हम इस्राएल प्रदेश के शान्तिप्रिय और विश्वसनीय लोग हैं। आप हमारे इस नगर को, जो इस्राएल प्रदेश का महानगर है, नष्ट करने का प्रयत्न कर रहे हैं। आप प्रभु की मीरास को क्यों निगलना चाहते हैं?’
मीका 2:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु तुम शत्रु के समान मेरे अपने लोगों के विरुद्ध खड़े हो। जो लड़ाई की इच्छा भी नहीं रखते, जो तुम पर विश्वास करके राह से गुजरते हैं, उन शान्तिप्रिय लोगों के कपड़े तुम उतार लेते हो। पवित्र बाइबल किन्तु अभी हाल में, मेरे ही लोग मेरे शत्रु हो गये हैं। तुम राहगीरों के कपड़े उतारते हो। जो लोग सोचते हैं कि वे सुरक्षित हैं, किन्तु तुम उनसे ही वस्तुएँ छींनते हो जैसे वे युद्धबन्दी हो। Hindi Holy Bible परन्तु कल की बात है कि मेरी प्रजा शत्रु बन कर मेरे विरुद्ध उठी है; तुम शान्त और भोले-भाले राहियों के तन पर से चादर छीन लेते हो जो लड़ाई का विचार न कर के निधड़क चले जाते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु कल की बात है कि मेरी प्रजा शत्रु बनकर मेरे विरुद्ध उठी है; तुम शान्त और भोले–भाले राहियों के तन पर से चादर छीन लेते हो जो लड़ाई का विचार न करके निधड़क चले जाते हैं। सरल हिन्दी बाइबल हाल ही में मेरे लोग एक शत्रु के समान उठ खड़े हुए हैं. तुम उन व्यक्तियों के मंहगे कपड़े छीन लेते हो जो बेफिक्र होकर जाते रहते हैं, मानो वे युद्ध से लौट रहे हों. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु कल की बात है कि मेरी प्रजा शत्रु बनकर मेरे विरुद्ध उठी है; तुम शान्त और भोले-भाले राहियों के तन पर से वस्त्र छीन लेते हो जो लड़ाई का विचार न करके निधड़क चले जाते हैं। |
हम इस्राएल प्रदेश के शान्तिप्रिय और विश्वसनीय लोग हैं। आप हमारे इस नगर को, जो इस्राएल प्रदेश का महानगर है, नष्ट करने का प्रयत्न कर रहे हैं। आप प्रभु की मीरास को क्यों निगलना चाहते हैं?’
मनश्शे इफ्रइम को खा रहा है, और इफ्रइम मनश्शे को। वे दोनों मिलकर यहूदा को खा रहे हैं। प्रभु का क्रोध इस विनाश के बाद भी शान्त नहीं होगा; विनाश के लिए उसका हाथ अब तक उठा हुआ है।
मेरी मीरास जंगल की सिंहनी के समान मेरे प्रति व्यवहार करती है। वह मुझे देखकर दहाड़ती है; अत: मैं उससे घृणा करता हूं।
तुम भलाई से घृणा करते, पर बुराई से प्रेम। तुम मेरे अपने लोगों की खाल खींचते हो, उनकी हड्डियों से मांस नोंच लेते हो।
तुम मेरे निज लोगों का मांस खाते हो, तुम उनकी चमड़ी उधेड़ लेते हो। हांडी के गोश्त की तरह कड़ाह के मांस के समान तुम उनकी हड्डियों को चूर-चूर करते हो, उनकी बोटी-बोटी करते हो।’
पृथ्वी से भक्त उठ गए, मनुष्यों में सत्यनिष्ठ व्यक्ति नहीं रहे। सब लोग हत्या के उद्देश्य से घात लगाते हैं। हर आदमी अपने भाई के लिए जाल बिछाता है।
उनके हाथ में दुष्कर्म हैं, वे कुकर्म करने में निपुण हैं। शासक और न्यायाधीश घूस मांगते हैं। बड़े लोग मनमानी करते हैं। यों ये सब मिलकर कुचक्र रचते हैं।