं, वह हिम्मत नहीं हारेगा। द्वीप उसके धर्म-नियमों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
स्वामी प्रभु यों कहता है : ‘देख, मैं संकेत देने के लिए राष्ट्रों की ओर अपना हाथ उठाऊंगा, मैं कौमों की ओर अपना झण्डा खड़ा करूंगा। वे तेरे पुत्रों को अपनी गोद में उठा लेंगे, और उनको वापस लाएंगे; वे तेरी पुत्रियों को कन्धों पर बैठा कर लाएंगे।
अत: पूर्व से पश्चिम तक लोग प्रभु के नाम से, उसके तेज से डरेंगे; क्योंकि वह उमड़ते हुए जल-प्रवाह के सदृश आएगा, जिसको प्रभु का आत्मा बहाएगा।
यह देखकर तू प्रसन्नता से प्रफुल्लित हो उठेगी, तेरा हृदय हर्षित और गदगद हो उठेगा; क्योंकि समुद्र का अपार धन, राष्ट्रों की धन-सम्पत्ति तेरे पास आएगी।
प्रवेश-द्वार से बाहर निकलो, बाहर निकलो; और आनेवाले लोगों के लिए मार्ग तैयार करो; सुधारो, राजमार्ग सुधारो; पत्थरों को हटा दो! कौमों के लिए झंडा फहराओ।
मैं उनके मध्य एक चिह्न स्थापित करूंगा। मैं उनमें से अपने बचे हुए लोगों को अनेक राष्ट्रों में तथा उन सुदूर राष्ट्रों में भेजूंगा जिन्होंने न मेरा नाम सुना है, और न मेरी महिमा के दर्शन किए हैं : तर्शीश, धनुर्धारी पूत और लूद, तूबल और यवन; उन राष्ट्रों में वे मेरी महिमा प्रकट करेंगे।’
प्रभु यों कहता है, ‘मार्ग के किनारे खड़े हो, और स्वयं देखो। प्राचीन पथों का पता लगाओ। लोगों से पूछो कि सन्मार्ग कहां है। तब उस पर चलो, तभी तुम्हारी आत्मा को चैन मिलेगा। लेकिन यरूशलेम निवासी कहते हैं, “हम सन्मार्ग पर नहीं चलेंगे।”
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह भी कहता है : मेरे मन्दिर की यह भव्यता पहले वाली भव्यता से अधिक भव्य होगी। मुझ-प्रभु का यह कथन है: मैं इस स्थान को समृद्धि प्रदान करूंगा। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की यही वाणी है।’
केवल वही मुझ-प्रभु के मन्दिर का निर्माण करेगा और वही राजसी गौरव को प्राप्त करेगा। वह सिंहासन पर बैठेगा और शासन करेगा। उसके सिंहासन की दाहिनी ओर पुरोहित बैठेगा और उन दोनों के मध्य विचारों में तालमेल होगा।” ’
अत: उन लोगों ने प्रभु के पर्वत से प्रस्थान किया, और तीन दिन के मार्ग की दूरी तय की। तीन दिन की इस यात्रा में प्रभु के विधान की मंजूषा उनके लिए विश्राम-स्थल ढूंढ़ने के अभिप्राय से उनके आगे-आगे गई।
“मैं तुम से कहता हूँ, बहुत लोग पूर्व और पश्चिम से आ कर अब्राहम, इसहाक और याकूब के साथ स्वर्गराज्य के भोज में सम्मिलित होंगे,
ये बातें सुन कर यहूदी विश्वासी शान्त हो गये और उन्होंने यह कहते हुए परमेश्वर की स्तुति की, “परमेश्वर ने गैर-यहूदियों को भी यह वरदान दिया कि वे हृदय-परिवर्तन कर जीवन प्राप्त करें।”
“इसलिए आप सब को मालूम हो कि परमेश्वर का यह मुक्ति-संदेश गैर-यहूदियों को भेजा गया है। वे अवश्य सुनेंगे।”
परमेश्वर के विश्रामस्थान में प्रवेश करने की वह प्रतिज्ञा अब तक कायम है; इसलिए हम सतर्क रहें कि आप लोगों में से कोई भी अयोग्य न ठहरे, और उसमें प्रवेश करने से वंचित न रह जाये।
परमेश्वर ने, जो सम्पूर्ण अनुग्रह का स्रोत है, आप लोगों को येशु मसीह में अपनी शाश्वत महिमा का भागीदार बनने के लिए बुलाया है। वह, आपके थोड़े ही समय तक दु:ख भोगने के बाद, आप को परिपूर्ण, सुस्थिर, समर्थ तथा सुदृढ़ बनायेगा।
“मैं − येशु − ने कलीसियाओं के विषय में ये बातें प्रकट करने के लिए अपना दूत तुम्हारे पास भेजा है। मैं दाऊद का श्रेष्ठ वंशज तथा सन्तान हूँ, प्रभात का उज्ज्वल तारा हूँ।”
इस पर धर्मवृद्धों में से एक ने मुझ से कहा, “मत रोओ! देखो, वह, जो यहूदा कुल का सिंह है, जो दाऊद का श्रेष्ठ वंशज है, वह विजयी हुआ है। वह पुस्तक और उसकी सात मोहरें खोलने योग्य है।”