राजा ने पुरोहित एबयातर से कहा, ‘तुम अनातोत नगर में अपनी जागीर को चले जाओ। तुम मृत्यु-दण्ड के योग्य हो! किन्तु मैं इस समय तुम्हें मृत्यु-दण्ड नहीं दूंगा, क्योंकि तुम मेरे पिता दाऊद के सामने प्रभु परमेश्वर की मंजूषा उठाकर चलते थे। तुमने मेरे पिता के साथ उनकी दु:ख-तकलीफों को भोगा है।’