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मलाकी 2:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यदि तुम मेरी यह बात नहीं सुनोगे, मेरे नाम की महिमा करने पर ध्‍यान नहीं दोगे, तो मैं, स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु, यह कहता हूं: मैं तुम पर शाप प्रेषित करूंगा। मैं तुम्‍हारे वरदानों को शापों में बदल दूंगा। निस्‍सन्‍देह मैंने उन्‍हें शाप में बदल दिया है, क्‍योंकि तुमने मेरे नाम की महिमा करने पर ध्‍यान नहीं दिया।

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पवित्र बाइबल

यदि तुम मेरे नाम का सम्मान नहीं करते तो तुम्हारे साथ बुरा घटित होगा। तुम आशीर्वाद दोगे, किन्तु वे अभिशाप बनेंगे। मैं बुरा घटित कराऊँगा क्योंकि तुम मेरे नाम का सम्मान नहीं करते!” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा!

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Hindi Holy Bible

यदि तुम इसे न सुनो, और मन लगा कर मेरे नाम का आदर न करो, तो सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि मैं तुम को शाप दूंगा, और जो वस्तुएं मेरी आशीष से तुम्हें मिलीं हैं, उन पर मेरा शाप पड़ेगा, वरन तुम जो मन नहीं लगाते हो इस कारण मेरा शाप उन पर पड़ चुका है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

यदि तुम इसे न सुनो, और मन लगाकर मेरे नाम का आदर न करो, तो सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि मैं तुम को शाप दूँगा, और जो वस्तुएँ मेरी आशीष से तुम्हें मिली हैं, उन पर मेरा शाप पड़ेगा, वरन् तुम जो मन नहीं लगाते हो इस कारण मेरा शाप उन पर पड़ चुका है।

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सरल हिन्दी बाइबल

यदि तुम नहीं सुनते हो, और यदि तुम मेरे नाम का आदर करने का निश्चय नहीं करते हो,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है, “तो मैं तुमको एक शाप दूंगा, और मैं तुम्हारी आशीषों को श्रापित करूंगा. हां, मैं उन्हें पहले ही शापित कर चुका हूं, क्योंकि तुमने मेरा आदर न करने का निश्चय किया है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

यदि तुम इसे न सुनो, और मन लगाकर मेरे नाम का आदर न करो, तो सेनाओं का यहोवा यह कहता है कि मैं तुम को श्राप दूँगा, और जो वस्तुएँ मेरी आशीष से तुम्हें मिलीं हैं, उन पर मेरा श्राप पड़ेगा, वरन् तुम जो मन नहीं लगाते हो इस कारण मेरा श्राप उन पर पड़ चुका है।

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मलाकी 2:2
31 क्रॉस रेफरेंस  

उनके सम्‍मुख रखा हुआ भोजन फन्‍दा बन जाए, और उनकी सहभागिता-बलि एक जाल।


प्रभु का श्राप दुर्जन के घर पर पड़ता है; पर प्रभु धार्मिक व्यक्‍ति के निवास-स्‍थान पर आशिष की वर्षा करता है।


अत: उसने इस्राएली राष्‍ट्र पर अपनी क्रोधाग्‍नि की वर्षा की, युद्ध का आतंक फैलाया। विनाश की आग से इस्राएली राष्‍ट्र चारों ओर से घिर गया, पर उसने उसको नहीं समझा, कि यह क्‍यों हुआ। आग ने उसको झुलसा दिया, पर वह नहीं चेता।


तूने सोचा था, कि तू सदा मालकिन बनी रहेगी। अत: तूने अपने हृदय में इन बातों पर विचार नहीं किया, तू भूल गई कि इनका परिणाम गंभीर होगा।


तूने किसके डर से भयभीत होकर मुझ से झूठ कहा; मुझे स्‍मरण नहीं किया, मेरा विचार भी नहीं किया? निस्‍सन्‍देह मैं बहुत समय तक चुप रहा, इसलिए तूने मुझ से डरना छोड़ दिया।


इसलिए मैं-प्रभु यह कहता हूं : तूमने मेरे आदेश का पालन नहीं किया, और यों अपने जाति-बन्‍धु को मुक्‍त करने की घोषणा नहीं की। अत: देखो, मैं घोषणा करता हूं कि तुम तलवार, महामारी और अकाल के बन्‍धन में फंस जाओगे। मैं-प्रभु यह कहता हूं : मैं पृथ्‍वी के समस्‍त राज्‍यों में तुम्‍हें आतंक का कारण बना दूंगा।


किन्‍तु इस्राएल-कुल तेरी बात नहीं सुनेगा; क्‍योंकि वह मेरी बात सुनने को तैयार नहीं है। समस्‍त इस्राएल-कुल का मन ढीठ और उनका हृदय हठी हो गया है।


तुमने बहुत बोया, पर काटा थोड़ा। तुम खाते हो, पर तृप्‍त नहीं होते। पानी पीते हो, पर प्‍यास नहीं बुझती। तुम कपड़े पहिनते हो, पर उससे तुम्‍हारी ठण्‍ड दूर नहीं होती। मजदूर कमाता है, पर अपनी कमाई को ऐसी थैली में रखता है, जिसमें छेद है।’


तुमने फसल अधिक पाने की आशा की थी, पर वह तुम्‍हें मिली थोड़ी। जब तुम फसल घर में लाए तब मैंने उसे फूंक दिया। क्‍यों? सुनो, मैं, स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु तुमसे यह कह रहा हूं: मैंने अपने भवन के कारण यह किया है। मेरा भवन ध्‍वस्‍त पड़ा है, और तुम सब अपना-अपना घर बनाने में व्‍यस्‍त हो।


‘ओ पुरोहितो, अब तुम्‍हारे लिए यह आज्ञा है:


तुम-सब, सारा राष्‍ट्र महाशाप से शापित है, क्‍योंकि तुम मुझे धोखा दे रहे हो।


क्‍या इस परदेशी को छोड़ और कोई ऐसा नहीं निकला, “जो लौट कर परमेश्‍वर की स्‍तुति करता?”


यहोशुअ ने आकन से कहा, ‘मेरे पुत्र, इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर की महिमा कर, उसकी स्‍तुति कर! मुझे बता कि तूने क्‍या किया है? मुझ से कुछ मत छिपाना।’


जो प्रवचन देता है, उसे स्‍मरण रहे कि वह परमेश्‍वर के शब्‍द बोल रहा है। जो धर्मसेवा करता है, वह जान ले कि परमेश्‍वर ही उसे बल प्रदान करता है। इस प्रकार सब बातों में येशु मसीह द्वारा परमेश्‍वर की महिमा प्रकट हो जायेगी। महिमा तथा सामर्थ्य युगानुयुग परमेश्‍वर का ही है। आमेन!


वह ऊंचे स्‍वर से यह कह रहा था, “परमेश्‍वर पर श्रद्धा रखो! उसकी स्‍तुति करो! क्‍योंकि उसके न्‍याय का दिन आ गया है। जिसने स्‍वर्ग और पृथ्‍वी, समुद्र और जलस्रोतों की रचना की, उसकी आराधना करो।”


मनुष्‍य प्रचण्‍ड ताप से जल गये। उन्‍होंने उन विपत्तियों पर अधिकार रखने वाले परमेश्‍वर के नाम की निन्‍दा की, लेकिन उन्‍होंने पश्‍चात्ताप नहीं किया और परमेश्‍वर की स्‍तुति करना नहीं चाहा।